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तालिबान का खतरा, भारत ने अफगानिस्तान से बुलाया स्टाफ, पाकिस्तान ने कसा तंज

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 1:20 PM IST
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अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बीच तालिबान ने कई इलाकों को अपने नियंत्रण में ले लिया है. अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच जारी संघर्ष को देखते हुए कई देशों ने वहां अपने कॉन्सुलेट को बंद कर दिया है. भारत ने भी अफगानिस्तान में कांधार स्थित वाणिज्यिक दूतावास से अपने स्टाफ को वापस बुला लिया है.

 

(photo credit- reuters)

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भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने रविवार को कहा कि वाणिज्यिक दूतावास को बंद नहीं किया गया है बल्कि कांधार शहर में संघर्ष की वजह से कुछ वक्त के लिए स्टाफ को वापस बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि वीजा से संबंधित कामकाज काबुल स्थित भारतीय दूतावास से किया जाएगा. भारत के कांधार के वाणिज्यिक दूतावास से अपने स्टाफ को बुलाने को लेकर पाकिस्तान से भी प्रतिक्रिया आ रही हैं.

(Photo- gettyimages)

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पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद ने रविवार को कहा कि अफगानिस्तान में भारत को भारी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है और अपने लोगों को वहां से बुलाने के अलावा भारत के पास कोई और विकल्प नहीं बचा था.

 

(Photo- gettyimages)

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शेख रशीद ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति कायम होना जरूरी है क्योंकि जब तक वहां स्थिरता नहीं आती है तब तक चीन का निवेश भी फायदेमंद नहीं होगा. शेख रशीद ने ये भी आरोप लगाया कि भारत अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त था और पिछले 40 सालों से दुनिया में पाकिस्तान के बारे में झूठी खबरें फैला रहा था.

 

(Photo- reuters)

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पाकिस्तान के गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान समेत पूरे क्षेत्र के लिए जरूरी है कि अफगान तालिबान के साथ बातचीत शुरू की जाए. रशीद ने कहा कि तालिबान की तरह पाकिस्तान की नीति में भी बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगान समर्थित किसी भी सरकार को मान्यता देने के लिए तैयार है.

 

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अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव को लेकर पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने भी भारत पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ''भारत ने पाकिस्तान को निशाने पर लेने के लिए अफगानिस्तान में निवेश किया. अफगानिस्तान में अब जब हालात बदल रहे हैं तो भारत की परेशानी दिख रही है. अब भारत पाकिस्तान को कसूरवार ठहराएगा लेकिन उसका प्रोपेगैंडा अब काम नहीं आने वाला है.''

 

(Photo- reuters)

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भारत में पाकिस्तान के राजदूत रहे अब्दुल बासित ने एक ट्वीट में लिखा, ''काश भारत संवेदनशील होता और अफगानिस्तान को पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं करता. इसके साथ ही कश्मीर विवाद के समाधान में भी थोड़ी परिपक्वता दिखानी चाहिए. भारत की अकड़ पूरे इलाके में अस्थिरता की वजह है. क्वॉड इसी का उदाहरण है.''

 

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य मिशन 31 अगस्त तक समाप्त हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मारने गए थे, राष्ट्र निर्माण के लिए नहीं. व्हाइट हाउस में पत्रकारों संग बातचीत में बाइडेन ने कहा, 'अफगानिस्तान में हमारा सैन्य मिशन 31 अगस्त समाप्त हो जाएगा. अमेरिकी सेना ने ओसामा बिन लादेन को मार दिया है, अल कायदा की ताकत कम कर दी है. हम किसी अमेरिकी को अफगानिस्तान में जंग लड़ने के लिए अब नहीं भेजने वाले हैं. अमेरिका 20 साल पहले तय की गई नीतियों को बनाए रखने को अफोर्ड नहीं कर सकता है. अफगानिस्तान के भविष्य की जिम्मेदारी अब अफगानिस्तान के लोगों पर ही है.'

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