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Taiwan Weapons vs China: स्काई बो, हेलफायर... चीन से मुकाबले के लिए ताइवान के पास हैं ये 12 खतरनाक हथियार

ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST
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ताइवान (Taiwan) चीन से छोटा जरूर है. लेकिन हथियारों में कमजोर नहीं है. उसके पास कई ऐसे हथियार हैं जो चीन की हालत खराब कर सकते हैं. साथ ही कड़ी टक्कर दे सकते हैं. जमीन, हवा और पानी तीनों में ताइवान चीन की सेना को पिछाड़ सकता है. यहां तक कि चाहे तो युद्ध को लंबा खींच सकता है. अगर युद्ध लंबा खिंचता है तो शिकस्त ताकतवर देश की होती है. क्योंकि उसे आर्थिक, अंतरराष्ट्रीय, आस-पड़ोस के रिश्तों के साथ-साथ कई मोर्चों पर समझौते करने पड़ते हैं. आइए जानते हैं ताइवान के 12 उन हथियारों को जो चीन के लिए आफत बन सकते हैं. (फोटोः ताइवानी नौसेना)

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तुओ चियांग कॉर्वेट (Tuo Chiang Corvette): तुओ चियांग कॉर्वेट ताइवानी नौसेना का ऐसा जंगी जहाज है, जो चीन की नौसेना, थल सेना और वायु सेना को टक्कर देने के लिए बनाया गया है. ऐसे 12 जंगी पोत बनाए जाने हैं. जिनमें से 2 बन चुके हैं और तैनात हैं. 198.2 फीट लंबे इसे जंगी जहाज का बीम 48.7 फीट का है. यह अधिकतम 83 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकता है. इसमें 12 काउंटर शैफ डिस्पेंसर लगे हैं. यानी दुश्मन की मिसाइलों, गोलों को हवा में दाग सकते हैं. इसके अलावा इसमें 8 हीसंग फेंग 2, 8 हीसंग फेंग 3 मिसाइलें तैनात हैं. इसके अलावा एक 76 मिलिमीटर की ओटोब्रेडा गन लगी है. इसके अलावा एक हैलेंक्स CIWS गन लगी है, जो दुश्मन टारगेट को खुद ही पहचान कर हमला करती है. 2 ब्राउनिंग एम2एचबी, 2 मार्क 32 ट्रिपल टॉरपीडो लॉन्चर लगे हुए हैं. यानी चारों तरफ हमला कर सकता है. बचाव कर सकता है. दिक्कत ये है कि ऐसे सिर्फ दो ही युद्धपोत ताइवान के पास हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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हीसंग फेंग 3 (Hsiung Feng III): हीसंग फेंग 3 का मतलब होता है ब्रेव विंड. यह एक मीडियम रेंज सुपरसोनिक मिसाइल हैं. यह जमीन और नौसैनिक दोनों टारगेट्स पर हमला कर सकती है. ताइवान के पास ऐसी 250 मिसाइलें मौजूद हैं. इनका वजन 14 से 1500 किलोग्राम है. लंबाई करीब 20 फीट और व्यास करीब 1.5 फीट. यह अपने सिर पर 225 किलोग्राम का हथियार ले जा सकती है. इसमें लिक्विड फ्यूल रैमजेट इंजन लगा है, जो इसे हवा में और ज्यादा गति प्रदान करता है. अधिकतम रेंज 400 किलोमीटर है. यह उड़ते समय 125 से 250 मीटर तक ऊंचाई हासिल करती है ताकि दुश्मन के एंटी मिसाइल सिस्टम आसानी से इसे टारगेट न बना सकें. (फोटोः एएफपी)

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स्काई बो 3 (Sky Bow III): ताइवान की जमीन से हवा में मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल. इसे तियेन कुंग के नाम से भी बुलाते हैं. इसका लक्ष्य होता है हिट टू किल. वजन 870 किलोग्राम होता है. लंबाई 5.49 मीटर होता है. खतरनाक बात है इसकी गति. यह 8348.8 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती है. यानी दुश्मन के पास समय नहीं होता कि वो बचने की तैयारी भी कर सके. इसकी रेंज 200 किलोमीटर है. जब रेंज कम और स्पीड ज्यादा हो तो दुश्मन के पास मरने के सिवाय कोई चारा नहीं बचता. 

