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विश्व

दुख में भारत से अमेरिका ने मोड़ा मुंह तो बाइडन पर बढ़ा दबाव

aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 24 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 2:29 PM IST
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कोरोना की इस संकट की घड़ी में भले ही अमेरिका उदासीन बना हुआ, लेकिन भारत की मदद करने के लिए बाइडन प्रशासन पर चौतरफा दबाव बढ़ता जा रहा है. अमेरिका के शक्तिशाली चैंबर्स ऑफ कॉमर्स, कानूनविदों और प्रख्यात भारतीय-अमेरिकियों का बाइडन प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है. अमेरिका के कई सांसदों ने भारत में कोरोना मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी पर चिंता जाहिर की और बाइडन प्रशासन से भारत को सभी जरूरी मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया है.

(फोटो-AP)
 

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इन हस्तियों का बाइडन प्रशासन से अनुरोध है कि कोरोना संकट का सामना कर रहे भारत को जीवनरक्षक मेडिकल सप्लाई के साथ-साथ एस्ट्राज़ेनेका और अन्य COVID-19 वैक्सीन को भेजा जाए. (फोटो-AP)

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यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स में अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रमुख और कार्यकारी उपाध्यक्ष माय्रोन ब्रिलिएंट ने कहा, 'दुनियाभर के देशों को कोविड महामारी अपनी चपेट में ले रही है. अमेरिकी चैंबर स्टोरेज में पड़ीं एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की लाखों खुराक जारी करने के लिए प्रशासन को प्रोत्साहित करता है- साथ ही भारत, ब्राजील और महामारी की मार झेल रहे अन्य राष्ट्रों को लाइफ सेविंग मदद मुहैया कराई जाए.' (फोटो-AP)
 

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माय्रोन ब्रिलिएंट ने कहा, अमेरिका में वैक्सीन की इतनी खुराक की जरूरत नहीं होगी. अनुमान है कि वैक्सीन निर्माता हर अमेरिकी को टीका लगाने के लिए जून की शुरुआत तक पर्याप्त खुराक का उत्पादन करने में सक्षम होंगे. उन्होंने कहा कि मदद के लिए हाथ बढ़ाने वाला यह कदम अमेरिकी नेतृत्व की तस्दीक करेगा, जिसमें COVAX जैसी पहल शामिल है, और जैसा कि हम दुनिया भर के भागीदारों के साथ काम कर रहे हैं क्योंकि कोई भी महामारी से सुरक्षित नहीं है जब तक कि हम सभी इससे सुरक्षित नहीं हैं.

(फाइल फोटो-AP)

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डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एडवर्ड मार्के ने ट्वीट किया, हमारे पास जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए सारे संसाधन हैं और यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है. भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के दुनिया में सबसे ज्यादा मामले आए हैं. एडवर्ड मार्के ने कहा कि पृथ्वी दिवस, धरती और हर किसी की बेहतरी के लिए है. अमेरिका के पास ज्यादा टीके हैं लेकिन हम भारत जैसे देशों को इसे मुहैया कराने से इनकार कर रहे हैं. (फाइल फोटो-Getty Images)

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सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष सांसद ग्रेगरी मीक्स ने कहा कि वह कोविड-19 महामारी के कारण भारत में बने हालात को लेकर चिंतित हैं. वहीं सांसद हेली स्टीवंस ने कहा कि वह कोरोना से जूझ रहे भारत के लोगों को ढाढस बंधाना चाहती हैं. स्टीवंस ने कहा, 'भारत में महामारी का सामना कर रहे परिवारों के लिए मैं प्रार्थना करती हूं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समन्वय बनाने का आग्रह करती हूं ताकि वहां पर लोगों की मदद की जा सके.'

(फाइल फोटो-PTI)

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भारतवंशी सांसद रो खन्ना ने लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ आशीष के झा के एक ट्वीट को शेयर करते हुए कहा, 'भारत में कोरोना से भयावह स्थिति है. लोगों को टीके देने में भी मुश्किलें हो रही है.' झा ने कहा था कि अमेरिका के पास एस्ट्राजेनेका टीके की 3.5 से चार करोड़ अतिरिक्त खुराकें हैं जिनका कभी इस्तेमाल नहीं हो पाएगा. क्या हम इन्हें भारत पहुंचा सकते हैं. इससे उन्हें मदद मिलेगी. (फोटो-Getty Images)
 

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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की तरफ से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक मदद मांगे जाने के बाद अमेरिकी चैम्बर्स ने बयान जारी किया. एस जयशंकर ने ट्वीट किया, “यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि हमारी सप्लाई चेन एक कठिन वैश्विक स्थिति में यथासंभव बनी रहे. दुनिया को भारत का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि भारत दुनिया की मदद करता है.''

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अमेरिकी विदेश विभाग की उप प्रवक्ता जालिना पोर्टर ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका आवश्यक आपूर्ति की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है और आपूर्ति श्रृंखला की अड़चनों को भी दूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना की स्थिति वैश्विक चिंता का कारण है. (फोटो-ट्विटर/@StateDeputySpox)

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जालिना पोर्टर ने कहा, 'हम भारत में अपने सहयोगियों के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए सहयोग करना जारी रखे हुए हैं. हम जानते हैं कि विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने मंगलवार को अपने भारतीय समकक्ष (एस. जयशंकर) से बात की थी और हम भारत के साथ सभी स्तरों पर मजबूती से लगे हुए हैं क्योंकि हम एक साथ महामारी के इस संकट से निपटने के लिए काम कर रहे हैं.'

(फोटो-ट्विटर/ @StateDeputySpox)

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कांग्रेस महिला सांसद रशीदा तालिब ने ट्वीट किया कि भारत में कोरोना का संकट हमें यह बताता है कि पूरी दुनिया तब तक सुरक्षित नहीं है, जब तक महामारी खत्म नहीं हो जाती है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन को अब वैश्विक उत्पादन में तेजी लाने के लिए पेटेंट माफी का समर्थन करना चाहिए.

 

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बता दें कि अमेरिका ने कोविड वैक्सीन में इस्तेमाल वाले कुछ जरूरी कच्चे माल के निर्यात पर लगी पाबंदी का बचाव किया है. कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए आवश्यक इन सामग्रियों के निर्यात पर भारत ने लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की थी. लेकिन अमेरिका ने साफ कर दिया है कि बाइडन प्रशासन का पहला दायित्व अमेरिकी लोगों की आवश्यकताओं का ध्यान रखना है.

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