अफगानिस्तान सरकार और तालिबान में संघर्ष के बीच अफगान और पाकिस्तान सरकार के बीच जुबानी जंग भी जारी है. अफगानिस्तान के पहले उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने फिर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है. वह लगातार पाकिस्तान पर तालिबान को मदद मुहैया कराने का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तानी सेना का हाथ है.
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अमरुल्ला सालेह ने ट्वीट किया, 'प्रोपेगेंडा स्टंट से हकीकत नहीं बदलेगी और मेरे देश में पाकिस्तान की छवि नहीं सुधरेगी. हकीकत यह है कि पाक सेना मेरे देश में चल रहे आतंकी हमले की साजिश रचने और उसे मदद (हथियार) मुहैया करा रही है. चालीस सेकेंड के ट्विटर क्लिप से हकीकत नहीं बदलेगी.' पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार को 46 अफगान सैनिकों को अफगानिस्तान सुरक्षित पहुंचाया. पाकिस्तानी सेना ने अफगान सैनिकों के साथ एक क्लिप भी शेयर की थी. इसे लेकर ही सालेह ने पाकिस्तान पर निशाना साधा.
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अमरुल्ला सालेह के इस ट्वीट पर पाकिस्तान अभिनेत्री शहर शिनवारी उखड़ पड़ीं. उन्होंने लिखा, भारतीय कठपुतली के लिए पाकिस्तान को अपनी छवि बदलने की जरूरत नहीं है क्योंकि अफगान आम लोगों की नजर में हमारी छवि पहले से ही बहुत स्पष्ट है. आपके सिपाही भी कह रहे थे "चाय बड़ी मजेदार दी." वहीं, शहजाद अकबर खान नाम के एक यूजर ने लिखा, आप अपने सैनिकों से पूछिए कि हमारी सेना ने उनके साथ कैसा बर्ताव किया. अगर आपकी तरह के लोगों को सत्ता से बाहर कर दिया जाए तो दोनों देशों के रिश्ते सुधर जाएंगे. कई पाकिस्तानी यूजर्स ने सालेह के ट्वीट पर अपना गुस्सा निकाला..
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इससे पहले अमरुल्ला सालेह ने कहा था कि तालिबान जीएचक्यू यानी पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से मिलने वाले हथियार और गोला-बारूद के जरिये लड़ रहा है. तालिबान, लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा और मदरसा वॉलेंटियर्स का गठबंधन घुसपैठ के लिए पाकिस्तानी सप्लाई का इस्तेमाल कर रहा है.
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अफगानिस्तान के पहले उप राष्ट्रपति ने कहा कि अगर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई से आने वाली आपूर्ति को रोक दिया जाये तो तालिबान कुछ ही हफ्तों में अपनी बढ़त को खो देगा. अफगानिस्तान सेना ने कुछ सैन्य उपकरणों जरूर खोया है मगर हथियारों के किसी गोदाम को नहीं.
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अमरुल्लाह सालेह ने कहा कि पाकिस्तान के कराची में तालिबान आतंकी सेफ हाउस बनाए हुए हैं. वहां तालिबान का प्रशिक्षण केंद्र है. वहां आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जाती है. तालिबान कराची में धन जुटाने की मुहिम और मदरसे भी चलाता है.
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इसी तरह अमरुल्ला सालेह ने भारत के हाथों पाकिस्तान की हार की एक तस्वीर ट्विटर शेयर कर दी थी जिसके बाद पाकिस्तानी उन पर टूट पड़े थे. उन्होंने 1971 में भारतीय सेना के सामने पाकिस्तान के सरेंडर की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था, 'हमारे इतिहास में ऐसी कोई तस्वीर नहीं है और न कभी होगी. प्रिय पाक ट्विटर हमलावर, तालिबान और आतंकवाद इस तस्वीर के आघात को ठीक नहीं कर पाएंगे. कोई अन्य तरीका खोजें.'
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सालेह की टिप्पणी पर पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोईद यूसुफ ने कहा कि काबुल रोज-ब-रोज अपने वरिष्ठ अधिकारियों के "मूर्खतापूर्ण बयानों" से शर्मिंदा हो रहा है. इससे द्विपक्षीय संबंध खराब हो रहे हैं. इस्लामाबाद अफगान शांति के लिए प्रतिबद्ध है और अफगानिस्तान में कुछ खेल बिगाड़ने वालों का मूर्खतापूर्ण बयान युद्धग्रस्त राष्ट्र की शांति और स्थिरता के लिए उसके समर्थन को प्रभावित नहीं करेगा.
अमरुल्ला सालेह ने कहा था कि पाकिस्तानी एयर फोर्स ने तालिबान के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर अफगान बलों को चेतावनी दी है. साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान की एयर फोर्स तालिबान को एयर सपोर्ट मुहैया करा रही है.
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