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तालिबान को लेकर अमेरिका पर जमकर बरसे इमरान खान

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य हमले और फिर कमजोर राजनीतिक हालात में बाइडेन प्रशासन के तालिबान से समझौते के प्रयास पर सवाल भी उठाया. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने वास्तव में अफगानिस्तान में सब गड़बड़ कर दिया है. 

(फोटो-रॉयटर्स)

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मंगलवार रात प्रसारित अमेरिकी न्यूज कार्यक्रम PBS NewsHour में इमरान खान ने यह टिप्पणी ऐसे समय की, जब अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी अंतिम चरण में है. विदेशी सैनिकों के बाद से तालिबान तेजी से मजबूत हुआ है और उसने अफगानिस्तान के 85% हिस्से पर कब्जा का दावा किया है. कई इलाकों में अफगान सेना अपना कब्जा बहाल करने के लिए तालिबान से जूझ रही है. अफगानिस्तान में बेपटरी सुरक्षा हालात को लेकर पड़ोसी मुल्क चिंतित हैं.

(फोटो-Getty Images)

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बहरहाल, पत्रकार जूडी वुड्रूफ़ के साथ इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा, 'मुझे लगता है कि अमेरिका ने वास्तव में अफगानिस्तान में सब कुछ और खराब कर दिया है.' उन्होंने अफगानिस्तान में सैन्य समाधान के अमेरिकी रणनीति की भी जमकर आलोचना की. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, 'इतिहास से वाकिफ मेरे जैसे लोग लगातार कह रहे हैं कि अफगानिस्तान मसले का कोई सैन्य समाधान नहीं है. लेकिन मेरे जैसे लोगों को एंटी-अमेरिका बोला गया, मुझे तालिबान खान तक कहा गया.' 

(फोटो-Getty Images)

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अफसोस जताते हुए इमरान खान ने कहा कि अमेरिका को अब अहसास हुआ है कि अफगानिस्तान का कोई मिलिट्री सॉल्यूशन नहीं है. लेकिन दुर्भाग्य से अमेरिकियों अथवा नाटो ने सौदेबाजी की ताकत खो दी है. अमेरिका को उस समय समझौता करना चाहिए था जब अफगानिस्तान में उसके सैनिकों की तादात 10 हजार थी. लेकिन अब अमेरिका के लिए तालिबान से समझौता करना बहुत मुश्किल है. 

(फोटो-रॉयटर्स)
 

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तालिबान का फिर से उभार क्या अफगानिस्तान के लिए अच्छा है? इस सवाल पर इमरान खान ने दोहराया कि अफगानिस्तान में सिर्फ राजनीतिक समझौता ही एक मात्र रास्ता है, जो समावेशी हो. जाहिर है तालिबान सरकार का हिस्सा होगा. 

(फोटो-Getty Images)

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इमरान खान ने अफगानिस्तान में सिविल वॉर की स्थिति में पाकिस्तान के लिए खड़ा होने वाले संकट का भी जिक्र किया. इमरान खान ने कहा कि अगर अफगानिस्तान में गृह युद्ध छिड़ता है तो यह पाकिस्तान के लिए सबसे खराब स्थिति होगी. शरणार्थियों की समस्या बढ़ेगी. पहले से ही, पाकिस्तान में 30 लाख से अधिक अफगान शरणार्थी हैं, और हमें जिस बात का डर है वह यह है कि अगर एक लंबा गृहयुद्ध छिड़ता है तो शरणार्थी समस्या और बढ़ेगी. हमारी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि हम और शरणार्थियों को झेल सकें.'

(फोटो-Getty Images)

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दूसरी समस्या के बारे में विस्तार से बताते हुए इमरान खान ने चिंता जाहिर की कि सीमा पार संभावित गृहयुद्ध का खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा, तालिबान पश्तून हैं और अगर यह सब (अफगानिस्तान में गृह युद्ध और हिंसा) जारी रहा, तो हमारी तरफ के पश्तून इसमें शामिल हो जाएंगे.

(फोटो-Getty Images)

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तालिबान को पाकिस्तान की तरफ से सैन्य और आर्थिक मदद मुहैया कराने के आरोप पर इमरान खान ने कहा कि यह बहुत ही अनुचित आरोप है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी जंग में 70 हजार पाकिस्तानी मारे गए, जबकि न्यूयॉर्क में 9/11 हमले से पाकिस्तान का कोई लेना-देना नहीं था. अमेरिका के वर्ल्ड सेंटर पर अटैक में कोई भी पाकिस्तानी शामिल नहीं था. उस समय अल-कायदा और तालिबान का कोई भी मिलिटेंट पाकिस्तान में नहीं था.

(फोटो-AP)

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इमरान खान ने कहा कि अमेरिका में हमले से पाकिस्तान का कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन अफसोजनक बात है कि अफगानिस्तान में युद्ध के चलते पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को 150 बिलियन डॉलर की चपत लगी.

(फोटो-Getty Images)

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