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तालिबान अफगान एयर फोर्स के पायलटों को चुन चुन कर क्यों मार रहा?

aajtak.in
  • काबुल/वॉशिंगटन,
  • 16 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 2:01 PM IST
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अफगान एयर फोर्स के मेजर दस्तगीर ज़मारे ऑफ ड्यूटी पायलटों की हत्याओं से इतने भयभीत थे कि उन्होंने अपना घर बेचकर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के सुरक्षित इलाके में रहने का फैसला किया. आम तौर पर रियल एस्टेट एजेंट घर की तलाश में आए अपने क्लाइंट का खुशी-खुशी स्वागत करते हैं. लेकिन दस्तगीर ज़मारे के साथ इसका उलट हुआ. वह आशियाने की तलाश में रियल एस्टेट एजेंट के पास पहुंचे, लेकिन जैसे ही पता चला कि जमारे वायु सेना के पायलट हैं, एजेंट फौरन अपने घर के अंदर गया और लौटकर बिना कुछ कहे उनके सिर में गोली मार दी. 

(फोटो-रॉयटर्स)

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जमारे की अपने 14 साल के बेटे के सामने मौत हो गई, जो उनके साथ ही एजेंट के पास गया था. बेटा बच गया, लेकिन परिजनों का कहना है कि वह अब बहुत कम बोलता है. उनके बहनोई समीउल्लाह दारमन ने रॉयटर्स को बताया, 'ज़मारे केवल इसलिए गए क्योंकि वह व्यक्तिगत रूप से एजेंट को जानते थे और सोच रहे थे कि उसके पास जाना सुरक्षित है. हमें नहीं पता था कि वह कभी वापस नहीं आएंगे.'

(फोटो-रॉयटर्स)

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ज़मारे इकलौते ऑफ ड्यूटी पायलट नहीं हैं जो तालिबान की गोलियों का निशाना बने. अफगान सरकार के दो सीनियर अफसरों ने बताया कि हाल के महीनों में ज़मारे सहित सात पायलटों की इसी तरह हत्या कर दी गई. तालिबान जानबूझकर अफगान एयर फोर्स के पायलटों को निशाना बना रहे हैं. अमेरिकी और अफगान अफसरों का मानना है कि तालिबान अफगान एयर फोर्स के पायलटों को इसलिए मार रहा है क्योंकि उन्हें अमेरिकी और नाटो बलों ने सैन्य ट्रेनिंग मुहैया कराई है. तालिबान के पास अफगान वायुसेना का मुकाबला करने की ताकत नहीं है और इसीलिए वह अफगान पायलटों को निशाना बना रहा है.

(फोटो-रॉयटर्स)  
 

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तालिबान अपने ऊपर आसमान से होने वाले खतरों को कम करने के लिए पायलटों की हत्याओं को अंजाम दे रहा है. अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा करने में जुटा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का आकलन है कि अगर यही हालात रहे तो राष्ट्रपति अशरफ गनी सरकार के लिए अपना अस्तित्व बचाए रखना मुश्किल होगा.

(फोटो-AP)

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रॉयटर्स ने परिवार के सदस्यों के माध्यम से मारे गए सात में से दो पायलटों की पहचान की पुष्टि की. यह अन्य पांच के नामों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका जिन्हें निशाना बनाया गया था. रॉयटर्स के सवालों के जवाब में, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने पुष्टि की कि समूह ने ज़मारे को मार डाला था. तालिबान ने अफगान एयर फोर्स के पायलटों की हत्या और उनके खात्मे का अभियान शुरू किया है क्योंकि ये पायलट उन पर बमबारी करते हैं.

(फोटो-रॉयटर्स)  
 

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संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि 2021 के पहले तीन महीनों में अफगानिस्तान में तालिबान के हमलों में 229 नागरिक मारे गए जबकि इसी दौरान अफगान वायु सेना की वजह से 41 लोगों की मौत हो गई. 

(फोटो-AP) 

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अफगानिस्तान की सरकार ने तालिबान के हमले में कितने पायलट मारे गए हैं, उनकी संख्या का खुलासा नहीं किया है. अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में सवालों के जवाब नहीं दिए. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का कहना है कि वो कई अफगान पायलटों की हत्याओं की घटना से अवगत था, लेकिन उसने अमेरिकी खुफिया और जांच पर टिप्पणी से इनकार कर दिया.

(फोटो-रॉयटर्स)

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मौजूदा और पूर्व अफगान व अमेरिकी अफसरों का कहना है कि हाल के दिनों में पायलटों को निशाना बनाया जा रहा है. क्योंकि वे तालिबान के खिलाफ बड़े हमलों को अंजाम देने के साथ साथ जमीन पर लड़ रहे अफगान मिलिट्री के जवानों को सुरक्षा कवर भी देते हैं. पायलटों की ट्रेनिंग में वर्षों लग जाते हैं जिनका कोई विकल्प नहीं है. पायलटों की हत्याओं से अफगान सरकार को काफी नुकसान हुआ है जो देश की रक्षा के लिए बड़ा झटका है.

