अफगानिस्तान से जैसे जैसे अमेरिकी और नाटो सैनिक जा रहे हैं वैसे वैसे तालिबान की ताकत बढ़ती जा रही है. तालिबान ने उत्तरी अफगानिस्तान के कई जिलों पर कब्जा कर लिया. तालिबान के डर से इन इलाकों में तैनात अफगानी बल के जवान भाग खड़े हुए और ताजिकिस्तान पहुंच गए.
ताजिकिस्तान की स्टेट कमेटी फॉर नेशनल सिक्योरिटी ने जारी बयान में इसकी जानकारी दी. तालिबान लड़ाकों के सीमा की ओर बढ़ने के साथ ही अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत से 300 से अधिक अफगान सैन्यकर्मी भाग खड़े हुए. शनिवार शाम को स्थानीय समयानुसार अफगान सैन्य बल के जवान सीमा पार कर ताजिकिस्तान पहुंचे.
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ताजिकिस्तान के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने मानवता और अच्छे पड़ोसी का धर्म निभाते हुए अफगान राष्ट्रीय सुरक्षाबल के जवानों को अपने देश की सीमा में आने की अनुमति दे दी.
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की अपने सैनिकों की वापसी के ऐलान के बाद से तालिबान ने अफगानिस्तान के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया है. तालिबान को उत्तरी अफगानिस्तान में काफी सफलता मिली है. ये वो इलाका है जो पारंपरिक रूप से स्थानीय सरदारों का गढ़ रहा है और उनकी ही मदद से अमेरिका ने तालिबान को 2001 में शिकस्त दी थी.
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एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक तालिबान अब अफगानिस्तान के सभी 421 जिलों और जिला केंद्रों में से लगभग एक तिहाई पर कब्जा कर चुका है. प्रांतीय परिषद के सदस्य मोहिब-उल रहमान ने बताया कि हाल के दिनों में बदख्शां प्रांत के ज्यादातर हिस्सों पर बिना किसी लड़ाई के तालिबान ने कब्जा कर लिया है. उन्होंने तालिबान की सफलताओं के लिए सैनिकों के खराब मनोबल को जिम्मेदार ठहराया जिनकी संख्या तो अधिक है, लेकिन उनके पास संसाधनों की कमी है.
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मोहिब-उल रहमान ने कहा कि दुर्भाग्य से अधिकांश जिलों को बिना किसी लड़ाई के तालिबान के हवाले कर दिया गया. पिछले तीन दिनों में तालिबान ने 10 जिलों पर कब्जा कर लिया है. इनमें आठ पर कब्जा पाने के लिए तालिबान को कोई संघर्ष नहीं करना पड़ा. उन्होंने कहा कि अफगान सेना के सैकड़ों जवान, पुलिस और खुफिया कर्मचारी अपनी सैन्य चौकियों को छोड़ बदख्शां प्रांत की राजधानी फैजाबाद भाग गए हैं. राजधानी फैजाबाद की सुरक्षा बंदोबस्त मजबूत करने के लिए रविवार तड़के बैठक हुई थी.
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अफगान सरकार ने संकटग्रस्त अफगान बलों का समर्थन करने के लिए स्थानीय मिलिशिया गुटों को फिर से खड़ा किया था, लेकिन रहमान ने बताया कि बदख्शां जिले में कई मिलिशिया गुट केवल आधे-अधूरे मन से लड़े.
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तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने इन जिलों पर कब्जा करने की पुष्टि की है. तालिबान ने बताया कि अधिकांश जिलों को बिना लड़ाई कब्जा कर लिया गया. तालिबान ने पिछले दिन अफगान सैनिकों के आत्मसमर्पण करने और घर जाने के लिए उनको पैसा देते हुए वीडियो जारी किया था.
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बदख्शां प्रांत रणनीतिक रूप से बेहद अहम है. यह अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति बुरहानुद्दीन रब्बानी का गृह प्रांत है जिनकी 2011 में हत्या कर दी गई थी. बुरहानुद्दीन रब्बानी के बेटे सलाहुद्दीन रब्बानी अभी हाई काउंसिल फॉर नेशनल रिकॉउंसिलेशन के सदस्य हैं. पूर्व राष्ट्रपति बुरहानुद्दीन रब्बानी ने अफगानिस्तान के जमीयत-ए-इस्लामी का भी नेतृत्व किया. यह जाने-माने तालिबान विरोधी अहमद शाह मसूद की पार्टी थी, जिन्हें अमेरिका में 9/11 के हमलों से दो दिन पहले मार दिया गया था.
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फिलहाल, उत्तर अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को अफगान के गृह मंत्रालय ने अस्थायी बताया है, लेकिन यह साफ नहीं है कि इस इलाकों पर वो फिर से कैसे कब्जा हासिल करेंगे.
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