बाइडन सरकार में रक्षा मंत्री बनने जा रहे लॉइड ऑस्टिन ने बुधवार को कहा है कि वह पाकिस्तान पर दबाव डालेंगे कि वो अपने देश को आतंकवादियों और कट्टरपंथियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह ना बनने दे. ऑस्टिन ने पद की शपथ लेने से पहले ही पाकिस्तान को आतंकवाद को लेकर सख्त संदेश दे दिया है.
ऑस्टिन ने 'सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमिटी' के सामने कहा कि वह पाकिस्तान से कहेंगे कि वो हिंसक चरमपंथी संगठनों और आतंकवादियों को अपनी जमीन का इस्तेमाल ना करने दे. उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई ना करने को लेकर भी असंतोष जाहिर किया. ऑस्टिन ने कहा, भारत विरोधी आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैक-ए-मोहम्मद के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई अधूरी है.
उन्होंने कहा कि साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद से आतंकी हमलों में बढ़ोतरी की एक वजह ये भी है कि पाकिस्तान बहुत सहयोग नहीं कर रहा है.
ऑस्टिन ने भारत को लेकर कहा, 'हम भारत के मुख्य रक्षा साझेदार बने रहेंगे और क्वैड के जरिए रक्षा सहयोग के दायरे को और बढ़ाएंगे.' क्वैड में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल हैं.
वहीं, चीन को लेकर जनरल लॉइड ऑस्टिन ने कहा कि चीन पहले से ही इलाके में मनमानी कर रहा है और अब वो पूरी दुनिया पर अपना प्रभुत्व जमाना चाहता है. उन्होंने एशिया और दुनिया भर में चीन की 'दादागिरी' वाली गतिविधियों का भी जिक्र किया. ऑस्टिन ने कहा कि चीन मौजूदा समय में प्रभावी खतरा है क्योंकि वह उभार पर है जबकि रूस खतरा है लेकिन वो ढलान की तरफ है.
बाइडेन ने अपनी सरकार में रक्षा मंत्री के लिए लॉइड ऑस्टिन को रक्षा मंत्री पद के लिए चुना है. 67 साल के ऑस्टिन रिटायर्ड आर्मी जनरल हैं और वो पहले अफ्रीकी-अमेरिकी होंगे जो पेंटागन का नेतृत्व करेंगे.
बाइडेन सरकार में विदेश मंत्री बनने जा रहे अंटोनी ब्लिंकेन ने भी भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने की बात कही है. उन्होंने कहा, हम अमेरिकी सरकार में भारत के साथ रिश्ते और मजबूत हुए हैं. ओबामा प्रशासन के दौरान हमने रक्षा सौदों और सूचना को लेकर सहयोग बढ़ाया, ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ मिलकर हिंद-प्रशांत की रणनीति पर आगे कदम बढ़ाया जिससे ये सुनिश्चित हो सका कि चीन समेत कोई भी देश हमारी संप्रभुता को चुनौती ना दे सके. आतंकवाद के मुद्दे पर भी हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं. ब्लिंकेन ने कहा कि दोनों देशों के लिए सहयोग बढ़ाने के लिए तमाम संभावनाएं मौजूद हैं.