पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच राजनयिक विवाद थम नहीं रहा है. अब अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हमदुल्ला मोहिब के नए बयान को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने शांति बहाल करने की कवायद को खत्म करने का प्रयास बताया है. पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान के राजनयिक अधिकारी जानबूझकर ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे दोनों पक्षों में मनमुटाव बढ़े.
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यह दूसरी बार है जब पाकिस्तान को हाल के हफ्तों में अफगान एनएसए को लेकर सख्त बयान जारी करना पड़ा है, और यह ऐसे समय हो रहा है जब अफगान शांति प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है.
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नया विवाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के अफगान के टोलो न्यूज को दिए इंटरव्यू के बाद खड़ा हुआ है जिसे लेकर अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पाकिस्तान पर उनके देश के आंतरिक मामलों में दखल देने का आरोप लगाया है.
(अफगान एनएसए हमदुल्ला मोहिब, फोटो-@hmohib)
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने साक्षात्कार में कहा था कि अफगानिस्तान में हिंसा के लिए अकेले अफगान तालिबान को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा था कि वे तत्व अफगानिस्तान में 'हालात को खराब' करने के लिए जिम्मेदार हैं जो इस युद्धग्रस्त देश में शांति बहाली नहीं चाहते हैं.
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अफगान एनएसए ने पहले भी पाकिस्तान के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए थे और अफगान तालिबान को पाकिस्तान का छद्म रूप बताया था. यहां तक कि उन्होंने पाकिस्तान को 'वेश्यालय' तक कह दिया था. इसके बाद इस्लामाबाद ने अफगानिस्तान सरकार के साथ कड़ा विरोध दर्ज कराया और अफगान एनएसए के साथ सभी आधिकारिक संबंधों को तोड़ने का फैसला किया था.
(अफगान एनएसए हमदुल्ला मोहिब, फोटो-@hmohib)
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक पाकिस्तानी अधिकारियों का मानना है कि अफगान एनएसए उन तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो अफगानिस्तान में शांति नहीं चाहते हैं. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा, "हम अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में पाकिस्तान की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए अफगान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हमदुल्ला मोहिब द्वारा निराधार आक्षेपों की कड़ी निंदा करते हैं."
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अफगान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने व्यापक रूप से स्वीकार किया है. पाकिस्तान ने बयान में कहा, अफगान एनएसए की तरफ से बार-बार की जाने वाली अनुचित टिप्पणी चिंता का विषय है. अफगान एनएसए की टिप्पणी शांति प्रक्रिया में अब तक की प्रगति की अवहेलना और उसे समाप्त करने के एक सुनियोजित प्रयास के समान है."
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पाकिस्तान ने कहा, "हम अफ़ग़ान एनएसए को भी याद दिलाना चाहेंगे कि अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान एक्शन प्लान फॉर पीस एंड सॉलिडेरिटी (एपीएपीपीएस) में एक आपसी समझदारी बनी है कि दोनों पक्षों को सार्वजनिक तौर पर एक दूसरे पर आरोप लगाने से बचना है और द्विपक्षीय संबंधों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए आधिकारिक चैनलों का उपयोग करना है. बयान में कहा गया है कि आपसी विश्वास को खत्म करने वाले बयानों से दोनों पक्षों को बचना चाहिए."
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इस बीच, भले ही पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अफगान एनएसए के आरोपों का कड़ा खंडन किया हो, लेकिन विदेश मंत्री कुरैशी ने शुक्रवार को तुर्की में अंताल्या डिप्लोमेसी फोरम (एडीएफ) के मौके पर अफगान हाई काउंसिल फॉर नेशनल रिकॉन्सिलिएशन (एचसीएनआर) के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मुलाकात की.
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पाकिस्तान के बयान के मुताबिक सितंबर 2020 में अब्दुल्ला अब्दुल्ला की सफल यात्रा को याद करते हुए विदेश मंत्री कुरैशी ने द्विपक्षीय संबंधों और अफगान शांति प्रक्रिया पर गहरी आपसी समझ बनाने के लिए अफगान राजनीतिक नेतृत्व के साथ व्यापक जुड़ाव बनाए रखने की पाकिस्तान की नीति की पुष्टि की है.
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विदेश मंत्री कुरैशी ने अमेरिका और तालिबान के साथ-साथ अफगान पार्टियों के बीच सीधी बातचीत को सुविधाजनक बनाने में पाकिस्तान के सार्थक योगदान के बारे में बताया है.
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