पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की जनगणना को लेकर विवाद खड़ा हो गया है और इस देश पर एक बार फिर अल्पसंख्यकों के खिलाफ पक्षपात के आरोप लग रहे हैं. साल 2017 में पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो ने पूर्व पाक पीएम नवाज शरीफ के कार्यकाल में छठी आबादी और आवास गणना पूरी की थी. इसी साल मई के महीने में इस जनगणना के नतीजे जारी हुए हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
इस डेटा के मुताबिक, पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की आबादी में कमी देखने को मिली है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इन अल्पसंख्यकों को जानबूझकर कम दिखाया गया है ताकि सदन में उनका प्रतिनिधित्व बेहतर तरीके से ना हो. इसके अलावा, कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि जनगणना ने पहचान के संकट और अल्पसंख्यकों के राजनीतिक कुप्रबंधन को जन्म देने का काम किया है. (पाक पीएम इमरान खान, फोटो क्रेडिट: getty images)
साल 2017 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान की कुल जनसंख्या बढ़कर 207.68 मिलियन यानि 20 करोड़ से अधिक हो चुकी है. साल 1998 में पाकिस्तान की आबादी 132.3 मिलियन यानि लगभग 13 करोड़ थी. बीस सालों में पाकिस्तान की आबादी में 75 मिलियन यानि 7.5 करोड़ की वृद्धि देखने को मिली है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
इस जनगणना में ये भी सामने आया कि पाकिस्तान में मुस्लिम आबादी में 96.47 की बढ़ोतरी हुई है. वही इस जनगणना में बाकी धार्मिक अल्पसंख्यकों की आबादी में बेहद कम वृद्धि देखने को मिली है. पाकिस्तान के कुछ अल्पसंख्यकों की आबादी तो पूरी तरह सिकुड़ चुकी है. इन आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में हिंदू आबादी सिर्फ 1.73 प्रतिशत है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
इसके अलावा, पाकिस्तान में ईसाई धर्म के लोगों की जनसंख्या सिर्फ 1.27 प्रतिशत है. इसके अलावा अहमदिया जैसे अन्य अल्पसंख्यकों की आबादी पाकिस्तान की कुल आबादी के 0.1% से भी कम है. इन आंकड़ों के सामने आने के बाद से ही इस जनगणना को लेकर पाकिस्तान में सवाल उठाए जाने लगे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
इस मामले में कराची सुप्रीम कोर्ट के एटॉर्नी नील केशव ने हिंदुओं की आबादी को लेकर बड़ा दावा किया है. पाकिस्तान टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, नील का इस मामले में कहना है कि पाकिस्तान में हिंदू आबादी काफी अधिक होने की संभावना है. 1998 जनगणना के हिसाब से पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 20 लाख थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
उन्होंने आगे कहा लेकिन नई जनगणना के अनुसार, 20 सालों बाद पाक में हिंदुओं की आबादी 35 लाख ही हो पाई है यानि बीते दो दशक में इस देश में हिंदू आबादी सिर्फ 15 लाख बढ़ी है. मैं कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी इससे कहीं ज्यादा है. उन्होंने ये भी कहा कि पाक में हिंदू आबादी ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
वहीं इस मामले में सेंटर फॉर सोशल जस्टिस के डायरेक्टर पीटर जैकब ने पाकिस्तान टुडे के साथ बातचीत में कहा कि भले ही ईसाई धर्म के कई लोग विदेश चले गए या इस्लाम में परिवर्तित हो गए, इसके बावजूद हमारे चर्च के रिकॉर्ड्स से संदेह पनपता है कि ईसाई समुदाय के कम से कम 5 लाख लोगों को इस जनगणना में नहीं दिखाया गया है. (पाक पीएम इमरान खान, फोटो क्रेडिट: Getty images)
पीटर जैकब ने आगे कहा कि हम पाकिस्तान की आबादी के सही डेटा के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे हैं और पाकिस्तानी सरकार इस मामले में हमारी कोई मदद नहीं कर रही है. वे इस मामले की जांच भी नहीं कर रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
गौरतलब है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के हालातों को देखते हुए मानवाधिकार समूह अक्सर चिंता जताते रहे हैं. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP)ने 2019 की एक रिपोर्ट में कहा था कि सिंध और पंजाब जैसी जगहों पर हिंदू और ईसाई धर्म के समुदायों ने जबरन धर्मांतरण के मामलों के लगातार मामले दर्ज कराते रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)