यूक्रेन (Ukraine) के खिलाफ रूस (Russia) आखिरी जंग की तैयारी कर रहा है. अब रूसी सेना पूरी ताकत से यूक्रेन पर हमला करने के लिए एक खास प्लान पर काम कर रही है. ऐसा लगता है कि रूस यूक्रेन पर न्यूक्लियर यानी परमाणु हमले की तैयारी में है. क्योंकि उसने अपने 1000 जवानों को यार्स स्ट्रैटेजिक मिसाइल कॉम्प्लेक्स (Yars Strategic Complex) के साथ युद्धाभ्यास पर भेज दिया है. (फोटोः रॉयटर्स)
रूस के इवानोवो (Ivanovo) इलाके में यार्स मोबाइल ग्राउंड बेस्ड मिसाइल सिस्टम को तैनात किया गया है. इसे संचालित करने के लिए स्ट्रैटेजिक मिसाइल फोर्स को इवानोवो भेज दिया गया है. ये लोग लगातार कॉम्बैट पैट्रोल रूट्स पर काम कर रहे हैं. रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस युद्धाभ्यास में 1000 जवानों को शामिल किया गया है. इनके साथ यार्स स्ट्रैटेजिक मिसाइल के 100 यूनिट्स भेजे गए हैं. (फोटोः एएफपी)
इन सभी यूनिट्स को जोड़ा जाएगा. इन्हें करीब 100 किलोमीटर के इलाके में तैनात किया जा रहा है. वह भी अलग-अलग फील्ड पोजिशन के हिसाब से. इसके बाद इन मिसाइलों की किलेबंदी इंजीनियरिंग विंग करेगी. इन्हें कैमोफ्लॉज करेगी और कॉम्बैट सुरक्षा पर पूरा ध्यान देगी. (फोटोः रॉयटर्स)
स्ट्रैटेजिक मिसाइल फोर्स (Strategic Missile Force) रूस के स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर फोर्स (Russia's Strategic Nuclear Forces) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह किसी भी विरोध या संघर्ष को दबाने के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है. ये परमाणु हथियार यार्स कॉम्प्लेक्स पर बने हैं. ये 11 हजार किलोमीटर की रेंज तक मार करने की क्षमता रखते हैं. आइए जानते हैं इस मिसाइल सिस्टम के बारे में... (फोटोः रॉयटर्स)
यार्स स्ट्रैटेजिक मिसाइल कॉम्प्लेक्स (Yars Strategic Complex) में मौजूद मिसाइल को RS-24 Yars कहते हैं. या फिर इन्हें तोपोल-एमआर (Topol-MR) भी कहते हैं. यह एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है. जो रूस की स्ट्रैटेजिक मिसाइल फोर्स में साल 2010 से तैनात है. (फोटोः एएफपी)
एक RS-24 Yars मिसाइल का वजन 49,600 किलोग्राम है. यह 23 मीटर लंबी और इसका व्यास 2 मीटर का है. इस मिसाइल की नाक पर 300 से 500 किलोटन के 3 से 6 मल्टीपल इंडेपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRVs) हथियार या फिर 150 किलोटन के 6-9 वॉरहेड लगाए जा सकते हैं. यानी एक बार में 3 से 9 ठिकानों पर घातक हमला किया जा सकता है. (फोटोः एएफपी)
यह मिसाइल आवाज की गति से 20 गुना ज्यादा स्पीड यानी मैक 20 पर उड़ती है. यानी 24,500 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार. रूस के जीपीएस सिस्टम यानी ग्लोनास (Glonass) की मदद से ये नेविगेट करती है. इसकी सटीकता इतनी है कि अगर टारगेट पर गिरे और वह भागने की कोशिश भी करे, तो 150 मीटर के दायरे में सबकुछ जलकर खत्म हो जाएगा. (फोटोः रॉयटर्स)
RS-24 Yars मिसाइल को ट्रक जैसे मोबाइल लॉन्चर से दागा जाता है. एक ट्रक पर एक साइलो होता है. जिसके अंदर मिसाइल होती है. रूस 2012 से 2022 तक इस मिसाइल की 10 सफल टेस्टिंग कर चुका है. रूस के पास इसे लॉन्च करने के लिए 135 रोड साइलो मोबाइल लॉन्चर हैं. इसके अलावा 14 साइलो बेस्ड लॉन्चर यानी ग्राउंड से दागी जाने वाली मिसाइल. रोड मोबाइल का फायदा ये है कि इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है. (फोटोः रॉयटर्स)
RS-24 Yars मिसाइल में थर्मोन्यूक्लियर हथियार लगाया जाता है. यानी परमाणु विस्फोट के साथ-साथ आसपास की जगहों को जलाने की काबिलियत रखने वाला बम. ये वॉरहेड ऐसे होते हैं जो किसी भी टारगेट को पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता रखते हैं. अगर रूस ने इस मिसाइल का उपयोग यूक्रेन के लिए किया तो विश्व स्तर पर बहुत बड़े राजनीतिक और कूटनीतिक संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाएगी. (फोटोः रॉयटर्स)