पाकिस्तान को अमेरिका की तरफ से कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने पाकिस्तान को मिलने वाली सुरक्षा सहायता को बहाल नहीं किया है. ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को मिलने वाले सुरक्षा सहायता को निलंबित कर दिया था, जिसे बाइडन प्रशासन ने फिलहाल बहाल नहीं करने का फैसला किया है. अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से बात और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की जिनेवा में अपने पाकिस्तानी समकक्ष से हुई मुलाकात के बाद पेंटागन ने यह जानकारी दी है.
(फोटो-PTI)
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, 'पाकिस्तान को अमेरिकी सुरक्षा सहायता अब भी निलंबित है. मैं एक तरह से या किसी अन्य के बारे में अटकलें नहीं लगाऊंगा कि क्या यह आगे चलकर बदलेगा या नहीं.' पेंटागन के प्रेस सचिव इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या नए बाइडन प्रशासन ने पिछले ट्रंप प्रशासन के रक्षा संबंधी नीति की समीक्षा की है? क्या बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान के साथ सुरक्षा सहायता संबंधी नीति में कोई बदलाव किया है या पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ बातचीत के दौरान यह मुद्दा उठा था?
(फोटो-ट्विटर/@PentagonPresSec)
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2018 पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता पर रोक लगा दी थी. डोनाल्ड ट्रंप ने यह तर्क देते हुए पाकिस्तान के लिए सभी सुरक्षा सहायता निलंबित कर दी थी कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के सहयोग और भूमिका से संतुष्ट नहीं हैं.
(फोटो-AP)
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, जॉन किर्बी ने बताया कि अमेरिका के रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने साझा क्षेत्रीय हितों और उद्देश्यों पर चर्चा करने के लिए जनरल बाजवा के साथ बातचीत की. जॉन किर्बी ने बताया, "मुलाकात के दौरान, अमेरिकी रक्षा मंत्री ने अफगानिस्तान शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान के समर्थन की फिर से सराहना की है और अमेरिका-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने की इच्छा व्यक्त की."
(फोटो-AP)
ऑस्टिन ने ट्वीट किया, "मैंने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के लिए अपनी प्रशंसा, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने की अपनी इच्छा दोहराई."
एक दिन पहले सुलिवन ने जिनेवा में अपने पाकिस्तानी समकक्ष मोईद युसूफ से मुलाकात की थी. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली हॉर्न ने बताया, "दोनों पक्षों ने आपसी हित के कई द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों और व्यावहारिक सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. अमेरिका और पाकिस्तान बातचीत जारी रखने पर सहमत हुए."
(फाइल फोटो-AP)
बाइडन प्रशासन का ट्रंप के फैसले को बरकरार रखना पाकिस्तान के लिए झटका है. माना जा रहा था कि बाइडन के आने से अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार आएगा. लेकिन सुरक्षा सहायता बहाल नहीं किए जाने के फैसले पाकिस्तान को झटका लगा है. पाकिस्तान में माना जा रहा था कि बाइडन का रुख पाकिस्तान के प्रति ट्रंप की तुलना में नरम रहेगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि बाइडन प्रशासन नई नीतियों और पॉलिसी गाइडलाइन के साथ काम करेगा.
(फोटो-AP)
अमेरिकी रक्षा प्रमुख जनरल लॉयड जे ऑस्टिन ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों के खिलाफ पाकिस्तान के एक्शन की तारीफ की थी. लेकिन ऑस्टिन ने यह भी कहा था कि अमेरिका पाकिस्तान पर दबाव बनाना जारी रखेगा ताकि वो अपने क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकियों के पनाहगाह के रूप में न होने दे.
(फोटो-Getty Images)
अमेरिका से यह झटका तब लगा है जब पाकिस्तान मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास में जुटा हुआ है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मदद के सिलसिले में सऊदी अरब का दौरा किया था. इस दौरान सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच कई समझौतों पर सहमति बनी थी.
(फोटो-Getty Images)