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एफ-16 फाइटिंग फॉल्कन (F-16 Fighting Falcon): अमेरिका द्वारा बनाया गए सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक. 48 सालों से कई देशों का भरोसेमंद फाइटर जेट. अब तक करीब 4604 यूनिट्स बनाए गए हैं. इस फाइटर प्लेन को एक पायलट उड़ाता है. 49.5 फीट लंबे प्लेन में एक बार में 3200 किलोग्राम फ्यूल आता है. यह अधिकतम 2178 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है. पूरे हथियारों के साथ इसकी कॉम्बैट रेंज 546 किलोमीटर है. इसमें एक 20 मिमी की रोटरी कैनन लगी है. जो प्रतिमिनट 511 राउंड फायर करती है. इसके अलावा इसमें 2 एयर-टू-एयर मिसाइल, 6 अंडर विंग, 3 अंडर फ्यूसलेज पाइलॉन बम लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा 4 रॉकेट या 6 हवा से हवा, हवा से सतह या हवा से शिप पर मार करने वाली मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. या फिर इनका मिश्रण. इसमें आठ बम भी लगाए जा सकते हैं. 

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एम1 अबराम टैंक्स (M1 Abrams Tanks): एम1 अबराम टैंक्स अमेरिका के तीसरे जेनरेशन के तोप हैं. जिन्हें ताइवान लेने की तैयारी में है. इन तोपों ने खाड़ी युद्ध, अफगानिस्तान युद्ध, इराक युद्ध, यमन आदि में अपना लोहा मनाया है. जिस तरह कई देशों ने रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन की मदद की थी. इस टैंक के जरिए ताइवान की मदद अमेरिका भी कर सकता है. इस टैंक में चार क्रू रहते हैं. इसमें 120 मिलिमीटर का गोला लगता है. इसके अलावा .50 कैलिबर की एक हैवी मशीन गन होती है. जो 900 राउंड प्रतिमिनट फायर करती है. इसके अलावा 2x7.62 मिलिमीटर की M240 मशीन गन होती हैं. जो एक मिनट में 10,400 राउंड फायर कर सकती हैं. यह तोप अधिकतम 67 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकता है. इस टैंक में 42 गोले रखे जा सकते हैं. (फोटोः एएफपी)

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M109 पैलेडिन हॉवित्जर (M109 Paladin Self Propelled Howitzer): यह अमेरिका में निर्मित 155 मिलिमीटर की सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्जर तोप है. इसकी लंबाई 30 फीट है. इसे चलाने के लिए चार लोगों की जरुरत होती है. इसमें 155 मिमि का गोला लगता है. यह तोप हर मिनट चार गोले दाग सकता है. इसकी रेंज 21 से 40 किलोमीटर तक है. इसके ऊपर M2 मशीन गन लगी है. एक बार में 350 किलोमीटर तक यह टैंक जा सकता है. इस टैंक में 36 से 39 गोले स्टोर किए जा सकते हैं. 

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M142 हिमार्स आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (M142 HIMARS): यह एक लाइट मल्टिपल रॉकेट लॉन्चर हैं. जो 2010 से लगातार अलग-अलग युद्धों में उपयोग किया जा चुका है. इसकी लंबाई 23 फीट होती है. इसे चलाने के लिए तीन लोगों की जरुरत है. इसके रेंज 2 किलोमीटर से लेकर 300 किलोमीटर तक हैं. इसमें 227 मिलिमीटर के 6 रॉकेट्स का सेट होता है. हिमार्स लॉन्चर को 85 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से 480 किलोमीटर की रेंज तक ले जाया जा सकता है.  

