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इमरान के दौरे के बीच भारत पर नरम हुए मलेशिया के सुर

aajtak.in
  • 05 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:20 AM IST
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मलेशिया ने मंगलवार को नरम रुख अख्तियार करते हुए कहा कि भारत द्वारा खाद्य तेल के आयात पर रोक अस्थायी है और दोनों देश इस समस्या को साथ बैठकर सुलझा लेंगे. बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी सोमवार को मलेशिया के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं.

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मलेशिया की खाद्य तेल की व्यापारिक इकाई ने बयान में कहा, लंबे समय से कायम द्विपक्षीय रिश्तों का ख्याल रखते हुए दोनों देश मौजूदा चुनौतियों से निपट लेंगे और दोनों पक्ष के लिए फायदेमंद नतीजे पर पहुंचने की कोशिश करेंगे. बयान में कहा गया है कि मलेशिया इसी महीने बी-20 बायोडीजल की शुरुआत करने जा रहा है जिससे कच्चे खाद्य तेल की कीमतों में स्थिरता आएगी.

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पिछले महीने भारत ने व्यापारियों को मलेशिया से रिफाइन्ड तेल आयात नहीं करने का निर्देश दिया था जिससे उसे काफी नुकसान हो रहा है. बता दें कि मलेशिया ने कश्मीर मुद्दे और नागरिकता कानून को लेकर भारत सरकार की तीखी आलोचना की थी. मलेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद ने यहां तक कहा था कि उन्हें चाहे इसकी जो कीमत चुकानी पड़े, वह अपने रुख से पीछे नहीं हटेंगे.

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वहीं, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने मंगलवार को मलेशियाई पीएम महातिर मोहम्मद को कश्मीर मुद्दे पर आवाज उठाने के लिए शुक्रिया अदा किया. साथ ही इमरान ने आश्वासन दिया कि वह मलेशिया से ज्यादा तेल खरीदेंगे ताकि भारत के बैन की वजह से हो रहे नुकसान की भरपाई हो सके.

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इमरान खान ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान मलेशिया से ज्यादा खाद्य तेल खरीदने के लिए पूरी तरह तैयार है. हमने देखा है कि भारत मलेशिया को कश्मीरियों के साथ खड़े होने के लिए खाद्य तेल के आयात बंद करने की धमकी दे रहा है. पाकिस्तान इस नुकसान की भरपाई की पूरी कोशिश करेगा.

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इमरान खान ने मलेशियाई पीएम की तारीफों के पुल बांध डाले. उन्होंने कहा, कश्मीर में हो रहे अन्याय के खिलाफ जिस तरह से आपने आवाज उठाई, उसके लिए मैं आपको शुक्रिया कहना चाहता हूं.

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इमरान खान ने कुआलालंपुर समिट में शरीक ना होने को लेकर भी सफाई पेश की. दिसंबर महीने में मुस्लिमों के मुद्दों पर बुलाई गई कुआलालंपुर समिट से इमरान खान ने सऊदी के डर से ऐन मौके पर अपने कदम पीछे खींच लिए थे. इमरान खान ने कहा कि उन्हें इस बात का बेहद अफसोस है कि वह समिट में शामिल नहीं हो पाए.

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