कोरोना की दूसरी लहर से भारत आर-पार की जंग लड़ रहा है. लेकिन भारत में विकराल होते कोरोना संकट के चलते ऑक्सीजन के साथ-साथ दवाइयों और टेस्ट किट की भी कमी देखने को मिल रही है. ऑक्सीजन और दवाइयों की किल्लत के बीच कई अस्पतालों में मरीजों को अपने ऑक्सीजन और अपनी दवाई का इंतजाम खुद करना पड़ रहा है. अस्पताल अपने यहां पहले से भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन के लिए इमरजेंसी मैसेज भेज रहे हैं.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ने भी कहा है कि भारत में कोरोना की स्थिति विचलित करने वाली है. कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड सहित कई देशों ने भारत से विमान सेवा पर कुछ दिनों के लिए रोक लगा दी है. कोरोना को लेकर मचे हाहाकार के बीच दुनिया के कई देश हिंदुस्तान के मददगार बनकर सामने आए हैं. इन मददगारों में कई इस्लामिक देश शामिल हैं.
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ऑक्सीजन की कमी के मद्देनजर भारत ने ऑक्सीजन मैत्री ऑपरेशन के तहत ऑक्सीजन कंटेनर और ऑक्सीजन सिलेंडर हासिल करने के लिए तमाम मुल्कों से संपर्क साधा है. सऊदी अरब ने इस मुश्किल घड़ी में भारत की खुलकर मदद की है. भारत में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए सऊदी अरब से 80 मीट्रिक टन गैस भेजी है. रियाद स्थित भारतीय मिशन ने ट्वीट किया, 'भारतीय दूतावास को अति आवश्यक 80 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन भेजने के मामले में अडानी समूह और एमएस लिंडे के साथ साझेदारी करने पर गर्व है. हम दिल से सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय को सभी तरह की मदद, समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं.'
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कोरोना संकट में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भारत के साथ आ खड़ा हुआ. यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से फोन पर बातचीत की और कहा कि उनका देश हर स्तर पर भारत की कोरोना संकट से निपटने में मदद करेगा. यूएई ने दुबई में मौजूद विश्व की सबसे ऊंची इमारत के जरिये खास संदेश भी दिया. इस इमारत पर भारत के लिए तिरंगे झंडे के साथ 'स्टे स्ट्रॉग इंडिया' लिखकर कोरोना से मजबूती से लड़ने का भारत को संदेश दिया गया.
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संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, भारत कोरोना वायरस के खिलाफ भीषण युद्ध लड़ रहा है, ऐसे में उसका मित्र यूएई अपनी शुभकामनाएं भेजता है. भारतीय दूतावास ने इसका एक वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया है.
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भारतीय वायुसेना C-17 विमान 26 अप्रैल को ऑक्सीजन लाने के लिए दुबई पहुंचा था. दुबई से ऑक्सीजन के छह कंटेनर को एयरलिफ्ट कर भारत लाया गया.
कुवैत ने भी भारत को मेडिकल आपूर्ति में मदद की है. वहीं कतर के अमीर तमीम बिन हमाद ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत में कोरोना से निपटने में भारत को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया. कतर एयरवेज ने ऐलान किया है कि वह भारत में कोरोना संकट को देखते हुए बिना किसी शुल्क के दूसरे देशों से मेडिकल सप्लाई पहुंचाएगा.
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बहरीन भी भारत की मदद में आगे आया है. क्राउन प्रिंस सलमान बिन हमद अल खलीफा, जो देश के प्रधानमंत्री भी हैं, की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में कोरोना संकट से जूझ रहे भारत को मदद मुहैया कराने का फैसला किया गया. बहरीन ने भारत को चिकित्सा उपकरण और ऑक्सीजन भेजने का फैसला किया गया.
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कुवैत की तरफ से 185 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन मिला है. बताया जा रहा है कि 1000 ऑक्सीजन सिलेंडर भी भारत आने वाले हैं. कुवैत भारत के लिए ऑक्सीजन कंसट्रेटर भी भेजने वाला है. हालांकि इनकी संख्य़ा कितनी होगी, इसकी पुष्टि की जानी अभी बाकी है. संयुक्त अमीरात की तरफ से मदद की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है.
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तनाव के बावजूद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने भी मदद की पेशकश की है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मेडिकल सप्लाई का प्रस्ताव दिया है. इमरान खान का कहना था कि यह वैश्विक चुनौती है और हमें इसका मिलकार मुकाबला करना है. भारत में लोग कोरोना संकट का सामना कर रहे हैं, मैं उनके साथ एकजुटता प्रदर्शित करता हूं. पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक प्रस्ताव के अलावा वहां के एक ईदी फाउंडेशन की तरफ से भी मदद का प्रस्ताव आ चुका है.