मुस्लिम देशों के सबसे बड़े मंच इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने रविवार को नागरिकता कानून पर प्रतिक्रिया दी है. ओआईसी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और अयोध्या मामले में फैसले को लेकर वह चिंतित है.
संगठन ने साथ ही कहा कि भारत के मुस्लिमों को प्रभावित करने वाले हालिया घटनाक्रमों पर वह करीब से नजर बनाए हुए है.
बता दें कि इस्लामिक सहयोग संगठन में पाकिस्तान समेत 57 मुस्लिम बहुसंख्यक देश शामिल हैं. संगठन कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर हमेशा से ही पाकिस्तान को अपना समर्थन देता रहा है.
ओआईसी ने एक बयान में कहा कि संगठन के महासचिव भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को प्रभावित कर रहे घटनाक्रमों के विकास पर नजर रखे हुए हैं.
बयान में कहा गया, संगठन नागरिकता अधिकारों को लेकर लाए कानून और बाबरी मस्जिद मामले को लेकर चिंता जाहिर करता है.
नागरिकता संशोधन कानून के मुताबिक, 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.
ओआईसी ने भारत सरकार से मुस्लिम अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की.
बयान में कहा गया, संगठन संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और तमाम अंतरराष्ट्रीय
कानूनों में उल्लिखित अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी के
सिद्धांत में अपना यकीन दोहराता है.
संगठन ने साथ ही चेतावनी जारी की कि अगर इन सिद्धांतों के विपरीत कोई भी कदम उठाया जाता है तो उससे तनाव बढ़ेगा और इससे क्षेत्र की सुरक्षा व शांति पर बुरा असर पड़ने की भी आशंका है.
मलेशिया और तुर्की समेत कई मुस्लिम देशों ने भी नागरिकता कानून को लेकर विरोध जताया है हालांकि भारत ने स्पष्ट कहा है कि नागरिकता कानून जैसे आंतरिक मामले में कोई देश टिप्पणी ना करे.