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अमेरिका ने इस देश को भेजी 80 शीशी वैक्सीन, बन गया मजाक

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जून 2021,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST
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अमेरिका और चीन कोरोना संकट के दौरान वैक्सीन डिप्लोमेसी के जरिये अपनी छवि चमकाने में लगे हुए हैं. दोनों देश उन गरीब देशों को कोरोना की वैक्सीन मुहैया करा रहे हैं, जो इसे खरीदने या पर्याप्त मात्रा में बनाने में असक्षम हैं. वैक्सीन कूटनीति में अमेरिका-चीन की अदावत भी सतह पर आ जा रही है और दोनों देश एक दूसरे की खिंचाई करने में कोई कसर नहीं छो़ड़ रहे हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति रूस और चीन पर तंज भी कस चुके हैं कि अमेरिका वैक्सीन देकर दूसरे देशों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेगा.

(फोटो-AP)

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बहरहाल, चीन को इसी क्रम में अमेरिका का उस समय मजाक उड़ाने का मौका मिल गया, जब उसने त्रिनिदाद और टोबैगो को कोरोना वैक्सीन की महज 80 शीशियां भेजीं. त्रिनिदाद और टोबैगो को इतनी कम मात्रा में कोरोना की वैक्सीन भेजने पर चीन के सरकारी मीडिया संस्थानों ने अमेरिका का मजाक उड़ाया है. त्रिनिदाद और टोबैगो को 80 शीशियां भेजने पर चीन के सरकारी मीडिया से जुड़े चेन वेहुआ ने कहा कि यह उतना ही है जितना एक नर्सिंग होम को दान किया जाता है.

(फोटो-AP)

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने त्रिनिदाद और टोबैगो को वैक्सीन दान करने के संबंध में ट्वीट किया जिसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी मजाक उड़ाया गया. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने अमेरिकी ट्वीट का हवाला देते हुए WeChat पर प्रकाशित एक लेख में कहा, "क्या इसे वर्ष के सबसे खराब जनसंपर्क पुरस्कार के लिए चुना जाएगा?" इस लेख में अमेरिका का मजाक उड़ाने वाले 10 से ज्यादा ट्वीट को शामिल किया गया था. 

(फोटो-AP)

 

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असल में, अमेरिका और चीन वैक्सीन डिप्लोमेसी के जरिये दुनियाभर से सद्भावना बंटोरने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले हफ्ते कहा था कि वाशिंगटन फाइजर की कोरोना वैक्सीन की आधा अरब खुराक दुनिया के सबसे गरीब लोगों को दान करेगा. अमेरिका ने 80 मिलियन खुराक जून के अंत तक दान करने का वादा किया है.

(फोटो-Getty Images)

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पोर्ट ऑफ स्पेन में सोमवार को अमेरिकी दूतावास ने ट्वीट किया कि त्रिनिदाद और टोबैगो को फाइजर वैक्सीन की 80 शीशियां दान दी जा रही हैं. आमतौर पर एक शीशी में पांच या छह खुराकें होती हैं. अमेरिकी दूतावास ने कहा कि हम मानते हैं कि हर टीका मायने रखता है. पोर्ट ऑफ स्पेन त्रिनिदाद और टोबैगो की राजधानी है.

(फोटो-AP)

 

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इसके बाद ग्लोबल टाइम्स और चाइना डेली सहित चीनी के सरकारी मीडिया संस्थानों ने अमेरिकी दूतावास के ट्वीट पर व्यंग्यात्मक टिप्पणियां कीं. शिन्हुआ ने लिखा, इसे 'काम कम करना और दिखाना ज्यादा' कहते हैं.  

(फोटो-AP)

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चीन ने मई में त्रिनिदाद और टोबैगो को सिनोफार्म टीके की 100,000 खुराकें दान में दी थीं. बीजिंग ने दान किए गए अपने टीके के समग्र आंकड़े का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स का आकलन है कि चीन की तरफ से जून की शुरुआत में कम से कम 16.82 मिलियन खुराकें बांटी गई हैं. 

(फोटो-Getty Images)

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तमाम रिपोर्टों के हवाले से बताया जा रहा है कि चीन ने दुनिया के 50 से अधिक देशों में अपनी वैक्सीन पहुंचा दी है. चीन की पांच प्रमुख वैक्सीन (उपयोग के लिए स्वीकृत) के तीसरे चरण के ट्रायल मैक्सिको, अर्जेंटीना, चिली, पेरु, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान, रूस जैसे करीब एक दर्जन देशों में वैक्सीन का ट्रायल किया गया. इस साल 25 अप्रैल तक 41.5 करोड़ खुराकों के साथ चीन दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक (27 करोड़ अमेरिका, 22 करोड़ ईयू, 19.6 करोड़ भारत) बन गया था.

(फोटो-Getty Images)
 

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चीन की वैक्सीन पूर्वी यूरोप के पांच, एशिया के 10, लैटिन अमेरिका के 10, पश्चिम एशिया के तीन और अफ्रीका के 12 देशों तक पहुंच गई है. 69 देशों को वैक्सीन दान में दी गई है, 60 देशों में चीनी वैक्सीन प्रयोग के लिए मंजूर हैं और 43 देशों को निर्यात हो रही है. संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना को भी चीन की वैक्सीन मिली है.

(फोटो-Getty Images)

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