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CAB पर भड़के मुस्लिम देश, अफगानिस्तान ने कहा- हमें PAK के साथ क्यों रखा?

aajtak.in
  • 12 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST
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नागरिकता संशोधन बिल, 2019  बुधवार को राज्यसभा से भी पारित हो गया. इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है. बिल पास होने के साथ ही तीनों देशों से प्रतिक्रिया आई हैं. इसके अलावा, मुस्लिम देशों की मीडिया में भी इस बिल को लेकर चर्चा देखने को मिल रही है.

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पड़ोसी देश पाकिस्तान ने 'नागरिकता संशोधन बिल' को पक्षपातपूर्ण करार देकर इसका विरोध किया है. पाकिस्तान ने कहा कि यह बिल दोनों देशों के बीच तमाम द्विपक्षीय समझौतों का पूरी तरह से उल्लंघन है.

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पाकिस्तान ने ये भी आरोप लगाया है कि इस बिल के जरिए भारत गलत मंशा से उसके आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान ने कहा, हम इसकी भी निंदा करते हैं कि भारत पड़ोसी देशों के कथित प्रताड़ित अल्पसंख्यकों के ठिकाने के तौर पर खुद को पेश करने की कोशिश कर रहा है.

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वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मेमन ने कहा कि इससे भारत की सेक्युलर छवि को नुकसान पहुंचेगा. मेमन ने बुधवार को कहा, भारत ऐतिहासिक तौर पर एक सहिष्णु देश रहा है जिसने धर्मनिरपेक्षता में यकीन जताया है लेकिन अगर वे इस रास्ते से भटकते हैं तो उनकी ऐतिहासिक छवि कमजोर पड़ जाएगी.

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बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के प्रताड़ित होने के सवाल को लेकर मेमन ने गृह मंत्री अमित शाह पर भी तंज भरी टिप्पणी की और कहा कि बांग्लादेश जैसे कुछ ही देश हैं जहां सांप्रदायिक सौहार्दता कायम है. अगर अमित शाह कुछ महीने बांग्लादेश में गुजारें तो उन्हें हमारे देश की सांप्रदायिक एकता के बारे में पता चल जाएगा.

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उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और भारत के करीबी रिश्ते रहे हैं और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का सुनहरा अध्याय भी करार दिया गया. स्वाभाविक तौर पर, बांग्लादेश यह उम्मीद नहीं करता है कि भारत ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे उनके बीच तकरार आए.

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मोमेन ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के आरोप को गलत बताया और कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को जिसने भी जानकारी दी है, वह सही नहीं है. उन्होंने कहा, हमारे देश के अधिकतर महत्वपूर्ण फैसले अलग-अलग धर्मों के लोगों ने लिए हैं...हमने कभी किसी को उनके धर्म के आधार पर जज नहीं किया.

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मोमेन ने बताया कि बांग्लादेश के हर क्षेत्र में सभी धर्म के अनुयायियों को समान अधिकार मिले हैं और उनके यहां सांप्रदायिक सौहार्द कायम है. उन्होंने अमेरिकी राजदूत अर्ल आर मिलर से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका भी नागरिकता संशोधन बिल को लेकर चिंतित हैं. अमेरिका भी इस बिल की आलोचना कर रहा है...उनका मानना है कि इस बिल को पास करके भारत ने अपनी स्थिति कमजोर कर ली है.

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अफगानिस्तान के राजदूत ने भी इस बिल को लेकर आपत्ति जताई है. अफगानिस्तान ने कहा कि वह ऐसे देशों में शामिल नहीं है जहां पर सरकार अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करती हो.

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इंडिया टुडे से बातचीत में राजदूत ताहिर कादिरी ने कहा, पिछले कुछ सालों से सरकार अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिख समुदाय के हमारे भाइयों और बहनों का पूरा सम्मान कर रही है. हमारे मन में उनके लिए बहुत सम्मान है और हमारी संसद में उनके लिए सीटें आरक्षित हैं और प्रेजेडेंशियल पैलेस में भी उनके प्रतिनिधि मौजूद हैं.

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उन्होंने कहा, अफगानिस्तान को पाकिस्तान जैसे देशों के साथ नहीं रखा जा सकता है. उन्होंने कहा, अल्पसंख्यकों की बात करें तो अफगानिस्तान चार दशकों से गृहयुद्ध में जूझता रहा है और आप समझ सकते हैं कि युद्ध में क्या होता है. अफगानिस्तान के सभी नागरिक युद्ध पीड़ित रहे हैं और इसमें उनकी धार्मिक पहचान की कोई भूमिका नहीं थी.

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उन्होंने कहा कि अफगान दूतावास ने हाल ही में भारत में रह रहे अफगान सिखों के लिए आईडी कार्ड जारी करना शुरू कर दिया है.

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कादिरी ने कहा, यह दिखाता है कि अफगान सरकार सिख समुदाय समेत सभी अल्पसंख्यकों का सम्मान करती है. हमारे यहां सभी ने मुश्किलें झेली हैं और सरकार बिना किसी धार्मिक भेदभाव के सभी नागरिकों का सम्मान करने की कोशिश कर रही है.

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