अफगानिस्तान में तालिबान के शासन की एक और क्रूर झलक देखने को मिली है. राजधानी काबुल में महिलाओं के क्लोदिंग स्टोर की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें महिलाओं के पुतलों का चेहरा ढक दिया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान शुरुआत में चाहता था कि महिलाओं के इन पुतलों के सिर कलम कर दिए जाए. लेकिन बाद में पुतलों के चेहरे ढकने के फैसला किया गया.
काबुल के दुकानों में लगे महिलाओं के पुतलों की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनमें महिलाओं के चेहरे ढके हैं. कई पुतलों के चेहरे एल्यूमिनियम पेपर से भी ढक दिए हैं.
दुकानों में लगे इन पुतलों के चेहरों को अलग-अलग तरीके से ढका गया है. कुछ पुतलों को एल्यूमिनियम फॉइल पेपर, कुछ को कपड़ों और कुछ को पॉलीथीन से ढक दिया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन पुतलों के चेहरे पूरी तरह से ढके हुए हैं. तालिबान शासन के तहत नियमित तौर पर दुकानों और मॉल की चेकिंग की जाती है.
तालिबान का यह फैसला महिलाओं को पब्लिक स्पॉटलाइट से दूर रखने के तहत लिया है. तालिबान का कहना है कि इंसानों के पुतले इस्लामिक कानून का उल्लंघन है. सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें पुतलों का सिर कल्म करते देखा जा सकता है.
तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था. उसके बाद से तालिबान ने यह आदेश जारी किया था कि दुकानों और मॉल से सभी पुतलों को हटा दिया जाना चाहिए. तालिबान ने दुकानों में इंसानी पुतलों को लगाना इस्लामिक कानून का उल्लंघन बताया है.
महिलाओं के हिजाब पहनने का दुनियाभर में विरोध हो रहा है. पिछले साल ईरान में सही तरीके से हिजाब नहीं पहनने की वजह से महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके बाद से हिजाब के विरोध की अलख पूरी दुनिया में फैली.