गाजा पट्टी के रफाह शहर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. तीन हफ्ते से इजरायली सेना यहां ताबड़तोड़ हमले कर रही है. इजरायली हमलों के कारण रफाह में रहने वाले लोगों की हालत बिगड़ती जा रही है. आलम ये है कि लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं.
इजरायली हमले में लगातार निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं. ऐसे में हमले में अपनों को खो चुके लोग शोक में डूबे हुए हैं. जनाजे में उमड़े लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था.
इजरायली सेना के हमले की जद में आए फिलिस्तीनी शरणार्थियों के टेंट पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. यहां हमले में बच चुके खुशनसीब लोग बमबारी में नष्ट हुए टेंटों में लौटकर अपना सामान तलाशते नजर आए.
रफाह में मिस्र की सेना के जवान इब्राहिम अब्देल रजाक के जनाजे में भारी भीड़ उमड़ी.
गाजा के हरेक एंट्री प्वॉइंट्स पर इजरायली सेना तैनात हैं. इस कारण यहां मानवीय सहायता भी नहीं पहुंच पा रही है. इससे पता चलता है कि इजरायली सेना रफाह में जमीनी हमले और तेज करने जा रही है.
गाजा पट्टी में रफाह इकलौता ऐसा शहर था, जहां लाखों फिलीस्तीनियों ने शरण ले रखी थी. इतना ही नहीं, रफाह से ही पूरी गाजा पट्टी में मानवीय सहायता भी पहुंचाई जा रही थी.
रफाह पर इजरायली सेना का ऑपरेशन 6 मई से शुरू हुआ है. लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 9 फरवरी को रफाह में ऑपरेशन चलाने की बात कही थी. उनका कहना था कि उनका मकसद हमास को खत्म करना है. उनका दावा है कि रफाह शहर में हमास की चार बटालियन हैं.
फरवरी में नेतन्याहू ने कहा था कि जब तक रफाह से हमास की चार बटालियन को खत्म नहीं कर दिया जाता, तब तक इस जंग का मकसद हासिल नहीं होगा.