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विश्व

क्या वुहान लैब से फैला कोरोना वायरस? चीन ने उलटे अमेरिका पर दागे ये सवाल

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2021,
  • अपडेटेड 3:52 PM IST
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कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. अभी तक साफ नहीं हो पाया कि कोरोना वायरस कहां से आया और इसकी उत्पत्ति कैसे हुई जिससे पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने जानलेवा वायरस की उत्पत्ति के बारे में पता लगाने के लिए अपने खुफिया अधिकारियों को आदेश दिए हैं. बाइडन ने बुधवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से महामारी की उत्पत्ति की जांच के अपने प्रयासों को 'दोगुना' करने के लिए कहा.

इस बीच, वुहान की लैब को लेकर चीन ने नाराजगी जाहिर की है और अमेरिका पर अपने खिलाफ साजिश और दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया है. चीन ने मांग की है कि वुहान से पहले अमेरिका को अपने बायो लैब को जांच के लिए खोलना चाहिए. 

(फोटो-AP)

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असल में, इस बात की फिर चर्चा होने लगी है कि क्या कोरोना वायरस चीन के वुहान के एक लैब से फैला है? वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को फिर से जांच के लिए खोलने के अमेरिकी आग्रह पर चीन ने कहा कि उसके खिलाफ कॉन्सिपिरेस थ्योरीज गढ़ी जा रही हैं और दुष्प्रचार किया जा रहा है.  

(फोटो-AP)

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अमेरिका की तरफ से कोविड-19 की उत्पत्ति की फिर से जांच के लिए दबाव बढ़ रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का चीनी मिशन पहले ही जांच कर चुका है, लेकिन अभी तक रिपोर्ट सामने नहीं आई है. वुहान लैब की जांच में देरी को लेकर चीन सवालों के घेरे में है. अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के बाद से वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी फिर चर्चा के केंद्र में आ गया है. अखबारी रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2019 में लेबोरेट्री में काम करने वाले तीन लोगों को कोरोना जैसे लक्षण नजर आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस महामारी के सामने आने के एक महीना पहले इन तीनों शोधकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

(फोटो-AP)
 

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द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि इन शोधकर्ताओं ने सात साल पहले दक्षिण-पश्चिमी चीन की एक खदान से नमूने एकत्र किए थे, जहां काम करने वाले कुछ श्रमिक चमगादड़ से पैदा हुई एक रहस्यमय बीमारी की चपेट में आ गए थे, जिसके लक्षण कोरोना वायरस से मिलते जुलते थे. 

(फोटो-AP)
 

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फिलहाल, इस रिपोर्ट को नकारते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने अमेरिका पर साजिश रचने और बीजिंग के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया. झाओ लिजियन ने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से वायरस फैलने की रिपोर्ट को खारिज कर दिया. चीन के प्रवक्ता ने कहा कि प्रयोगशाला से वायरस लीक होने की थ्योरी को बार-बार हवा में उछालने के पीछे अमेरिका का असल मकसद क्या है? वह इस वायरस की जड़ का पता लगाने को लेकर गंभीर है या फिर ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहा है? 

(फोटो-ट्विटर/@zlj517)

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कोरोना वायरस फैलने के लिए चीन को लगातार जिम्मेदार बताते रहे. अब बाइडन प्रशासन ने 90 दिनों के भीतर कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर खुफिया अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. इस पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि यह डब्ल्यूएचओ की जांच का 'अपमान' है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के इस रुख से इस महामारी से निपटने के लिए वैश्विक एकजुटता कमजोर होगी. एएफपी के मुताबिक लिजियन ने कहा कि इसी साल जनवरी में चीन और डब्ल्यूएचओ की संयुक्त टीम ने कई संस्थानों का दौरा किया जिनमें वुहान सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरलॉजी भी शामिल थे.

(फोटो-ट्विटर/@zlj517) 
 

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झाओ लिजियन ने कहा, "यदि अमेरिका वास्तव में पूरी पारदर्शिता चाहता है, तो उसे चीन की तरह, डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों को अमेरिका आने और जांच करने के लिए आमंत्रित करना चाहिए." उन्होंने मैरीलैंड में एक अमेरिकी शोध केंद्र का जिक्र करते हुए कहा, "जितनी जल्दी हो सके फोर्ट डेट्रिक सैन्य अड्डे को खोलें. दुनिया भर में सबसे ज्यादा अमेरिका के पास जैव प्रयोगशालाएं हैं."

(फोटो-AP)

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अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम ने वुहान में वायरस की उत्पत्ति को लेकर जांज कर चुकी, लेकिन अब तक रिपोर्ट सामने नहीं आने से महामारी की उत्पत्ति पर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाल पाया है. इसके बजाय डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व वाली टीम का कहना था कि मुमकिन है कि यह बीमारी चमगादड़ से मानव में फैली हो.

(फोटो-AP)

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असल में, वर्ष 2019 के अंतिम महीनों में मध्य चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद इस जालेना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. कोविड-19 से संक्रमित होने से अब तक 34 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि संक्रमण से बचने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं लड़खड़ा गई हैं. 

(फोटो-AP)

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