कोरोना वायरस की महामारी के संकट के बीच चीन ने इस साल अपने रक्षा बजट में 6.6 फीसदी की बढ़ोतरी की है. शुक्रवार को चीन की संसद की सालाना बैठक में जारी की गई रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है. हालांकि, चीन के सैन्य खर्च में बढ़ोतरी की दर पिछले साल के मुकाबले कम है. चीन ने 2019 के रक्षा बजट में 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.
चीन ने सैन्य खर्च के लिए 1.268 ट्रिलियन युआन यानी 178.11 अरब डॉलर आवंटित किए हैं. चीन के भारी-भरकम रक्षा बजट से पता चलता है कि वह अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने को लेकर किस कदर आक्रामक है. पिछले कुछ वक्त से अमेरिका के साथ चीन का टकराव बढ़ा है. भारतीय सीमा पर भी चीनी सेना की गतिविधियों तेज हुई हैं.
चीन के वुहान में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है. पिछले साल की पहली तिमाही के मुकाबले 2020 की तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था का आकार 6.8 फीसदी घटा है.
शुक्रवार को संसद में पेश हुई प्रीमियर ली केकियांग वर्क रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने पहली बार सालाना आर्थिक वृद्धि दर का लक्ष्य तय नहीं किया है. चीन ने संकट में पड़ी अर्थव्यवस्था को सरकारी मदद देने का संकल्प लिया है.
हालांकि, कोरोना वायरस की महामारी और आर्थिक मोर्चे की चुनौतियों के बावजूद, चीन और अमेरिका की सेनाओं की दक्षिण चीन सागर और ताइवान के आस-पास चहलकदमी बढ़ी है. कोरोना वायरस की वजह से दोनों देशों के संबंध और बदतर हुए हैं. चीन के रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में एक रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि कोरोना वायरस के चलते चीन के प्रति वैमनस्य बढ़ा है और इसकी परिणति अमेरिका के साथ सैन्य टकराव के रूप में भी हो सकती है.
कोरोना वायरस की महामारी की उत्पत्ति को लेकर अमेरिका-चीन आमने-सामने हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार ये बयान दे चुके हैं कि अगर कोरोना वायरस की महामारी में चीन की संदिग्ध भूमिका सामने आती है तो वह उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा. ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने महामारी की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने का समर्थन किया है.
चीन के इरादों पर पूरी दुनिया शक करती है लेकिन वह हमेशा दोहराता रहा है कि उसका भारी-भरकम रक्षा बजट आत्म-सुरक्षा के लिए है जो उसकी जीडीपी के मुकाबले बहुत ज्यादा नहीं है. चीन सैन्य खर्च का सिर्फ मोटा-मोटा आंकड़ा देता है, वह इसके बारे में विस्तार से जानकारी नहीं देता है. दुनिया भर के राजनयिकों और विश्लेषकों का कहना है कि चीन खर्च का असली आंकड़ा छिपाने के लिए ऐसा करता है.
चीन का 2020 का रक्षा बजट अमेरिका के पिछले साल के रक्षा बजट का एक चौथाई है. अमेरिका का पिछले साल का रक्षा बजट 686 अरब डॉलर का था. चीन लंबे समय से ये दलील देता रहा है कि अमेरिका की बराबरी करने के लिए उसे रक्षा बजट और बढ़ाना होगा. उदाहरण के तौर पर, चीन के पास सिर्फ दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं जबकि अमेरिका के पास 12 एयरक्राफ्ट कैरियर हैं.
विश्लेषकों का कहना है कि चीन के सैन्य बजट में बढ़ोतरी से उसकी अर्थव्यवस्था को जरूरी राहत मिल सकती है. कोरोना वायरस की महामारी की वजह से चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर संकट मंडरा रहा है और
बेरोजगारी की चिंता से घरेलू खपत में भी रिकॉर्ड गिरावट हुई है.