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विश्व

भारत की आर्थिक चोट से परेशान हुआ चीन, दी चेतावनी- होगा नुकसान

aajtak.in
  • 31 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 9:24 AM IST
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चीन ने गुरुवार को भारत को चेतावनी दी है कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था से चीन की अर्थव्यवस्था को अलग करने की कोशिश ना करे. चीन ने कहा है कि अगर भारत ऐसा करता है तो दोनों देशों को ही नुकसान होगा. चीनी राजदूत ने कहा कि चीन भारत के लिए रणनीतिक रूप से कोई खतरा नहीं है और दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है.

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चीन का ये बयान तब आया है जब मोदी सरकार ने सुरक्षा कारणों से चीन के कई ऐप्स बैन कर दिए हैं. इसके साथ ही विदेशी निवेश समेत भारत में कारोबार करने के कई नियमों में बदलाव किए हैं जिससे चीनी कारोबार के हित प्रभावित होना तय है.

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चीनी राजदूत सन वेईडोंग ने ट्विटर पर लिखा, "चीन ऐसे संबंधों की वकालत करता है जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो और किसी का नुकसान ना हो. हमारी अर्थव्यवस्था एक-दूसरे की पूरक और एक-दूसरे पर निर्भर है. इसे जबरदस्ती कमजोर करना ट्रेंड के विपरीत जाना है. इससे दोनों देशों को सिर्फ नुकसान ही होगा."

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चीनी राजदूत सन वेईडोंग ने कहा, चीन कोई विस्तारवादी ताकत या रणनीतिक खतरा नहीं है. दोनों देशों के बीच सदियों से शांतिपूर्ण रिश्ते रहे हैं. हम कभी भी आक्रामक नहीं रहे और ना ही किसी देश की कीमत पर अपना विकास किया है.

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चीनी राजदूत ने कहा कि चीन से ज्यादा एक अदृश्य वायरस खतरा हो सकता है. वेईडोंग ने कहा, भारत और चीन के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लंबे इतिहास को खारिज करना संकीर्ण सोच को दिखाता है और ये नुकसानदायक भी है. हजारों साल से दोस्त रहे देश को कुछ अस्थायी मतभेदों और मुश्किलों की वजह विरोधी और रणनीतिक खतरा बताना पूरी तरह से गलत है.

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वहीं, पूरी दुनिया में कई मुद्दों पर चीन के घिरने पर चीनी राजदूत ने कहा, ताइवान, हॉन्ग कॉन्ग, शिनजियांग और शिजांग चीन के आंतरिक मुद्दे हैं और इससे चीन की संप्रभुता और सुरक्षा जुड़ी है. चीन किसी दूसरे देश के आंतरिक मामले में दखल नहीं देता है और ना ही किसी बाहरी दखल को बर्दाश्त करता है.

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15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से तनाव घटाने के लिए भारत और चीन के अधिकारी कई दौर की वार्ता कर चुके हैं.

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विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा, दोनों पक्षों में सेना के पीछे हटाने को लेकर सहमति बनी है लेकिन अभी इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. जल्द ही कमांडर स्तर की एक और वार्ता होगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, हमें उम्मीद है कि सीमाई इलाकों में शांति और स्थिरता को कायम करने और तनाव घटाने के लिए चीनी पक्ष गंभीरता से काम करेगा.

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