(फोटो-AP) 

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2016 से 2017 तक अफगान वायु सेना के लिए ट्रेनिंग की कमान संभालने वाले सेवानिवृत्त अमेरिकी ब्रिगेडियर जनरल डेविड हिक्स ने कहा कि गोलीबारी और दुर्घटनाओं का हमेशा जोखिम रहता है. लेकिन ये पायलट अक्सर तालिबान की गोलियों का निशाना बनते हैं. हिक्स का कहना है कि अफगानिस्तान में पायलटों की जान तब और ज्यादा जोखिम में रहती है जब वे ड्यूटी पर नहीं होते हैं. 

(फोटो-Getty Images)

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हालांकि, तालिबान पहले भी पायलटों की हत्याएं करता रहा है. लेकिन हाल ही में हुई हत्याएं अधिक मायने रखती हैं क्योंकि अफगान वायु सेना इससे पहले इतना सक्रिय नहीं थी. अफगान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "तालिबान की हिट लिस्ट में पायलट सबसे ऊपर हैं." 

(फोटो-Getty Images) 

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नाम न छापने की शर्त पर तीन अफगान अधिकारियों ने बताया कि पायलटों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए काम किया जा रहा है. कई परिवारों को एयरबेस में स्थानांतरित किया जा रहा है. कुछ को अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. इस बीच, व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याओं की निंदा की है. अमेरिका ने अफगान वायुसेना के पायलटों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्धता जताई है.

(फोटो-Getty Images)

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ट्रेनिंग और इक्विपमेंट के लिए अफगान एयर फोर्स पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है. पेंटागन ने अभी तक यह नहीं बताया है कि आने वाले हफ्तों में अमेरिकी नेतृत्व वाले मिशन के औपचारिक रूप से समाप्त होने के बाद अफगान के लड़ाकू विमान उड़ान कैसे भरेंगे. पेंटागन ने अफगान एयर फोर्स को मदद का आश्वासन दिया है.

(फोटो-रॉयटर्स)

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CIA के पूर्व निदेशक और अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों के कमांडर रहे डेविड पेट्रियस ने चेतावनी दी कि अफगान सेना को मदद मुहैया नहीं कराई गई तो यह विनाशकारी होगा. उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान और वहां के लोगों को गृह युद्ध के मुंह में धकेल रहे हैं. गोपनीयता की शर्त पर एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि कोई नहीं चाहता कि अफगान वायु सेना पहले ही हथियार डाल दे.

(फोटो-रॉयटर्स)

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तालिबान के खिलाफ लड़ाई के दौरान घायल हुए सैनिकों को निकालने की कोशिश में 7 जून को अफगान वायु सेना के दो पायलट मारे गए थे. तालिबान ने एमआई-17 हेलीकॉप्टर को मार गिराने का दावा किया है. मृत पायलटों की पहचान मिलाद मसूद और अब्दुल अलीम शहरयारी के रूप में की गई. अफगान रक्षा मंत्रालय ने कहा कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि यह कैसे हुआ. उसने पायलटों की पहचान भी उजागर नहीं की. नाम न छापने की शर्त पर एक अफगान अधिकारी ने पुष्टि की कि हेलीकॉप्टर को मार गिराया गया था. चालक दल और विमान दोनों कीमती थे.

(फोटो-रॉयटर्स)

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अप्रैल 2021 और नवंबर 2020 के अमेरिकी सैन्य आंकड़ों के अनुसार, अफगान बेड़े में केवल 13 एमआई-17 हेलीकॉप्टर और 65 योग्य पायलट और सह-पायलट शामिल थे. आंकड़ों से पता चलता है कि अफगान वायु सेना में 339 योग्य वायुकर्मी और 160 विमान शामिल हैं. करीब 140 विमान मरम्मत के दौर से गुजर रहे हैं.

(फोटो-Getty Images)

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ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर, C-130H मालवाहक विमान, ए-29 सुपर ट्यूकानो लाइट अटैक एयरक्राफ्ट, एसी-208 एलिमिनेटर विमान और एमडी-530 हेलीकॉप्टर समेत कई विमान अफगान वायुसेना के पास है. लेकिन इनका रखरखाव कैसे किया जाएगा, इसकी जानकारी अफगान लोगों को नहीं है. इसकी जिम्मेदारी पेंटागन और अमेरिकी ठेकेदारों के पास है.

(फोटो-Getty Images)

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अफगान हेलीकॉप्टर पायलट मेजर नईम असदी का कहना है कि वायु सेना पायलटों की सुरक्षा में नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि अफगान वायुसेना ने पायलटों की ट्रेनिंग पर खूब पैसे खर्च किए लेकिन उनकी सुरक्षा पर कोई खर्च नहीं किया जा सका. मेजर नईम असदी अभी अमेरिका के न्यू जर्सी में शरण लिए हुए हैं. असदी ने शिकायत की कि सभी अफगान पायलटों को समान या नियमित रूप से भुगतान नहीं किया जाता है. हजारा अल्पसंख्यक के सदस्य के रूप में असदी का मानना ​​था कि वह प्रमोशन का एग्जाम पास कर गए थे. लेकिन अफगान वायुसेना सबसे साथ समान सलूक नहीं किया जाता है. अफगान सेना ने असदी पर टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.  

(फोटो-AP)

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