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माउंट एवरेस्ट पर चीन नेपाल और अपने बीच खींचेगा लकीर, ये है डर

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2021,
  • अपडेटेड 4:34 PM IST
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कोरोना महामारी के चलते चीन माउंट एवरेस्ट की ऊंचाइयों पर एक नई 'विभाजन रेखा' खींचने में जुटा हुआ है. उसने अपने पर्वतारोहियों के बचाव में यह कदम उठाया है. कहा जा रहा है कि नेपाल से आने वाले कोरोना संक्रमित पर्वतारोहियों को अपने पर्वतारोहियों को बचाने के लिए चीन यह विभाजन रेखा खींच रहा है.  

(फोटो-Getty Images)

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चीन ने यह कदम तब उठाया जब एक हफ्ते पहले नेपाल के बेस कैंप में पर्वतारोहियों और प्रशासन ने पर्वत पर चढ़ाई करने वालों में कोरोना के मामले बढ़ने को लेकर चेतावनी दी थी. नेपाल की तरफ से चढ़ाई करने वाले 30 से ज्यादा पर्वतारोहियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद चीन ने यह कदम उठाया है. 

(फोटो-Getty Images)

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माउंट एवरेस्ट चीन और नेपाल की सीमा पर स्थित है. इस पर दोनों ओर से पर्वतारोही चढ़ाई करते हैं. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि चीन पहाड़ पर नियमों को कैसे लागू करेगा.

(फोटो-Getty Images)
 

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बीबीसी न्यूज के मुताबिक, माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई पर भारी बर्फ जमी रहती है. इसकी वजह से एक बार में सिर्फ छह लोग ही एवरेस्ट के शिखर खड़े हो सकते हैं. अगर अधिक पर्वतारोही रास्ते में होते हैं तो पर्वत पर लाइन लग जाती है.

(फोटो-Getty Images)

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बहरहाल, चीन ने तिब्बत के पर्वतारोही गाइड्स की एक टीम को एवरेस्ट के शिखर पर भेजा है जिससे वहां पर एक विभाजन रेखा बनाई जा सके. रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि चीन के पर्वतारोहियों का एक ग्रुप अभी रास्ते में है और वे वहां पहुंचने ही वाला है. 

(फोटो-Getty Images)

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चीन की ओर से पर्वत पर चढ़ाई करने वाले पर्वतारोहियों को नेपाल की ओर से आने वाले किसी भी शख्स के संपर्क में आने से मना किया गया है. साथ ही एवरेस्ट पर पड़ी किसी वस्तु को छूने से मना किया गया है. हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इन प्रतिबंधों को बनाए रखने के लिए तिब्बती गाइड इस इलाके में कब तक मौजूद रहेंगे.

(फोटो-Getty Images)

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तिब्बत स्पोर्ट्स ब्यूरो के डायरेक्टर ने बताया कि उत्तर और दक्षिण की तरफ से दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत पर चढ़ने वाले पर्वतारोहियों को संपर्क में नहीं आने को कहा गया है. ये पर्वतारोही सिर्फ शिखर पर ही संपर्क में आ सकते हैं. 

(फोटो-Getty Images)

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फिलहाल चीन ने बिना परमिट के पर्यटकों को चीनी बेस कैंप में जाने से मना किया हुआ है. साथ ही चीन ने विदेशी नागरिकों को पहाड़ पर चढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

(फोटो-Getty Images)

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नेपाल की आमदनी का एक बड़ा स्रोत एवरेस्ट के पर्वतारोही हैं जिसने विदेशी पर्वतारोहियों को इस मौसम में लगभग 400 परमिट आवंटित किए हैं. लेकिन नेपाल की तरफ से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर रहे कोरोना की चपेट में आने वाले 30 से ज्यादा पर्वतारोहियों को बाहर निकाला गया था. हिमालयन रेस्क्यू एसोसिएशन ने भी नेपाल की तरफ से चढ़ाई करने वाले पर्वतारोहियों के संक्रमित होने की पुष्टि की थी.

(फोटो-Getty Images)

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चैनल न्यूज एशिया के मुताबिक, तिब्बत के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर और दक्षिण की तरफ से एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले पर्वतारोहियों के लिए कोरोना से बचने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. तिब्बत के गाइड्स ने पर्वत पर चढ़ने वाले पर्वतारोहियों के लिए विभाजन रेखा तैयार की है. हालांकि इन अधिकारियों ने इस बारे कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी कि यह विभाजन रेखा कैसे तैयार की जा रही है.

(फाइल फोटो-AP)

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इस साल चीन ने अपने 21 पर्वतारोहियों को एवरेस्ट पर चढ़ने की अनुमति दी है. इन पर्वतारोहियों को तिब्बत में अप्रैल के शुरू से ही क्वारनटीन करके रखा गया था. चीन ने पिछले साल से कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण विदेशी नागरिकों के एवरेस्ट पर चढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मार झेल रहे नेपाल ने सीमित संख्या में विदेशी नागरिकों के एवरेस्ट पर चढ़ने की इजाजत दी है.

(फोटो-AP)
  

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