पाकिस्तानी सेना के पूर्व प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने गुरुवार को अपने विदाई भाषण में भी भारत का जिक्र किया. उन्होंने गुरुवार को कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात है कि उनके सेना प्रवक्ता के पद से हटने को लेकर भारतीय खुश हैं.
बता दें कि मेजर जनरल आसिफ गफूर की जगह अब मेजर जनरल बाबर इफ्तिकार पाकिस्तान के सेना प्रवक्ता का पद संभालेंगे.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता रहे आसिफ गफूर ने अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोगों और पाकिस्तानी मीडिया को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ देने के लिए शुक्रिया अदा किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाकिस्तानी सेना को 10 दिन में धूल चटा देने वाले बयान पर भी गफूर ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आर्मी ने हमेशा भारतीय फौज को हैरान किया है. हमने पहले भी ये बात कही है कि आप भले ही युद्ध शुरू करें लेकिन इसे खत्म करने वाले हम ही होंगे.
गफूर ने कहा कि भारत सरकार गैर-जिम्मेदार बयान दे रही है. भड़के गफूर ने कहा, जो आर्मी पिछले 71 सालों में 80 लाख कश्मीरियों को नहीं हरा सकी, वह 20 करोड़ पाकिस्तानियों को कैसे हरा सकती है?
युद्ध राग अलापने के बाद गफूर मानवतावाद पर आ गए. उन्होंने कहा कि युद्ध में किसी की जीत नहीं होती है बल्कि इसमें सिर्फ मानवता की हार होती है. अगर हम पर युद्ध थोपा गया तो हम करारा जवाब देंगे.
अपने आखिरी कार्यदिवस पर गफूर ने एक बार फिर बालाकोट स्ट्राइक को याद किया. गफूर ने कहा, फरवरी महीने में भारत पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर खड़े थे लेकिन पाकिस्तान आर्मी की तैयारी और असरदार जवाब की वजह से शांति का रास्ता खुल गया. पूर्व सेना प्रवक्ता गफूर ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति चाहता है और भारत सरकार और सैन्य नेतृत्व को भी इसकी अहमियत को समझना चाहिए.
गफूर ने अंत में कहा कि सेना की मीडिया विंग के प्रवक्ता के नाते उन्होंने कभी भी किसी मामले पर अपनी निजी राय नहीं दी क्योंकि सेना का प्रवक्ता कभी भी सैन्य बलों की नीति के खिलाफ कुछ नहीं बोलता है. उन्होंने सभी को शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हमने अपने देश और कश्मीरी भाइयों के लिए वफादारी का संकल्प लिया है और हम इसे जरूर पूरा करेंगे.