इजरायली सेना और फिलिस्तीनियों के बीच आज लगातार पांचवें दिन भी खूनी संघर्ष चल रहा है. इजरायल ने गाजा में अपना हमला तेज कर दिया है जबकि फिलिस्तीन भी इजरायल पर रॉकेट दाग रहा है. इस बीच, इजरायल ने गाजा से लगी सीमा पर अपने सैनिकों को मुस्तैद कर दिया है. बताया जा रहा है कि इजरायल जमीनी सैन्य कार्रवाई की तैयारी में भी है.
बहरहाल, इजरायल और फिलिस्तीन में बढ़ते तनाव के बीच भारत ने बयान जारी किया है. भारत ने सभी हिंसक गतिविधियों, खासकर गाजा से किए गए रॉकेट हमलों की निंदा की है. साथ ही हिंसा पर रोक लगाने की जरूरत पर जोर दिया है.
संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति ने बुधवार को ट्वीट किया कि पूर्वी यरुशलम में इस तनाव के मुद्दे पर हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में उन्होंने कहा कि भारत सभी तरह की हिंसक गतिविधियों, खासकर गाजा से किए गए रॉकेट हमलों की निंदा करता है.
तिरुमूर्ति ने इजरायल में एक भारतीय नागरिक की मौत पर शोक जताया. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि तनाव में तत्काल कमी लाना समय की जरूरत है और दोनों पक्षों को यथास्थिति में बदलाव से बचना चाहिए.
गाजा से फिलिस्तीनी चरमपंथियों के रॉकेट हमले में इजरायल में 30 साल की भारतीय महिला सौम्या संतोष की मौत हो गई थी. केरल के इदुक्की जिले की रहने वाली संतोष दक्षिण इजरायल के तटीय शहर एशकेलोन में एक बुजुर्ग महिला की देखभाल का काम करती थीं. भारत में इजरायल के राजदूत रोन माल्का ने भारतीय महिला की मौत पर शोक जताया है.
रॉयटर्स के मुताबिक इजरायल और फिलिस्तीनी गुटों की तरफ से जारी हमलों में अब तक कम से कम 83 लोग मारे गए हैं जिनमें 17 बच्चे शामिल हैं. 6 इजरायली नागरिक भी मारे गए हैं.
भारत ने मंगलवार को हरम अल शरीफ, माउंट टेंपल में झड़पों और हिंसा तथा शेख जर्राह और सिलवान क्षेत्र में हो रहे निष्कासनों पर भी चिंता जताई थी. तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया था कि भारत हरम अल शरीफ/माउंट टेंपल में झड़पों एवं हिंसा पर बेहद चिंतित है. भारत शेख जर्राह और सिलवान क्षेत्र में फिलिस्तीनियों की बेदखली पर भी उतना ही चिंतित हैं. उन्होंने कहा था कि भारत दोनों पक्षों से आह्वान करता है कि वह जमीन पर यथास्थिति को बदलने से बचें. साथ ही कहा कि पुराने शहर में अल जवीया अल हिंदिया-भारतीय आश्रम भी है.
भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2334 का पालन करने की भी अपील की जो कहता है कि पूर्वी यरुशलम समेत फिलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्र में इजरायल द्वारा 1967 से अन्य बस्तियों की स्थापना की कोई कानूनी वैधता नहीं है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत घोर उल्लंघन है. साथ ही, ये दो राष्ट्र के समाधान को हासिल करने और स्थायी शांति में बड़ी बाधा है.
तिरुमूर्ति ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रत्यक्ष शांति बहाली के लिए बातचीत को तत्काल फिर से शुरू करने और दो राष्ट्र समाधान को लेकर प्रतिबद्धता जताने की जरूरत है.