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विश्व

पाकिस्तान पर बुरी तरह भड़का इजरायल, बोला- पाखंड ना करो

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2021,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST
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फिलिस्तीनियों के साथ संघर्ष में इजरायल के खिलाफ मुखर रहने वाले देशों में तुर्की के साथ पाकिस्तान अगली कतार में खड़ा नजर आया. पाकिस्तान ने फिलिस्तीनियों पर हमले को लेकर इजरायल की जमकर आलोचना की. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फिलिस्तीन के समर्थन में कई ट्वीट किए और फिलिस्तीनियों के मानवाधिकारों का हवाला देते हुए इजरायली हमले को रोकने की मांग की थी. पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर फिलिस्तीनियों के मानवाधिकार के मसले पर इजरायल के खिलाफ दुनिया के देशों को लामबंद करने में जुटा रहा. लेकिन इजरायल ने गुरुवार को तब पलटवार किया जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने फिलिस्तीन में मानवाधिकार के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र संघ के एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इजरायल ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मानवाधिकार रिपोर्ट का हवाला देते हुए पाकिस्तान को आईना दिखाया.

(फोटो-Getty Images)

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मानवाधिकार की दुहाई देने पर इजरायल के विदेश मंत्रालय के महानिदेशक अलोन उशपिज़ो ने पाकिस्तान पर तंज कसा है. अलोन उशपिज़ो ने ट्वीट किया, 'मानवाधिकार का 'चैम्पियन' पाकिस्तान वास्तव में शीशे के महल में रहता है, लेकिन अभी वो मध्य पूर्व के एक मात्र लोकतांत्रिक देश (इजरायल) को ज्ञान दे रहा है. ये सबसे बड़ा पाखंड है.' अलोन उशपिज़ो ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र में पाकिस्तान के विदेश मंत्री के संबोधन का हवाला देते हुए यह कटाक्ष किया. 


(फोटो-Getty Images)

 

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असल में, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने गुरुवार को "पूर्वी यरुशलम सहित अधिकृत फिलिस्तीनी क्षेत्र में मानवाधिकारों की गंभीर स्थिति" विषय पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक सत्र को वर्चुअली संबोधित किया. इस कार्यक्रम को लेकर पाकिस्तान के एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल फॉरन मिनिस्टर्स पब्लिक डिप्लोमैसी से गुरुवार को एक ट्वीट किया गया था. इस ट्वीट में लिखा था, 'आज संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कब्जे में लिए गए फिलिस्तीनी इलाके और पूर्वी यरुशलम में मानवाधिकारों की भयावह स्थिति पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया है. इस बैठक को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी संबोधित करेंगे और यूएनएचआरसी से क्या उम्मीद है, उसकी चर्चा करेंगे.'

  

 

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इसी ट्वीट पर इजरायल ने पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट के जरिये उसे आईना दिखाया. अलोन उशपिज़ो ने अपने ट्वीट में अमेरिकी विदेश मंत्रालय की पाकिस्तान में मानवाधिकारों पर तैयार की गई रिपोर्ट का लिंक साझा किया. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान में मानवाधिकारों की गंभीर स्थिति पर गंभीर चिंता जताई गई है. 

(फोटो-Getty Images)

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अमेरिका की इस रिपोर्ट में पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति की चर्चा है. इसमें पाकिस्तान के सशस्त्र बलों द्वारा जनता के उत्पीड़न का जिक्र है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में सत्ता बदलने और इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी पाकिस्तान की स्थिति में कोई तब्दीली नहीं आई है.

(फोटो-Getty Images)

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बहरहाल, इजरायल ने यह प्रतिक्रिया तब दी है जब यूएनएचआरसी में उसके खिलाफ प्रस्ताव के पक्ष में पाकिस्तान ने भी मतदान किया है. पाकिस्तान उन 24 देशों में शामिल हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में फिलिस्तीन पर हमले को लेकर इजरायल के खिलाफ मतदान किया. 

(फोटो-AP)

 

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संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की तरफ से कब्जे वाले फिलस्तीनी इलाके और पूर्वी यरुशलम में मानवाधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. हम इसका स्वागत करते हैं.'

(फोटो-Getty Images)

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को संबोधित करते हुए शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के साथ मानवाधिकारों का समर्थन करता रहेगा. फिलिस्तीनियों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है. 11 दिनों तक फिलिस्तीनियों पर इजरायल हमला करता रहा. पीड़ित और आक्रामक देश की तुलना एक साथ नहीं की जा सकती. फिलिस्तीनियों का यह अधिकार है कि वे सम्मान के साथ जी सकें और वे अपने भविष्य का फैसला खुद कर सकें.

(फोटो-Getty Images)

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इस बीच, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने गाजा और वेस्ट बैंक में हाल में इजरायल की ओर से की गई हिंसा की अंतरराष्ट्रीय जांच करने का फैसला किया है. इसके अंतर्गत दशकों से चल रहे मध्य पूर्व संघर्ष में दुर्व्यवहार और उनके मूल कारणों पर एक अभूतपूर्व स्तर की जांच होगी. ये प्रस्ताव गुरुवार को परिषद के 47 सदस्यों में से 24 के पक्ष से पारित हुआ. नौ ने विरोध किया और 14 सदस्य गैर-हाजिर रहे. गैर हाजिर रहने वाले देशों में भारत भी शामिल है. यह प्रस्ताव इस्लामिक सहयोग संगठन और फिलिस्तीनी प्रतिनिधिमंडल द्वारा संयुक्त राष्ट्र में लाया गया था.
(फोटो-AP)
 

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