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वैज्ञानिक ने नए फ्यूजन रॉकेट का किया आविष्कार, 10 गुना रफ्तार से इंसान को ले जाएगा मंगल पर!

aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 31 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 6:24 PM IST
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अमेरिकी सरकार के साथ काम कर रही एक महिला वैज्ञानिक ने नया फ्यूजन रॉकेट तैयार किया है जो इंसान को 10 गुना रफ्तार (मौजूदा इस्तेमाल किए जाने वाले रॉकेट के मुकाबले) से मंगल पर पहुंचाने के काम आ सकता है. अमेरिका के प्रिंस्टन प्लाज्मा फिजिक्स लेबोरेटरी (PPPL) में काम करने वालीं डॉ. फातिमा इब्राहिमी ने जो नया रॉकेट तैयार किया है वह मैग्नेटिक फील्ड के जरिए प्लाज्मा पार्टिकल्स को शूट करता है. (फोटो-PPPL)

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फिलहाल जो रॉकेट इस्तेमाल किए जा रहे हैं उनमें इलेक्ट्रिक फील्ड के जरिए पार्टिकल्स को शूट किया जाता है. लेकिन फातिमा के बनाए नए रॉकेट में मैग्नेटिक फील्ड के इस्तेमाल से अधिक स्पीड हासिल करने में मदद मिलेगी. 
 

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डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, फातिमा का कहना है कि 2017 से ही वह अपने इस आइडिया पर काम कर रही थीं. बता दें कि फ्यूजन उस पावर को कहते हैं जो सूर्य या फिर तारों से पैदा होता है. वैज्ञानिक लंबे वक्त से लैब में फ्यूजन तकनीक पर काम करते रहे हैं ताकि रॉकेट्स के लिए इलेक्ट्रिसिटी हासिल करने में मदद मिले. 
 

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अमेरिका के प्रिंस्टन प्लाज्मा फिजिक्स लेबोरेटरी और नेशनल इनर्जी रिसर्च साइंटिफिक कंप्यूटिंग सेंटर में यह देखा गया कि नए प्लाज्मा थ्रस्टर कंसेप्ट से अधिक स्पीड हासिल की जा सकती है. स्पेसक्राफ्ट की शुरुआती यात्रा के दौरान अधिक स्पीड हासिल करने से मंगल ग्रह तक इंसान की पहुंच आसान हो सकती है. 

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वहीं, आमतौर पर अंतरिक्ष में लंबी दूरी की यात्रा में कई महीने और कई साल लगते हैं क्योंकि केमिकल रॉकेट इंजन तुलनात्मक रूप से धीमी रफ्तार में काम करते हैं. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि मैग्नेटिक फील्ड वाले थ्रस्टर्स के जरिए अधिक स्पीड हासिल करना संभव हो सकता है.

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हालांकि, रॉकेट में फ्यूजन तकनीक का इस्तेमाल नई बात नहीं है. लेकिन फातिमा की डिजाइन में कुछ नई चीजों का इस्तेमाल किया गया है जो इसे अलग बनाता है. जैसे कि मैग्नेटिक फील्ड में बदलाव करके थ्रस्ट को कम या अधिक किया जा सकता है. 
 

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