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सऊदी: महिलाओं के हक की मांग करने वाली एक्टिविस्ट को 6 साल की जेल

aajtak.in
  • 29 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST
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सऊदी अरब में एक प्रमुख महिला एक्टिविस्ट को करीब 6 साल जेल की सजा सुनाई गई है. लुजैन अल हथलौल ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटनेशनल से बात की थी और संयुक्त राष्ट्र में नौकरी के लिए आवेदन भेजा था. इसकी वजह से उन पर जासूसी और विदेशी शक्तियों के साथ साजिश रचने के आरोप लगाए गए थे. अल हथलौल के समर्थकों का कहना है कि उन्हें महज मानवाधिकार संगठनों से बात करने के लिए सजा दी जा रही है. (फोटो- फेसबुक)

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सऊदी अरब के एक टेरोरिस्ट कोर्ट ने 31 साल की अल हथलौल को पांच साल आठ महीने की जेल की सजा सुनाई. अल हथलौल ने इससे पहले सऊदी अरब में महिलाओं को कार चलाने का हक दिलाने के लिए कैंपेन भी चलाया था. जब सऊदी में महिलाओं का कार चलाना बैन था, तब उन्होंने ड्राइविंग करते हुए वीडियो भी शेयर किया था. (फोटो- AP)

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तीन साल पहले सऊदी अरब की सरकार ने महिला एक्टिविस्ट को हिरासत में लिया था. अल हथलौल ने बताया था कि 2018 में गिरफ्तारी के बाद 7 हफ्ते तक उन्हें किसी से बात करने की इजाजत भी नहीं दी गई. (फोटो- Reuters)

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कोर्ट ने उनकी सजा के एक हिस्से को स्थगित रखने का फैसला भी किया है. अल हथलौल ने पहले ही जेल में एक लंबा वक्त भी बिता लिया है, इसलिए उन्हें अब बस तीन महीने और जेल में रहना होगा. (फोटो- Reuters)

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अल हथलौल की 2 साल 10 महीने की सजा इस शर्त पर स्थगित की गई है कि वह अगले तीन साल में दोबारा इन अपराधों को अंजाम नहीं देंगी. साथ ही उन पर 5 साल का यात्रा प्रतिबंध भी लगा दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि मैरी लॉलर ने कहा कि अल हथलौल को दी गई सजा परेशान करने वाली है. उन्होंने कहा कि मानवाधिकार के लिए आवाज उठाना आतंकवाद नहीं है. (फोटो- AP)

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