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चीन को सदाबहार दोस्त बता अमेरिका पर जमकर बरसे पाकिस्तानी पीएम

aajtak.in
  • इस्लामाबाद,
  • 30 जून 2021,
  • अपडेटेड 1:01 PM IST
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प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्तान अपने दोस्त चीन को लेकर अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के दबाव में था, लेकिन उसने इन वैश्विक शक्तियों के सामने कभी न झुकने की कसम खाई है. 

इमरान खान ने चाइना ग्लोबल टेलीविज़न नेटवर्क (सीजीटीएन) के साथ एक इंटरव्यू में कहा, 'पाकिस्तान और चीन पिछले 70 वर्षों से अपने बहुत ही 'स्पेशल रिश्तों' का आनंद ले रहे हैं. परीक्षा की इस घड़ी में भी इन संबंधों में कोई बदलाव आने वाला नहीं है.' पाकिस्तानी पीएम ने इस इंटरव्यू का एक अंश अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी शेयर किया है.

इंटरव्यू में इमरान खान ने चीन से अपनी सदाबहार दोस्ती के बारे में बताते हुए कहा कि भारत से जब भी सामना हुआ, चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा. हालांकि उन्होंने सीधे-सीधे भारत से टकराव का जिक्र नहीं किया, लेकिन कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जब भी संकट आया चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा.   

(फोटो-AP)

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इमरान खान के इस बयान को अहम जा रहा है, क्योंकि अभी हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में अमेरिका से दोस्ती को लेकर पाकिस्तान के खामियाजा भुगतने की बात कही थी. न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ इंटरव्यू में भी इमरान खान ने अमेरिका और भारत के खिलाफ भी जमकर बोला था.  

(फाइल फोटो)

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बहरहाल, अमेरिका और चीन के बीच उभरती क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता पर बात करते हुए इमरान खान ने कहा, 'चीन के साथ अमेरिका या अन्य शक्तियों (पश्चिमी देशों) के संघर्ष में पाकिस्तान जैसे देशों पर पक्ष लेने के लिए दबाव डालना अनुचित है.' पाकिस्तान के पीएम ने कहा, 'हमें क्यों किसी का पक्ष लेना चाहिए? हमारे सभी देशों के साथ अच्छे संबंध होने चाहिए. अगर पाकिस्तान पर अपने संबंधों को बदलने या चीन के साथ अपने रिश्तों को कम करने के लिए दबाव डाला जाता है, तो ऐसा नहीं होगा.'

(फोटो-रॉयटर्स)

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चीन के साथ गहरे संबंधों पर जोर देते हुए इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान किसी भी तरह के दबाव में कभी नहीं झुकेगा. उन्होंने कहा, 'चाहे कुछ भी हो जाए, चाहे किसी भी तरह का दबाव डाला जाए, दोनों देशों के बीच रिश्तों में कोई बदलाव आने वाला नहीं है.' 


(फोटो-AP)

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इमरान खान ने कहा कि इस क्षेत्र में अजीब सी प्रतिद्वंद्विता और तनातनी चल रही है जिससे सभी वाकिफ हैं. उन्होंने कहा, 'आप देखते हैं कि अमेरिका चीन से सावधान है. जिस तरह से अमेरिका और चीन एक-दूसरे को देख रहे हैं, वह समस्या पैदा करने वाला है. क्योंकि अमेरिका क्या कर रहा है, उसने क्वाड नामक क्षेत्रीय गठबंधन बनाया है जिसमें उसके साथ भारत और कुछ अन्य देश शामिल हैं.'

(फोटो-AP)

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क्वाड देशों के गुट में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. अघोषित तौर पर कहा जाता है कि दक्षिण सागर में चीन के बढ़ते वर्चस्व के खिलाफ इन देशों का ये गठबंधन खड़ा हुआ है. इस गुट को लेकर चीन अपनी आपत्तियां जाहिर करता रहा है. क्वाड के देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अपनी गतिविधियों का जारी रखे हुए हैं.

(फाइल फोटो-PTI)

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चीन-पाकिस्तान के संबंधों को और मजबूत कैसे किया जाए? इस सवाल पर इमरान खान ने कहा कि दोनों पक्षों ने मजबूत राजनीतिक संबंधों का आनंद लिया, लेकिन रिश्ते केवल आधिकारिक संबंधों तक ही सीमित नहीं थे बल्कि यह लोगों से लोगों के दिलों के जुड़ने का भी मामला होता है. 

(फोटो-रॉयर्स)

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इमरान खान ने कहा कि चीन से भविष्य में संबंधों को बढ़ाने के लिए व्यापार महत्वपूर्ण था और 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को पाकिस्तान के लिए फायदेमंद बताया. CPEC परियोजना पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को चीन के शिजियांग प्रांत को जोड़ती है. यह चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की महत्वाकांक्षी परियोजना है.

(फाइल फोटो-PTI)

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पिछले 70 सालों के राजनयिक रिश्तों के बारे में बताते हुए इमरान खान ने कहा कि चीन हमेशा पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा. भारत के संदर्भ में उन्होंने कहा, पाकिस्तान का चीन के साथ हमेशा एक बहुत ही खास रिश्ता रहा है. जब भी पाकिस्तान राजनीतिक या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परेशानी में रहा या अपने पड़ोसी के साथ संघर्ष में रहा, चीन हमेशा हमारे साथ खड़ा रहा है.'

(फाइल फोटो-AP)
 

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पाकिस्तान के पीएम ने कहा, "अच्छे समय में, हर कोई आपके साथ खड़ा होता है, लेकिन आपके कठिन और बुरे समय में, आप उन लोगों को याद करते हैं जो आपके साथ खड़े रहते हैं. इसलिए आप पाएंगे कि पाकिस्तान में, चीन के लिए लोगों का हमेशा विशेष स्नेह होता है." 

(फाइल फोटो-AP)
 

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इससे पहले, न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ इंटरव्यू में इमरान खान ने अमेरिका की जमकर आलोचना की थी और कहा था कि अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अमेरिका से पाकिस्तान बराबरी का संबंध चाहता है. हम व्यापारिक रिश्तों में सुधार करना चाहते हैं. दुर्भाग्य से, आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के दौरान संबंध थोड़ा एकतरफा था. क्योंकि अमेरिका को लगा कि वह पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं. इमरान खान ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका का साथ देने की पाकिस्तान को कीमत चुकानी पड़ी. पाकिस्तान को काफी नुकसान उठाना पड़ा.

(फाइल फोटो-AP)
 

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