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तालिबान पर अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को सुनाई खरी-खोटी

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 1:07 PM IST
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबान को सामान्य नागरिक बताया है जिस पर अफगानिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने शुक्रवार को कहा कि तालिबान किसी भी लिहाज से सामान्य नागरिक नहीं हैं. आम लोग मानव जाति के लिए क्रूर नहीं होते हैं. अफगान दूत इमरान खान की उस टिप्पणी का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने आतंकवादियों को सीमा पार करने से रोकने में अपनी असमर्थता का बचाव किया था.

(फोटो-Getty Images)
 

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अमेरिकी PBS NewsHour के साथ इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान में 30 लाख अफगान शरणार्थी रहते हैं जिनमें से अधिकांश पश्तून हैं, जो तालिबान से सहानुभूति रखते हैं. तालिबान के ज्यादातर लड़ाके पश्तून हैं. उन्होंने कहा कि तालिबान "सामान्य नागरिक" हैं और वे कोई चरमपंथी गुट नहीं हैं जिन पर रिफ्यूजी कैम्प में शिकंजा कसा जाए. 

(फोटो-AP)

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समाचार एजेंसी एएनआई ने ममुंडज़े के हवाले से कहा, “मुझे लगता है कि किसी भी लिहाज से हम तालिबान को आम नागरिक नहीं कह सकते हैं. मुझे लगता है कि आम लोग ऐसे अपराध नहीं करते जिसे जायज ठहराया जाए. आम लोग मानव जाति को लेकर क्रूर नहीं होते हैं.”

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पाकिस्तान पर लंबे समय से तालिबान को सैन्य, आर्थिक और खुफिया जानकारी के साथ अफगान रक्षा बलों के खिलाफ उनकी लड़ाई में मदद करने का आरोप लगता रहा है. संयुक्त राष्ट्र की टीम की एक रिपोर्ट के अनुसार, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के लगभग 6,000 आतंकवादी अफगान क्षेत्र में सक्रिय हैं.

(फोटो-Getty Images)

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अफगानिस्तान से गठबंधन सैनिकों की वापसी अंतिम चरण में है. वहीं तालिबान लड़ाके अफगानिस्तान में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इस बीच, चीन तालिबान का अफगानिस्तान पर कब्जा होने को लेकर सतर्क है. वह अल-कायदा समर्थित ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) के लिए अफगानिस्तान के पनाहगाह बनने को लेकर सावधान है. इस हफ्ते की शुरुआत में, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी.

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वांग ने तालिबान को अफगानिस्तान में एक "महत्वपूर्ण सैन्य और राजनीतिक ताकत" बताया और ईटीआईएम पर नकेल कसने को कहा. ईटीआईएम एक अलगाववादी संगठन है जो चीन के शिनजियांग प्रांत में सक्रिय है. 

(फोटो-AP)

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एएनआई से बातचीत में अफगान राजदूत फरीद ममुंडजे ने कहा कि चीन को भी आतंकवाद का सामना करना पड़ा है और अगर अफगानिस्तान में आतंकवादी गुट सक्रिय रहते हैं तो उसे नुकसान होता रहेगा. मामुंडजे ने कहा, "हम चाहते हैं कि इस क्षेत्र के सभी देश, विशेष रूप से चीन और भारत जैसे प्रमुख देश तालिबान को कड़ा संदेश दें."
 

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अफगान दूत ने सैन्य सहायता के संबंध में भारत के साथ किसी भी बातचीत से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें अमेरिका और कई नाटो सदस्य देशों से पर्याप्त समर्थन मिल रहा है.

(फोटो-AP)
 

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