भारत ने अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) के सदस्यों को वीजा देने से इनकार कर दिया है. अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के सदस्य भारत में धार्मिक आजादी का आकलन करने के लिए यहां का दौरा करना चाहते थे. भारत ने कहा है कि विदेशी एजेंसियों को भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का मूल्यांकन करने का कोई आधार नहीं है.
इससे एक दिन पहले ही अमेरिका के विदेश विभाग ने अपनी धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट जारी की थी. ट्रंप प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा था कि वह दक्षिण एशियाई देश के हालात को लेकर बेहद चिंतित हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को 1 जून को लिखे पत्र में ये जानकारी दी है. दुबे ने पिछले साल लोकसभा में नागरिक संशोधन बिल पास होने के बाद USCIRF द्वारा गृह मंत्री अमित शाह पर बैन लगाने की मांग के मुद्दे उठाया था. बता दें कि USCIRF दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता की निगरानी करती है और अमेरिकी सरकार को सुझाव देती है. हालांकि, अमेरिका की सरकार को इन्हें मानने की बाध्यता नहीं है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि भारत सरकार ने अमेरिकी आयोग के पूर्वाग्रहों से ग्रसित और भ्रामक सर्वे को खारिज कर दिया है. जयशंकर ने कहा कि आयोग को भारतीय नागरिकों के अधिकारों के बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं है.
धार्मिक आजादी के संबंध में भारत का दौरा करना चाह रही आयोग की टीम को वीजा ना देने पर जयशंकर ने कहा, यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि संविधान से सुरक्षा प्राप्त भारतीय नागरिकों के अधिकारों को लेकर किसी विदेशी संस्था को हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं बनता है. भारत अपनी संप्रुभता से जुड़े मुद्दों में किसी तरह के फैसले या विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा.
अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के प्रवक्ता सारोयान आशबेहिन ने कहा कि उनकी टीम सरकार के साथ सकारात्मक बातचीत के लिए भारत का दौरा करना चाहती थी. उन्होंने कहा, बहुसांस्कृतिक और लोकतांत्रिक देश होने और अमेरिका के सहयोगी होने के नाते भारत को भरोसा होना चाहिए और हमें दौरे की अनुमति देनी चाहिए.
अप्रैल महीने में आयोग ने अपनी रिपोर्ट कहा था कि धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में चीन, ईरान, रूस और सीरिया के साथ भारत की भी स्थिति चिंताजनक है और उसे इन देशों की श्रेणी में रखा जाना चाहिए. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के पास होने के बाद आयोग ने गृह मंत्री अमित शाह पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर दी थी.
अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से भी साल 2019 को लेकर बुधवार को एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें दुनिया के देशों में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर मंथन किया गया है. इस रिपोर्ट में भारत की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई है और कहा गया कि अमेरिका लगातार भारत में हो रही गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है.
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट-2019 में कहा गया है कि भारत का इतिहास बहुत ही सहिष्णु और हर धर्म के लिए समान व्यवहार वाला रहा है, लेकिन अभी जो देश में चल रहा है वह काफी चिंताजनक है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया में इस वक्त दस में से 8 लोग धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर मुश्किल का सामना करते हैं. अमेरिकी कांग्रेस की अगुवाई में आई इस रिपोर्ट में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ हुए प्रदर्शन, साथ ही कई घटनाओं का जिक्र किया गया है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से अचानक अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर भी बात कही गई है.