भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर से तेजी से सबको अपनी चपेट में ले रहा है. भारत में गुरुवार को 2 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले आए और पिछले 24 घंटे में 1000 से ज्यादा लोगों की संक्रमण से मौत हुई है. हालात इतने भयावह होते जा रहे हैं कि कई राज्यों को कर्फ्यू लगाना पड़ रहा है. हालांकि, कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण का हरिद्वार में हो रहे कुंभ मेले के आयोजन पर कोई असर नहीं दिख रहा है. कुंभ मेले के तीसरे शाही स्नान के मौके पर बड़ी संख्या में लोग हरिद्वार में जुटे और इस दौरान ना तो सोशल डिस्टेंसिंग दिखी और ना ही लोग मास्क लगाए नजर आए. इसे लेकर विदेशी मीडिया में भी खूब चर्चा हो रही है और प्रशासन की लापरवाही को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
कुंभ मेले में लाखों लोग पहुंच रहे हैं लेकिन बहुत कम लोगों की ही टेस्टिंग की जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेस्टिंग की रिपोर्ट आने से पहले ही लोग गंगा में डुबकी लगाकर वापस चले जा रहे हैं. पिछले पांच दिनों में हरिद्वार में ही कोरोना संक्रमण के 2000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. हालांकि, उत्तराखंड की सरकार ने साफ किया है कि कुंभ मेले का आयोजन 30 अप्रैल तक जारी रहेगा. कुंभ मेले का चौथा और आखिरी शाही स्नान 27 अप्रैल को है. कुंभ के अलावा, कई राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान रैलियों में भी भारी भीड़ जुट रही है. इसे लेकर भी विदेशी मीडिया में खूब सुर्खियां बन रही हैं.
ब्रिटेन के अखबार 'द गार्डियन' ने कोरोना संकट के बीच भारत में धार्मिक मेले के आयोजन को लेकर एक आर्टिकल छापा है. गार्डियन ने लिखा है, 'गंगा तट पर जुटी भीड़ भारत में कोरोना की रोकथाम में सोशल डिस्टेंसिंग की चुनौती को साफ बयां करती है. हरिद्वार की पुलिस का कहना है कि वे लोगों को दूरी बनाए रखने के लिए कह रहे हैं लेकिन सोमवार को जुर्माना लगाना व्यावहारिक नहीं था. अखबार ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई वीडियो का भी जिक्र किया जिसमें लोग कह रहे हैं कि मां गंगा कोरोना से सुरक्षा करेंगी और इसे लेकर डरने की कोई जरूरत नहीं है.
'द एसोसिएट प्रेस' ने लिखा है, भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच हिंदू पर्व पर भारी भीड़ जुटी. एसोसिएट प्रेस ने लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के आलोचक कह रहे हैं कि संक्रमण बढ़ने के बावजूद कुंभ मेले को अनुमति दी गई है क्योंकि सरकार अपने वोटर बेस हिंदुओं को नाराज नहीं करना चाहती है. एपी न्यूज एजेंसी ने कुंभ मेले और तब्लीगी जमात को लेकर सरकार के विरोधाभास का भी जिक्र किया. पिछले साल मार्च महीने में दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए कार्यक्रम को संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था.
अलजजीरा ने भी कोरोना संकट के बीच कुंभ मेले के आयोजन को लेकर टिप्पणी प्रकाशित की है. अलजजीरा ने लिखा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बावजूद कुंभ मेले का आयोजन रोकने से इनकार कर दिया है, संभवत: हिंदू बहुसंख्यक आबादी वाले देश में धार्मिक नेताओं की नाराजगी के डर से सरकार ने ये फैसला किया है. अखबार ने उत्तराखंड के एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि शहर में हजारों लोगों की जांच के लिए जगह नहीं बची है और सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल लागू कराने के लिए ना तो पर्याप्त सुविधाएं दी हैं और ना ही लोगों की तैनाती की है.
