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सेक्स पर मिल्कशेक वाले वीडियो से फजीहत, ऑस्ट्रेलिया ने हटाया

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 1:23 PM IST
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ऑस्ट्रेलिया की सरकार आजकल अपने एक कदम को लेकर चौतरफा आलोचना का सामना कर रही है. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने सेक्स एजुकेशन कैम्पेन से जुड़े दो वीडियो जारी किए थे लेकिन विवाद बढ़ने पर इन्हें वेबसाइट से हटाना पड़ा.

(फोटो-The Good Society के ग्रैब से)

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असल में, ये ऑनलाइन कार्यक्रम स्कूली बच्चों को सेक्स संबंधी सहमति और यौन उत्पीड़न के बारे में जागरूक बनाने के लिए बनाया गया था. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने रिस्पेक्ट मैटर्स के तहत बच्चों में सेक्स संबंधी शिक्षा मुहैया कराने के लिए The Good Society की वेबसाइट पर करीब 350 वीडियोज, स्टोरीज और पॉडकॉस्ट जारी किए थे. इनका इस्तेमाल ऑस्ट्रेलिया के सभी स्कूलों में 14 से 17 साल तक के बच्चों को शिक्षित करने में किया जाता है.  

(फोटो-Getty Images)

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मगर सामाजिक कार्यकर्ताओं और सेक्स एजुकेशन एक्सपर्ट्स ने उन वीडियोज को लेकर चिंता जाहिर की जो कोई संदेश देने के बजाय उल्टा भ्रम पैदा करते हैं. असल में, सेक्स को लेकर सहमति संबंधी बात को लेकर जिन रूपकों का इस्तेमाल किया गया है, उन्हें लेकर लोग कड़ी आपत्ति जता रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना था कि ये वीडियो अपना संदेश पहुंचाने में नाकाम हैं और कन्फ्यूजन पैदा कर रहे हैं.

(फोटो-Getty Images)

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मसलन, एक वीडियो में एक किशोर बच्ची बिना सहमति के अपने बॉयफ्रेंड के चेहर पर 'मिल्कशेक' पोत देती है. वहीं एक दूसरे वीडियो में एक लड़की सार्क के साथ तैरने में हिचक रही है जबकि उसका बॉयफ्रेंड इसके लिए राजी करने की कोशिश कर रहा है.  (फोटो- मिल्कशेक वीडियो से ग्रैब)

 

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एक्टिविस्टों ने इन दोनों वीडियो पर आपत्ति जाहिर की है. मिल्कशेक वाले वीडियो पर कहा जा रहा है कि इस तरह के रूपक का इस्तेमाल किसी की भावना की अवहेलना को जाहिर करता है. यह चिंताजनक है. फिलहाल, ऑस्ट्रेलियाई सरकार के अधिकारियों ने इन वीडियो को वेबसाइट से हटा दिया है.  (फोटो-वीडियो ग्रैब)

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ऑस्ट्रेलिया की पत्रकार मैटलिडा बोसले ने कहा, ये सरकार का नयावीडियो है जो टीनेएजर्स को कंसेंट यानी सहमति के बारे में सिखाने के लिए है! मुझे लगता है कि इसे देखने के बाद मेरी जानकारी और कम हो गई. आप सीधे तौर पर सेक्स बोल सकते हैं. आप टीनेजर्स को समझाने के लिए इन शब्दों का सीधे-सीधे इस्तेमाल कर सकते हैं.. (फोटो-Getty Images)

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एबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि प्राप्त तमाम फीडबैक के बाद वीडियो को हटा दिया गया है. हालांकि सरकार अपने कदम के बचाव करती नजर आई. सरकार का कहना था कि ये वीडियो एक्सपर्ट्स की मदद से तैयार किए गए थे. फिलहाल, एक्टिविस्टों के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी लिबरल और विपक्ष की लेबर पार्टी के विरोध के बाद वीडियो को हटा दिया गया है.  (फोटो-Getty Images)

 

 

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न्यू साउथ वेल्स के शिक्षा मंत्री सारा मिशेल ने वीडियो को चूक बताया है. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जब हम इन मुद्दों के बारे में बात करते हैं तो हमें युवाओं के सामने और खुलकर बात रखनी चाहिए. (फोटो-Getty Images)

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जेंडर इक्वालिटी ऑर्गेनाइजेशन 'फेयर एजेंडा' ने इन वीडियो को हटाने के लिए अभियान चलाया था. इसमें कहा गया था कि " नौजवान लोग सहमति और सम्मानजनक रिश्तों को लेकर प्रशिक्षण के लायक हैं जो व्यावहारिक रूप से और स्पष्ट रूप से उन्हें नैतिक रूप से रिश्तों को समझने में मदद करता है."

(फोटो-Getty Images)    
 

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फेयर एजेंडा ने यह भी कहा कि शिक्षा के माध्यम से यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए वेबसाइट ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने में विफल रही है. यूनिवर्सिटी कैंपस में यौन उत्पीड़न के खिलाफ काम करने वाले ऑस्ट्रेलियाई संगठन एंड रेप के निदेशक शारना ब्रेमर ने ट्वीट किया, "साइट पर कुछ अच्छी जानकारी है. लेकिन वास्तव में कुछ हानिकारक चीजें भी हैं, जो किसी भी अच्छे को मात देती हैं."

(फोटो-Getty Images)

 

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कर्टिन विश्वविद्यालय में सेक्स हेल्थ पर काम करने वालीं डॉ. जैक्वी हेंड्रिक्स ने द गार्जियन को बताया कि वीडियो सेक्स और सहमति के मुद्दे को रेखांकित करने में विफल रहे. उन्होंने कहा, "वास्तव में सेक्स के बारे में बात किए बिना सेक्स के बारे में बात करने की कोशिश करना मददगार साबित नहीं होगा. हमें विशेष रूप से अंतरंग और यौन संबंधों में सहमति के बारे में बात करने की आवश्यकता है." (फोटो-वीडियो ग्रैब)
 

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