दक्षिण अफ्रीकी देश बोत्सवाना में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हीरा पाया गया है. फिलहाल इसे हीरे को प्रदर्शन के लिए रखा गया है. बोत्सवाना की हीरा कंपनी देबस्वाना ने बताया कि उसने 1,098 कैरेट के एक हीरे का पता लगाया है. कंपनी ने दुनिया में अपनी तरह का तीसरा सबसे बड़ा हीरा बताया है. हीरे के मिलने से कोरोना महामारी से जूझ रहे बोत्सवाना की किस्मत पलट गई है.
यह हीरा 1 जून को मिला था जिसे बोत्सवाना के राष्ट्रपति मोकग्वेत्सी मासीसी को दिखाया गया था. देबस्वाना की प्रबंध निदेशक लिनेट आर्मस्ट्रांग ने कहा, "इसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हीरा माना जा रहा है."
देबस्वाना की प्रबंध निदेशक लिनेट आर्मस्ट्रांग ने कहा, "दुर्लभ और असाधारण पत्थर... हीरे और बोत्सवाना के संदर्भ में यह बहुत मायने रखता है." उन्होंने कहा कि, "यह उस राष्ट्र के लिए उम्मीद है जो संघर्ष कर रहा है." लिनेट आर्मस्ट्रांग ने कहा, "हमारे प्रारंभिक विश्लेषण से यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रत्न गुण वाला पत्थर हो सकता है."
आर्मस्ट्रांग ने कहा कि डी बीयर्स के माध्यम से या सरकारी स्वामित्व वाली ओकावांगो डायमंड कंपनी के माध्यम से "दुर्लभ और असाधारण पत्थर" को बेचने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
फिलहाल इस हीरे को कोई नाम नहीं दिया गया है. यह हीरा 77 मिमी लंबा, 52 मिमी चौड़ा और 27 मिमी मोटा है. देबस्वाना के इतिहास में पाया जाने वाला रत्न के गुणों वाला यह सबसे बड़ा पत्थर है. देबस्वाना बोत्सवाना की सरकार और वैश्विक हीरा दिग्गज डी बीयर्स के बीच एक संयुक्त उद्यम है.
दुनिया का सबसे बड़ा हीरा 1905 में दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था जो 3,106 कैरेट का था. इसके बाद दूसरा सबसे बड़ा हीरा 2015 में बोत्सवाना में ही पाया गया था जिसका वजह इस हीरे से मामूली अधिक था. बोत्सवाना अफ्रीका में हीरों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हीरा 1,109 कैरेट का था.
बोत्सवाना के खनिज मंत्री लेफोको मोगी ने कहा कि इससे बेहतर समय नहीं हो सकता जब महामारी के दौर में कीमती पत्थर की खोज की गई है. कोविड-19 के चलते हीरा कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. बोत्सवाना की सरकार को देबस्वाना की बिक्री से होने वाली आय का 80 प्रतिशत लाभांश, रॉयल्टी और करों के माध्यम से प्राप्त होता है.
कोरोना महामारी के चलते हीरा कारोबार काफी प्रभावित हुआ है. कोरोना संकट के चलते देबस्वाना के हीरा उत्पादन में 2020 में गिरावट दर्ज की गई जबकि बिक्री में 30 फीसदी की गिरावट देखी गई. यानी कोरोना से हीरे के उत्पादन और बिक्री दोनों प्रभावित हुई है.
देबस्वाना ने 2021 में, 23 मिलियन कैरेट के पूर्व-महामारी के स्तर तक उत्पादन को 38 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बनाई है. कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल में ढील दिए जाने से हीरा बाजार के फिर से पटरी पर लौटने की पूरी उम्मीद है.