अमेरिका की प्रतिष्ठित मैगजीन टाइम ने लिखा, "भारत में सोमवार को कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड केस आए. दूसरी तरफ, बिना मास्क पहने हजारों की संख्या में हिंदू श्रद्धालु कुंभ मेले में स्नान करने के लिए इकठ्ठा हुए. हेल्थ एक्सपर्ट्स कुंभ मेले का आयोजन रद्द करने की बात कह रहे हैं लेकिन प्रशासन ने कहा है कि कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर लोगों को कुंभ मेले में एंट्री मिलती रहेगी. टाइम ने लिखा, सोमवार को सामने आई तस्वीरों में साफ दिखता है कि कुंभ में जुटी भीड़ के सामने पुलिस सोशल डिस्टेंसिंग लागू कराने में कितनी बेबस है. हरिद्वार के एक पुलिस अधिकारी ने कहा, हम लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील कर रहे हैं लेकिन भारी भीड़ के चलते ऐसा होना लगभग नामुमकिन है."
'द न्यू यॉर्क टाइम्स' ने लिखा, "भारत में लापरवाही और गलत कदमों की वजह से कोरोना संकट गहराया है. भारत सरकार ने कुंभ मेले के आयोजन को भी हरी झंडी दे दी जो अप्रैल महीने के अंत तक खत्म होगा. हरिद्वार में हर रोज लाखों की संख्या में कुंभ मेले में शामिल हो रहे हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कुंभ मेले के लिए किसी पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जाएगी. दूसरी ओर कुंभ मेले में मौजूद स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्जुन सेंगर का कहना है कि रैंडम टेस्टिंग में पॉजिटिवटी रेट तेजी से बढ़ता दिख रहा है."
न्यू यॉर्क टाइम्स ने विधानसभा चुनावों को लेकर हो रही रैलियों को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. अखबार ने लिखा है, "हरिद्वार में धार्मिक आयोजन के अलावा, राज्यों में हो रहीं चुनावी रैलियों से भी भारत में कोरोना संकट गंभीर हुआ है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि कार में अकेले होने पर भी ड्राइवर को मास्क पहनना चाहिए लेकिन दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बड़ी रैली में बिना मास्क के लोगों का अभिवादन करते दिखते हैं."
वॉशिंगटन पोस्ट के एक संपादकीय लेख में कहा गया है, भारत को कोविड संक्रमण ने जकड़ लिया है लेकिन लोग अब भी गंगा नदी में स्नान के लिए जुट रहे हैं. कई रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि भारत में कोरोना मरीजों को अस्पताल में बिस्तर नहीं मिल रहे हैं और ऑक्सजीन और वेंटिलेटर्स की आपूर्ति भी कम पड़ रही है. बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, कुंभ मेले में नौ साधु कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. भारत में रोजाना कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कुंभ मेले में भीड़ इकठ्ठा होने देने को लेकर सरकार की आलोचना बढ़ती जा रही है.
सीएनएन ने लिखा है, जनवरी महीने से ही लोग हरिद्वार में भारी संख्या में जुट रहे हैं. लोग मेले में सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल कर रहे हैं, एक साथ बैठकर खा रहे हैं. तस्वीरें दिखाती हैं कि लोग गंगा के पवित्र पानी में अपना मुंह धुल रहे हैं और स्नान कर रहे हैं. शाम को लोग आरती के लिए भी इकठ्ठा हो रहे हैं. जबकि हेल्थ एक्सपर्ट आगाह कर रहे हैं कि इससे भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति और बुरी हो सकती है.
वहीं, अरब न्यूज ने लिखा है, भारत में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के मामले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए. हालांकि, अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी और बाकी इलाकों में कड़ी पाबंदियों के बावजूद धार्मिक आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. कुंभ मेले में तैनात इस्पेक्टर जनरल संजय गुंजयाल ने बताया कि बुधवार सुबह करीब साढ़ छह लाख लोगों ने स्नान किया. जिन घाटों पर भीड़ नहीं है, वहां सोशल डिस्टेंसिंग पालन ना करने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है लेकिन भीड़भाड़ वाले घाटों पर ऐसा करना नामुमकिन है.