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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान को दिए दो विकल्प

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 6:37 PM IST
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अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के फैसले के बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए शांति या अराजकता में से किसी एक को चुनने का समय आ गया है क्योंकि अब तक उसके सभी आकलन गलत रहे हैं. उन्होंने क्षेत्र की प्रगति में चीन और भारत की भी अहम भूमिका बताई.

(फोटो-Getty Images)

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अशरफ गनी ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि खुशकिस्मती है कि पाकिस्तान के नेता अब मौखिक रूप से यह स्वीकार करते हैं कि वे अफगानिस्तान में तालिबान सरकार नहीं चाहते हैं, बल्कि वे युद्धग्रस्त देश में शांतिपूर्ण, स्थिर, लोकतांत्रिक सरकार देखना चाहेंगे. (फोटो-PTI)

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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि हम उनकी समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण हैं. स्थिर और एकजुट अफगानिस्तान में विकास दर दो फीसदी तक बढ़ सकती है, हमें एक साथ काम करना होगा. पाकिस्तान से उन्होंने दो टूक कहा, "इसलिए दो विकल्प हैं. हमारे माध्यम से मध्य एशिया से जुड़ें, शांति के लिए साझेदारी के माध्यम से संयुक्त समृद्धि में साझेदार बनें, अंतरराष्ट्रीय विश्वसनीयता और समर्थन प्राप्त करें, जिसकी उन्हें जरूरत है या फिर अराजकता को चुनें." (फोटो-Getty Images)

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अशरफ गनी ने कहा कि अफगानिस्तान में असुरक्षा अथवा नए सिरे से गृहयुद्ध से सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाला देश पाकिस्तान होगा और उस स्थिति में यह हार का प्रस्ताव होगा. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि यह पाकिस्तान के लिए चुनने का समय है. उसके अब तक के सभी आकलन गलत रहे हैं.

(फोटो-Getty Images)

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अफगानिस्तान हमेशा से कहता रहा है कि पाकिस्तान आतंकी गुटों विशेषकर अफगान तालिबान, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और हक्कानी समूह को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराता है. ये आतंकी संगठन अफगानिस्तान पर हमले को अंजाम देते हैं. (फोटो-Getty Images)

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एक सवाल के जवाब में अशरफ गनी ने कहा कि चीन एक हस्तक्षेपवादी शक्ति नहीं है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा, चीन किसी सैन्य या छद्म युद्धों के साथ जुड़ना नहीं चाहता है, और पाकिस्तान अपनी विदेश नीति के मामले में स्पष्ट रूप से चीन और अन्य देशों के बीच झूल रहा है, पाकिस्तान की क्षेत्र के देशों पर निर्भरता काफी महत्वपूर्ण है. पाकिस्तान क्षेत्रीय स्थिरता का केंद्र बिन्दु बन सकता है, अगर वह शांति के लिए क्षेत्रीय सहयोग में भागीदार बने.' (फोटो-Getty Images)

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अशरफ गनी ने कहा कि पाकिस्तान का सुर बदल गया है. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद में एक सुरक्षा सम्मेलन था, जहां बातचीत वास्तव में सद्भाव और सहयोग के बारे में महत्वपूर्ण थी. इसी सम्मेलन में पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने अतीत को भुलाते हुए भारत के साथ रिश्तों को पटरी पर लाने की बात कही थी. (फोटो-PTI)

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अशरफ गनी ने कहा कि इसकी संभावना ना के बराबर है कि कोरोना संकट खत्म होने के बाद चीन क्षेत्रीय संघर्षों में शामिल हो जाएगा. इसके अलावा, चीन के साथ हमारे बहुत सारे सकारात्मक संबंध हैं और भारत की ही तरह चीन की प्रगति का भी क्षेत्रीय समृद्धि में अहम योगदान होगा. (फोटो-AP)

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11 सितंबर तक अपने देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह अफगानिस्तान के लिए अवसर का समय है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए शांति या अराजकता में से किसी एक को चुनने का समय आ गया है.(फोटो-Getty Images)

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