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सोशल मीडिया छोड़ रहीं अफगानी महिलाएं, ऐसा है तालिबान का खौफ

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 21 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST
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तालिबान की हुकूमत (Taliban Rule) आते ही अफगानिस्तान (Afghanistan) की अवाम खौफजदा है. महिलाओं, अल्पसंख्यकों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर फेमस लोग भी सदमे में हैं. कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर (Social Media Influencer) अब प्लेटफॉर्म से किनारा कर रहे हैं. (फ़ाइल फोटो- गेटी) 

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अल-जजीरा के मुताबिक, सादिका मददगर (Sadiqa Madadgar) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती थीं, लेकिन जब से तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया, उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बना ली. कई इन्फ्लुएंसर या तो शहर छोड़कर भाग गए हैं या फिर अपना अकाउंट ही बंद कर रहे हैं. (सांकेतिक फोटो- गेटी) 

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सादिका रियलिटी सिंगिंग प्रतियोगिता "Afghan Star" में हिस्सा ले चुकी हैं. उन्होंने अपने शानदार गायन से खूब लोकप्रियता कमाई. हालांकि, सादिका मददगर मुस्लिम रीतिरिवाज के हिसाब से रहती हैं, बुर्का-हिजाब आदि पहनती हैं, लेकिन (Taliban) से खौफजदा हैं. (फोटो- गेटी) 

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अफगानी गर्ल सादिका के YouTube पर 21,200 सब्सक्राइबर हैं और इंस्टाग्राम पर 182,000 फॉलोअर्स हैं. यहां उन्होंने तरह-तरह के वीडियोज अपलोड किए हैं, जिन्हें अच्छी खासी संख्या में व्यूज मिले हैं. (फोटो- गेटी) 
 

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बीते दिनों सादिका मददगर ने इंस्टाग्राम पर अपना पहला राजनीतिक पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने लिखा- "मैं अपने दर्द को ऑनलाइन व्यक्त करना पसंद नहीं करती, लेकिन मैं इससे थक गई हूं." सादिया ने आगे लिखा कि "मेरा दिल टुकड़े-टुकड़े हो गया है, मेरी मातृभूमि मेरी आंखों के सामने धीरे-धीरे नष्ट हो रही है." (फोटो- गेटी) 

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सादिया के इस पोस्ट के अगले दिन, तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया, और मददगर ने इसके बाद पोस्ट करना बंद कर दिया. ऐसे ही लाखों अफ़गान युवाओं विशेष रूप से महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों को डर है कि जो कुछ भी अब वो ऑनलाइन पोस्ट करेंगे, वह अब उनके जीवन को खतरे में डाल सकता है. (फोटो- एपी) 
 

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इसी तरह आयदा शादाब (Ayeda Shadab) भी कई युवा अफगान महिलाओं के लिए एक फैशन आइकन थीं, जिनके इंस्टाग्राम पर 290,000 और टिकटॉक पर 400,000 फॉलोअर्स हैं. लेकिन खुले विचार वाली आयदा अब तालिबान की हुकूमत में दहशत में हैं. उन्होंने हाल ही में एक साक्षात्कार में जर्मन मीडिया को बताया कि "मेरे जैसी महिलाएं जो घूंघट नहीं पहनती हैं, जो काम करती हैं, वे उन्हें तालिबानी स्वीकार नहीं कर सकते." बीते दिनों आयदा शादाब ने कहा था कि अगर तालिबान काबुल पर कब्जा कर लेता है, तो मेरे जैसे लोग अब सुरक्षित नहीं रहेंगे. (फोटो- गेटी) 

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फुटबॉलर जकी अनवारी (Zaki Anwari) अफगानिस्तान की युवा टीम के लिए खेलता था. अक्सर सोशल मीडिया पर फैशनेबल पोस्ट करता था. लेकिन गुरुवार को काबुल से लोगों को एयरलिफ्ट करने वाले अमेरिकी विमान से गिरने के बाद उसकी मौत हो गई. तालिबान लड़ाकों के खौफ से वह देश छोड़कर भाग रहा था. (फ़ाइल फोटो- गेटी) 

 

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गौरतलब है कि अफगानिस्तान के एक्टिविस्ट, पत्रकारों और सिविल सोसाइटी की सिफारिशों के बाद, फेसबुक ने अफ़गान यूजर्स को अपने अकाउंट को जल्दी से लॉक करने की अनुमति देने के लिए नए सुरक्षा उपायों की घोषणा की है. कंपनी ने, जो कि व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की भी मालिक है, ने कहा कि उसने "नए खतरों का जवाब देने के लिए" एक विशेष संचालन केंद्र भी स्थापित किया है. आशंका जताई गई है कि तालिबानी डिजिटल इतिहास को डिलीट कर सकते हैं. (फोटो- गेटी) 

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