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तालिबान की धमक, अफगानिस्तान में टैक्स वसूलना किया शुरू

aajtak.in
  • काबुल,
  • 22 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 8:02 PM IST
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अफगानिस्तान सरकार को रणनीतिक रूप से घेरने की रिपोर्ट के बीच तालिबान अपनी ताकत बढ़ाने में जुटा हुआ है. आतंकी संगठन अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत में जबरन वसूली करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों को अपने गुट में भर्ती भी कर रहा है. टोलो न्यूज के मुताबिक, उत्तरी प्रांत में स्थानीय अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि तालिबान बल्ख प्रांत में समूह के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोगों को अपनी आय का एक हिस्सा देने के लिए मजबूर कर रहा है.

(फोटो-Getty Images)

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अधिकारियों ने बताया कि तालिबान स्थानीय लोगों को अपने गुट में भर्ती करने की भी कोशिश कर रहा है. कलदार जिले के कार्यवाहक डिस्ट्रिक गवर्नर मोहम्मद यूसुफ ने कहा, 'जिला भवन परिसर और पुलिस मुख्यालय के अंदर केवल 20 तालिबान लड़ाके हैं, बाकी ने जकात (दान) लेने के लिए गांवों के अंदर पोजिशन ले ली है.'

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टोलो न्यूज ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि जिले में तालिबान लड़ाकों की संख्या केवल 200 है, लेकिन वे स्थानीय लोगों में से और लड़ाकों की भर्ती करना चाहते हैं.

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बल्ख प्रांत में शॉर्टेपा जिले के डिस्ट्रिक गवर्नर मोहम्मद हाशीम मंसूरी ने बताया, तालिबान ने दुकानों, बाजारों और स्थानीय लोगों पर टैक्स लगाया है, जो कि भुगतान करने की उनकी क्षमता से परे है. तालिबान उन लोगों को भी परेशान कर रहा है जो इतनी बड़ी रकम अदा करने की हैसियत नहीं रखते हैं. 

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तालिबान की हिंसक गतिविधियों के चलते व्यावसायिक गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं, खासकर हेयरटान जैसे उन इलाकों में जहां बंदरगाह हैं. हेयरटान के रहने वाले सिफतुल्लाह ने बताया कि लोग कारोबार को लेकर काफी चिंतित हैं. कारोबारी अपने बिजनेस को लेकर काफी डरे-सहमे हुए हैं.

(फोटो-Getty Images)
 

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टोलो न्यूज के मुताबिक, सुरक्षा अधिकारियों ने हालांकि लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है. अफगान सुरक्षा बल लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. 209 शाहीन आर्मी कोर के कमांडर खानुल्ला शुजा ने कहा, 'हमारी सेना का मनोबल बहुत ऊंचा है. वे पूरी तरह से तैयार हैं और शहर की रक्षा करने की ताकत रखते हैं. जल्द ही हम अपने आक्रामक अभियान शुरू करेंगे.'

(फोटो-AP)

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इस महीने की शुरुआत में तालिबान ने कालदार जिले के केंद्र पर कब्जा करने में कामयाबी हासिल की थी. बाद में, तालिबान को उत्तर में प्रमुख कारोबारी शहर हेयरटन में तालिबान की एंट्री को रोकने के लिए जिले से पांच किलोमीटर दूर बॉर्डर क्रॉसिंग पर अफगान सुरक्षा बलों को तैनात किया गया. बल्ख में 14 जिले हैं, जिनमें से नौ तालिबान के नियंत्रण में हैं.

(फोटो-AP)
 

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उत्तरी अफगानिस्तान का हेयरटन एक सीमावर्ती शहर है और बल्ख प्रांत एक बंदरगाह है. यह बल्ख प्रांत के कलदार जिले में अमु दरिया नदी के किनारे बसा है. नदी पड़ोसी मुल्क उज़्बेकिस्तान के साथ सीमा को निर्धारित करती है. यह नदी अफगानिस्तान-उज़्बेकिस्तान को जोड़ती है. उज्बेकिस्तान का टर्मिज शहर हेयरटन के करीब है.

(फोटो-AP)
 

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1996 में तालिबान सरकार के हटने और अफगानिस्तान में अमेरिका समर्थित सरकार बनने के बाद हेयरटन शहर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक केंद्र बन गया. उज्बेकिस्तान की सीमा से लगे होने की वजह से यह प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी है.

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अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों (एएनएसएफ) ने इस इलाके में सुरक्षा मुहैया कराने के लिए अपने ठिकाने स्थापित किए हैं जिसे नाटो सेना ने ट्रेनिंग दी है. अफगान सीमा पुलिस (एबीपी) पर सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. अफगान राष्ट्रीय सीमा शुल्क सभी व्यापारिक गतिविधियों को नियंत्रित और निगरानी करता है.  

(फोटो-AP)

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तालिबान की सीमा चौकियों पर कब्जा करने की वजह से अफगानिस्तान सरकार के राजस्व और सप्लाई में कमी आई है. एशिया टाइम्स के मुताबिक, तालिबान ने पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को जोड़ने वाले हेरात, फरहा, कंधार, कुंदुज, तखर और बदख्शां प्रांतों से होकर गुजरने वाले उन सात छोटे-बड़े रास्तों पर कब्जा कर लिया है जिनके जरिए पड़ोसी देशों से माल की ढुलाई होती है. इन चौकियों के जरिये 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर का आयात-निर्यात होता है. 

(फोटो-AP)

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