चीन के राजदूत चेंग जिंगाये ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति की स्वतंत्र जांच की मांग करना बेहद खतरनाक कदम है. चीनी राजदूत ने ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू को दिए इंटरव्यू में कहा, ऑस्ट्रेलिया जो कर रहा है, उससे चीन की जनता परेशान और निराश हुई है. अगर हालात बद से बदतर होते हैं तो लोग सोचेंगे कि हम ऐसे देश क्यों जाएं जिसका चीन के प्रति रवैया दोस्ताना नहीं है. चीनी पर्यटक ऑस्ट्रेलिया आने से पहले दो बार जरूर सोचेंगे.
चेंग ने कहा, यह पूरी तरह से लोगों के ऊपर निर्भर है. हो सकता है कि आम लोग कहें कि हम ऑस्ट्रेलियन वाइन क्यों पिए या हम ऑस्ट्रेलिया का बीफ क्यों खाएं. चीनी राजदूत ने ये भी धमकी दी कि ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी में चीनी छात्र आना बंद कर देंगे जो सरकार के राजस्व का अहम जरिया है. उन्होंने कहा, चीनी अभिभावक सोचेंगे कि वे अपने बच्चों को ऐसी जगह क्यों भेजे कि जो दोस्त तो दूर दुश्मनी निभा रहा है, वे विचार करेंगे कि क्या अपने बच्चों को भेजने के लिए ये जगह ही सबसे अच्छी है?
चीनी राजदूत के इस बयान से चीन और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों में तनाव और बढ़ सकता है. इस बयान से यह भी साबित होता है कि चीनी राजदूत अपनी कम्युनिस्ट सरकार के हितों को आगे बढ़ाने के लिए आक्रामक रुख अपनाने को भी तैयार हैं. इसके लिए वे चीन की आर्थिक ताकत को भी हथियार बनाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं.
विश्लेषकों का कहना है कि कोरोना वायरस की महामारी की स्वतंत्र जांच होने से इस बात की भी समीक्षा होगी कि चीन के शासकों ने कोरोना महामारी के खिलाफ क्या कदम उठाए. इससे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की आलोचना का दरवाजा भी खुल सकता है.
चेंग ने ऑस्ट्रेलिया पर अमेरिका के बोल बोलने का भी आरोप लगाया. चेंग ने कहा, कुछ लोग अपनी समस्याओं के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराकर उनसे ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. ये बातें वॉशिंगटन से आई प्रतिक्रियाओं से मिलती हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी चीन को चेतावनी दे चुके हैं कि अगर कोरोना वायरस महामारी में चीन अगर जिम्मेदार पाया जाता है तो उसे इसके गंभीर अंजाम भुगतने होंगे. दुनिया के कई देशों ने कोरोना वायरस से जुड़ी सूचना सही वक्त पर ना देने के लिए चीन को कसूरवार ठहराया है.