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विश्व

विदेशी वैक्सीन कंपनी, बैंक सहित कई अहम संस्थानों में कम्युनिस्ट्स को भेजकर चीन ने कराई 'घुसपैठ'

aajtak.in
  • 13 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST
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कुछ लीक हुए दस्तावेजों से पता चला है कि चीन ने बड़े पैमाने पर अपने वफादार लोगों को विदेशी संस्थानों में तैनात कर दिया है. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य एस्ट्राजेनका, रॉल्स रॉयस, एसएचबीसी, जगुआर लैंड रोवर जैसी कंपनियों में काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के वफादार ब्रिटिश कंसुलेट, यूनिवर्सिटी और ब्रिटेन के कई अन्य प्रमुख संस्थानों में भी जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. 

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लीक हुए दस्तावेजों से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 19 लाख रजिस्टर्ड सदस्यों का खुलासा हुआ है. ब्रिटिश मीडिया का कहना है कि बीजिंग ने ब्रिटेन के लगभग हर क्षेत्र में अपना प्रभाव स्थापित करने की कोशिश की है. इनमें डिफेंस फर्म, बैंक और दवा कंपनियां शामिल हैं. 

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बता दें कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों से शपथ दिलवाई जाती है कि वे पार्टी से जुड़ी अहम जानकारियों को गुप्त रखेंगे, पार्टी के लिए हमेशा वफादार होंगे, कड़ी मेहनत करेंगे, पूरी जिंदगी कम्युनिज्म के लिए लड़ेंगे और कभी भी पार्टी को धोखा नहीं देंगे. 

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हालांकि, अब तक इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के इन लोगों ने अपने देश के लिए जासूसी भी की है. कई लोग कम्युनिस्ट पार्टी से महज इसलिए भी जुड़ते हैं ताकि उन्हें करियर बनाने में मदद मिल सके. वहीं, खुलासे के बाद ब्रिटेन के 30 सांसदों ने तय किया है कि वे संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे. 
 

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ब्रिटिश सांसद आई. डुंकन स्मिथ ने कहा है कि सरकार को तुरंत अपने कंसुलेट्स से कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों को निकाल देना चाहिए. वे लोग या तो ब्रिटेन के लिए काम कर सकते हैं या फिर कम्युनिस्ट पार्टी के लिए. दोनों के लिए वे काम नहीं कर सकते. 

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