Advertisement

विश्व

सऊदी ने पूरी दुनिया के सामने करा दी इमरान खान की किरकिरी

aajtak.in
  • 18 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST
  • 1/9

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी अरब की नाराजगी के बाद मलेशिया के कुआलालंपुर समिट में हिस्सा नहीं लेंगे. पाकिस्तान की सरकार ने मंगलवार को ऐलान किया कि उनकी तरफ से इस समिट में किसी भी तरह से प्रतिभागिता नहीं की जाएगी.

  • 2/9

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बुधवार से शुरू हो रहे कुआलालंपुर समिट में पाकिस्तान की सरकार की तरफ से किसी भी स्तर के प्रतिनिधि शिरकत नहीं करेंगे.

पाकिस्तान की पीएम इमरान खान ने मलेशियाई पीएम महातिर बिन मोहम्मद को सोमवार की रात को फोन किया और समिट में हिस्सा ना ले पाने को लेकर अफसोस जताया.

  • 3/9

इसी तरह, इमरान खान ने तुर्की राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन से भी बातचीत की. बता दें कि पाकिस्तान, मलेशिया और तुर्की पिछले कुछ दिनों से एक नया मुस्लिम मंच या गुट तैयार करते दिख रहे थे जिसे लेकर सऊदी अरब नाखुश है. दूसरी तरफ, सऊदी अरब के तुर्की और मलेशिया से संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं.

Advertisement
  • 4/9

पाक विदेश मंत्री ने स्वीकार किया कि सऊदी अरब और यूएई ने कुआलालंपुर समिट को लेकर चिंता जाहिर की थी.

मलेशियाई के प्रधानमंत्री के कार्यालय की तरफ से जारी हुए आधिकारिक बयान में भी पाक पीएम इमरान खान के समिट में हिस्सा नहीं लेने की पुष्टि की गई. बयान में कहा गया, डॉ. महातिर पीएम इमरान खान के समिट में हिस्सा नहीं लेने की फोन कर सूचना देने की सराहना करते हैं. इस समिट में इमरान खान इस्लामिक दुनिया के मामलों पर अपने विचार रखने वाले थे.

  • 5/9

पाकिस्तान उन चुनिंदा देशों में से एक था जिसे मलेशियाई पीएम महातिर ने समिट की योजना के बारे में सबसे पहले बताया था. सितंबर में न्यू यॉर्क में हुई संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान खान ने तुर्की राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन और मलेशिया पीएम महातिर बिन मोहम्मद के साथ मुलाकात की थी. बाद में मलेशिया के डेप्युटी विदेश मंत्री मर्जुकी बिन हाजी याह्या ने जब इस्लामाबाद दौरे में समिट का आधिकारिक तौर पर इमरान को न्योता दिया तो उन्होंने इस स्वीकार कर लिया.

  • 6/9

लेकिन इसके बाद पाकिस्तान पर सऊदी का दबाव पड़ने लगा जो पीटीआई सरकार के आर्थिक संकट के दिनों में उसके साथ खड़ा रहा था. सऊदी चाहता था कि पाकिस्तान मलेशिया के आयोजन में हो रही समिट से दूरी बना ले.

Advertisement
  • 7/9

कुरैशी ने इस बात की पुष्टि की कि सऊदी अरब और यूएई कुआलालंपुर समिट को लेकर चिंतित थे. उन्हें चिंता थी कि इस इवेंट से मुस्लिम एकता टूट सकती है और यह मौजूदा सऊदी नीत इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के समानांतर एक संगठन बन सकता है.

  • 8/9

इसी बीच महातिर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सऊदी किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज कुआलालंपुर समिट में मुस्लिम समस्याओं पर चर्चा करने के खिलाफ थे. सऊदी का मत था कि मुस्लिमों से जुड़े मुद्दों के लिए ओआईसी मंच बना हुआ है.

कुरैशी ने कहा कि यह तय किया गया था कि पाकिस्तान सबसे पहले रियाद और कुआलालंपुर के बीच फासले को पाटने की कोशिश करेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका और अब पाकिस्तान समिट में हिस्सा नहीं लेगा.

  • 9/9

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने मतभेदों को खत्म करने की कोशिश की और सऊदी-यूएई से आमंत्रण भी हासिल किया बल्कि महातिर को निजी तौर पर रियाद का दौरा करने और किंग सलमान से बातचीत के लिए भी मनाने में कामयाबी हासिल की. हालांकि, व्यस्तता होने की वजह से महातिर सऊदी का दौरा नहीं कर सके.

कुरैशी ने कहा कि इमरान खान समिट में हिस्सा लेने की इजाजत मांगने सऊदी अरब नहीं गए थे बल्कि सऊदी अरब और मलेशिया को करीब लाने की कोशिश करने के लिए गए थे.

कुरैशी ने इस बात पर भी संतोष जताया कि पाकिस्तान ने समिट से दूरी बनाकर अपनी तटस्थता बनाए रखी है और यह संदेश दे दिया कि वह किसी एक पक्ष की तरफ नहीं है.

मलेशिया की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के समिट से पीछे हटने की खबरों के बाद पीएम महातिर और किंग सलमान ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस कर बातचीत की लेकिन दोनों के बीच सहमति नहीं बन सकी.

Advertisement
Advertisement
Advertisement