विद्रोहियों से युद्ध के बाद फिलहाल शांत हुए यमन के एक द्वीप पर रहस्यमयी एयरबेस बनते हुए देखा गया है. हैरानी की बात ये है कि ये द्वीप कोई आम द्वीप नहीं है. यह एक ज्वालामुखीय द्वीप है. ऐसा माना जा रहा है कि यहां पर संयुक्त अरब अमीरात एक रहस्यमयी एयरबेस बना रहा है. बताया जा रहा है कि यह द्वीप दुनिया के समुद्री मार्ग का एक बेहतरीन चोक-प्वाइंट है. यहां से भारी मात्रा में कॉमर्शियल कार्गो और अन्य जहाज जाते हैं. आइए पहले जानते हैं इस एयरबेस के बारे में और इसके बाद इस ज्वालामुखीय द्वीप के बारे में...(फोटोःएपी)
इस द्वीप का नाम है मायुन (Mayun Island). हालांकि इसे पेरिम आइलैंड (Perim Island) भी कहते हैं. यह द्वीप बाब एल-मांदेब खाड़ी (Bab El-Mandeb Strait) में स्थित है. यह द्वीप 5.63 किलोमीटर लंबा है. यहां पर बन रहे एयरबेस का रनवे इतना बड़ा है कि इसपर बड़े कार्गो प्लेन, फाइटर जेट या नागरिक विमान उतर सकते हैं. हालांकि कुछ लोग इस एयरबेस को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से जोड़ रहे हैं. (फोटोःएपी)
यमन में अंतरराष्ट्रीय मदद से सरकार बनी है. इसके अधिकारियों ने बताया कि ये बात सही है कि इस ज्वालामुखीय द्वीप पर चल रहे काम के पीछे अमीराती लोग शामिल हैं. UAE ने 2019 में घोषणा की थी कि वह सऊदी के नेतृत्व वाली सेना के साथ वह भी अपनी सेना वापस बुला लेगा. ये सेना यमन में मौजूद हौती विद्रोहियों से संघर्ष कर रही थी. (फोटोःएपी)
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस कंपनी Janes के मिडिल ईस्ट एडिटर जेरेमी बिनी ने कहा कि यह एयरबेस लंबी अवधि की रणनीति का हिस्सा है. ताकि भविष्य में एक स्थाई मौजूदगी दर्ज कराई जा सके. जेरेमी पिछले कई सालों से मायुन द्वीप पर चल रहे निर्माण पर नजर रख रहे हैं. जेरेमी कहते हैं कि इसका लेना-देना सिर्फ यमन के युद्ध से नहीं है बल्कि इस मार्ग से गुजरने वाले जहाजों और समुद्री व्यापार को लेकर भी है. (फोटोःगेटी)
अबुधाबी में मौजूद अमीराती अधिकारियों और वॉशिंगटन में मौजूद UAE की दूतावास के लोगों ने इस द्वीप पर चल रहे निर्माण पर कुछ भी कहने के लिए इंकार कर दिया. मायुन द्वीप पर बन रहे एयरबेस का फायदा ये है कि यहां से यमन के मुख्य इलाकों पर, लाल सागर की तरफ, एडेन की खाड़ी और पूर्वी अफ्रीकी देशों पर हमला किया जा सकता है या फिर निगरानी रखी जा सकती है. (फोटोःगेटी)
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (AP) ने प्लैनेट लैब्स से सैटेलाइट तस्वीरें हासिल की. जिसे देख कर पता चलता है कि इस एयरबेस पर करीब 2 किलोमीटर लंबा रनवे है. ये तस्वीर 11 अप्रैल 2021 की है. 18 मई तक ये काम पूरा हो चुका है. यहां पर तीन हैंगर्स हैं जो रनवे के दक्षिण में स्थित टारमैक पर है. इससे पहले 2016 में 3 किलोमीटर लंबा रनवे बनाने की कोशिश की थी लेकिन वो पूरा नहीं हो पाया. अगर ये रनवे 3 किलोमीटर लंबा होता है तो यहां पर भारी बमवर्षक विमान भी उतर सकते हैं. (फोटोःगेटी)
यमन के मिलिट्री से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि UAE और यमनी राष्ट्रपति अब्द रब्बु मंसौर हादी के बीच कुछ तनाव चल रहा था. इस बीच अमीरात की सरकार ने राष्ट्रपति हादी से कहा कि वो 20 साल के लीज पर मायुन द्वीप पर दे दें. इस मुद्दे पर अमीरात के आला अधिकारियों ने हां नहीं कहा लेकिन न भी नहीं कहा. आइए अब जानते हैं इस ज्वालामुखीय द्वीप मायुन की जानकारी...(फोटोःगेटी)
मायुन द्वीप पर 1857 से 1967 तक ब्रिटिश सरकार का राज था. इसे पेरिम द्वीप भी कहा जाता है. इस द्वीप का आकार केकड़े जैसा है. इसकी लंबाई 5.63 किलोमीटर और चौड़ाई 2.85 किलोमीटर है. इसका क्षेत्रफल 13 वर्ग किलोमीटर है. समुद्र से इसकी ऊंचाई 213 फीट है. पेरिम यानी मायुन द्वीप पर काफी पहले गहरा और प्राकृतिक बंदरगाह था. यह उसके दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. इस द्वीप पर एक गांव भी है, जहां पर मछुआरे रहते हैं. लेकिन वो सिर्फ मछली के पकड़ने के दौरान कुछ ही दिन यहां रुकते हैं. क्योंकि यहां पर पीने लायक पानी की किल्लत है. (फोटोःगेटी)
बाब एल-मांदेब की खाड़ी में 60 हजार साल पहले अफ्रीका के लोग विस्थापित होकर आए थे. उस समय पानी का स्तर काफी कम था. क्योंकि उस समय हिमयुग चल रहा था. खाड़ी में पानी कम और छिछला था. 1513 में पुर्तगालियों ने इस पर कब्जा करने की कोशिश की थी लेकिन नाकाम रहे थे. उनका मकसद इस पर कब्जा करके लाल सागर पर आधिपत्य जताने का था. 1538 में ओटोमन की सेना ने एडेन पर कब्जा कर लिया. साथ ही लाल सागर और इस द्वीप पर भी. ओटोमन का राज 1630 तक चला. (फोटोःगेटी)
अगर आप इस द्वीप को अंतरिक्ष से देखेंगे तो पता चलेगा कि इसके नीचे दक्षिण-पूर्व में एक प्राचीन ज्वालामुखी है जो अब समुद्र के नीचे हैं. ये द्वीप उसी ज्वालामुखी की दूसरी चोटी का ऊपरी हिस्सा है. जो ज्वालामुखीय विस्फोटों से निकलने वाले लावा और पत्थरों से मिलकर बना था. हालांकि वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि नहीं की है लेकिन वो इस बात से इंकार भी नहीं करते. (फोटोःगेटी)