Advertisement

विश्व

Kim का अमेरिका पर हमले का मंसूबा... जानिए क्या ताकत है नॉर्थ कोरिया की नई बैलिस्टिक मिसाइल की?

aajtak.in
  • प्योंगयांग,
  • 14 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:04 PM IST
  • 1/11

उत्तर कोरिया (North Korea) ने कहा है कि उसने 13 अप्रैल 2023 को नए सॉलिड फ्यूल इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का सफल परीक्षण किया है. इस मिसाइल का नाम है ह्वासॉन्ग-18 (Hwasong-18). यह एक नए मॉडल की मिसाइल है, जिसके परीक्षण से जापान के होकाइदो द्वीप के नागरिक डर गए थे. (सभी फोटोः रॉयटर्स/एपी/KCNA)

  • 2/11

देश के शासक किम जोंग-उन ने कहा कि अब हमारे देश की न्यूक्लियर काउंटर-अटैक क्षमता बढ़ गई है. यानी अब हम ज्यादा तेजी से अपने दुश्मन देशों पर हमला कर पाएंगे. हमारे दुश्मन अब अत्यधिक बेचैनी और डर के माहौल में रहेंगे. उन्हें इसका अनुभव करना होगा. इस तस्वीर में किम जोंग उन अपनी बेटी के साथ लॉन्च पर पहुंच थे. 

  • 3/11

उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए ने कहा कि ह्वासॉन्ग-18 ICBM मिसाइल के परीक्षण के साथ ही हमारी परमाणु काउंटर-अटैक क्षमता बढ़ गई है. उत्तर कोरियाई मिलिट्री की हमला करने की रणनीति में अब बड़ा बदलाव होगा. 

Advertisement
  • 4/11

यह उत्तर कोरिया की पहली सॉलिड फ्यूल वाली अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है. सॉलिड फ्यूल वाली मिसाइल बनाने के बाद उत्तर कोरिया इंटरमीडिएट रेंज या इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें विकसित कर लेगा. 

  • 5/11

किम जोंग-उन ने कहा कि हमारे देश की तरफ अब कोई गलत नजर नहीं रख पाएगा. उन्हें हमारी इस मिसाइल में मौत दिखेगी. अमेरिका-दक्षिण कोरिया जो संयुक्त मिलिट्री ड्रिल कर रहे हैं, उससे तनाव बढ़ रहा है. 

  • 6/11

अभी तक उत्तर कोरिया के ज्यादातर मिसाइलों में लिक्विड फ्यूल का इस्तेमाल हो रहा था. उन्हें प्रोपेलेंट के साथ बारीकी से लॉन्च साइट पर लोड करना होता था. जिसमें काफी समय लगता था. लेकिन सॉलिड फ्यूल आसान और सुरक्षित है. 

Advertisement
  • 7/11

ह्वासॉन्ग-18 मिसाइल को प्योगयांग के आसपास से ही लॉन्च किया गया था. जो 1000 KM जाकर समुद्र में गिर गया. उत्तर कोरिया ने कहा कि इस टेस्ट से किसी पड़ोसी देश को किसी तरह का खतरा नहीं था. 

  • 8/11

इस मिसाइल की रेंज या स्पीड के बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन ये ह्वासॉन्ग-17 का आधुनिक वर्जन है. इसलिए अंदाजा ये लगाया जा रहा है कि इसका वजन 80 हजार से 2 लाख KG के बीच होगा. लंबाई 79 से 85 फीट के आसपास होगी.

  • 9/11

Hwasong-18 मिसाइल में परमाणु हथियार लगा सकते हैं. ये भी माना जा रहा है कि इसमें संभवतः मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) भी लगा सकते हैं. यानी एक साथ कई टारगेट पर हमला करने लायक हथियार. इसकी रेंज 15 से 20 हजार किलोमीटर होने की उम्मीद है. क्योंकि ह्वासॉन्ग-17 की 15 हजार किमी थी. 

Advertisement
  • 10/11

इस मिसाइल से उत्तर कोरिया पूरे अमेरिका में कहीं भी परमाणु हमला कर सकता है. क्योंकि आधे अमेरिका पर हमला करने की क्षमता तो वह ह्वासॉन्ग-15 से ही हासिल कर चुका था. यानी उसके बाद से उत्तर कोरिया ने जो भी ह्वासॉन्ग मिसाइलें बनाई हैं, वो अमेरिकी जमीन पर ज्यादा अंदर तक हमला करने में सक्षम हैं. 

  • 11/11

हॉसॉन्ग मिसाइल पहले अंतरिक्ष की तरफ अधिकतम 7000 किलोमीटर तक जाती है. फिर वहां से वायुमंडल पार करते हुए री-एंट्री करती है. यही बैलिस्टिक मिसाइल की खासियत होती है. हॉसॉन्ग-18 की इतनी ऊपर जाकर वापस आते समय लॉन्च वाली जगह से 1000 KM दूर गिरी थी. 

Advertisement
Advertisement