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हेलफायर एजीएम मिसाइल (AGM-114 Hellfire) : हेलफायर मिसाइल का उपयोग फाइटर जेट से किया जाता है. या फिर ड्रोन या हेलिकॉप्टर से भी दागा जा सकता है. इसके वैरिएंट्स को जमीन या कंधे से भी दागा जा सकता है. बारूद की मात्रा बेहद कम होती है. इसमें तेज धार वाले धातु के ब्लेड्स होते हैं. इनके सामने आने वाला इंसान कई टुकड़ों में कट जाता है. इस मिसाइल को निंजा बॉम्ब (Ninja Bomb) और फ्लाइंग गिंसू (Flying Ginsu) भी कहते हैं. इस मिसाइल की खास बात ये है कि अमेरिका में मौजूद 8 प्रकार के हेलिकॉप्टर से लॉन्च की जा सकती है.

यह 7 अलग-अलग तरह के विमानों, पेट्रोल बोट या हमवी (Humvee) से भी लॉन्च की जा सकती है. हेलफायर मिसाइल दागो और भूल जाओ तकनीक पर काम करती है. इस मिसाइल में पांच तरीके के वॉरहेड यानी हथियार लगाए जा सकते हैं. एंटी-टैंक हाई एक्सप्लोसिव, शेप्ड चार्ज, टैंडम एंटी-टेरर, मेटल ऑगमेंटेड चार्ज (R9X) और ब्लास्ट प्रैगमेंटेशन. इस मिसाइल की रेंज 499 मीटर से लेकर 11.01 किलोमीटर तक होती है. रेंज इस मिसाइल के वैरिएंट पर निर्भर करता है. इस मिसाइल की अधिकतम गति 1601 किलोमीटर प्रतिघंटा है. 

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स्काई स्वॉर्ड 2 (Sky Sword-II): ताइवान की मीडियम रेंज राडार गाइडेड हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल. ताइवान के पास यह 1990 से है. इसका वजन 184 किलोग्राम होता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 100 किलोमीटर है. इसकी गति इसे बहुत घातक बनाती है. यह 7408 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन की ओर बढ़ती है. यानी राडार या दुश्मन को तैयारी का मौका ही नहीं मिलता. इस मिसाइल के चार वैरिएंट्स मौजूद हैं. यह भारत के ब्रह्मोस मिसाइल की तरह ही है. इसे फाइटर जेट, जंगी जहाज या फिर जमीन से भी लॉन्च किया जा सकता है. 

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MIM-72 चपारल (MIM-72 Chaparral): यह एक अमेरिकी सेल्फ प्रोपेल्ड सरफेस टू एयर मिसाइल हैं. यानी इसके राडार ने जैसे ही दुश्मन के विमान को देखा यह खुद ही उसका टारगेट फिक्स करके उड़ जाएगी. अब तक इसके 10 वैरिएंट बनाए जा चुके हैं. जो जमीन और जंगी जहाज से चलाए जाते हैं. इनकी लंबाई 9.6 फीट होती है. वजन करीब 86 किलोग्राम होता है. ये अधिकतम 1789 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हमला करते हैं. मिनिमम रेंज 590 फीट और अधिकतम रेंज 5 किलोमीटर है. अधिकतम 10 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती हैं. 

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रिम-7 सी स्पैरो (RIM-7 Sea Sparrow): यह एक शिप बॉर्न शॉर्ट रेंज एंटी एयरक्राफ्ट और एंटी-मिसाइल वेपन सिस्टम है. यानी जंगी जहाज से दुश्मन के प्लेन, जंगीपोत या फिर मिसाइल को ध्वस्त कर सकता है. इसका वजन 230 किलोग्राम होता है. 12 फीट लंबे मिसाइल में एन्यूलर ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन वॉरहेड लगाया जाता है. जिसका जवन 41 किलोग्राम होता है. इसकी ऑपरेशनल रेंज 19 किलोमीटर है. अधिकतम गति 4256 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यानी दुश्मन को बचने का मौका नहीं मिलता. 

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एम-9 साइडविंडर (AIM-9 Sidewinder): यह एक शॉर्ट रेंज की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. 1953 से लगातार अमेरिका इसे बना रहा है. 85.3 किलोग्राम वजन वाली यह मिसाइल 9.11 फीट लंबी होती है. इसमें एन्यूलर ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन वॉरहेड लगाया जाता है. जिसका वजन 9.4 किलोग्राम होता है. यह 3087 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है. (फोटोः विकिपीडिया)

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