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PAK का विरोध, जानिए नागरिकता कानून पर क्या बोला चीन?

aajtak.in
  • 19 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:23 AM IST
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नागरिकता संशोधन कानून पर पाकिस्तान से अलग रुख अपनाते हुए चीन ने इसे पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला करार दिया है.

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कोलकाता में चीनी कॉन्सुल जनरल झा लियाउ ने बुधवार को नागरिकता संशोधन बिल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

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चीनी राजदूत ने कहा, "यह समस्या भारत को खुद ही सुलझानी है. यह भारत का आंतरिक मामला है और हमें इस पर कुछ नहीं कहना है. यह आपका देश है और आपको ही अपने मुद्दे सुलझाने हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि भारत और चीन के रिश्ते बेहतरीन हैं."

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चीनी मीडिया में भी नए नागरिकता कानून को लेकर मोदी सरकार को समर्थन मिल रहा है. चीन के सरकारी अखबार पीपल्स डेली में छपे एक लेख में विरोध-प्रदर्शन को काबू में रखने के लिए इंटरनेट बंद करने के कदम को सही बताया गया है. लेख में कहा गया कि हर संप्रभु देश आपातकालीन स्थितियों में ऐसे ही निपटता है.

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नागरिकता संशोधन कानून पिछले सप्ताह संसद में पारित हुआ था जिसके बाद कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

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इस कानून के तहत, 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है.

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