तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में सरकार बनाने की घोषणा कर दी है. इस सरकार के कई मंत्री अपने बेहद विवादित प्रोफाइल के चलते सुर्खियों में हैं. इनमें कुछ ऐसे नेता हैं जिन पर करोड़ों का इनाम है वहीं कुछ ग्लोबल आतंकवादी ठहराए जा चुके हैं. तालिबान के कैबिनेट में एक ऐसे ही शख्स की भी चर्चा है जो सुसाइड बॉम्बर यानि आत्मघाती हमलावरों को तैयार करने का ट्रेनिंग सेंटर चलाता रहा है.
(प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
इस शख्स का नाम ताज मीर जवाद है. तालिबान के मिलिट्री सेटअप का एक अहम सदस्य ताज मीर को माना जाता है. ताज मीर को डिप्टी इंटेलीजेंस चीफ बनाया गया है और वे इंटेलीजेंस चीफ अब्दुल हक के साथ मिलकर काम करेंगे. ताज मीर को लेकर कई सिक्योरिटी अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्होंने पिछले कुछ सालों में कई डेडली सुसाइड अटैक कराए हैं.
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साल 2018 में अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी एनडीएस के हेड रहमतुल्लाह नबील ने दावा किया था कि ताज मीर अल-हमजा बिग्रेड नाम के ट्रेनिंग सेंटर का संचालन करते हैं जो आत्मघाती हमलावरों को ट्रेनिंग मुहैया कराती है. नबील ने ये भी कहा था कि तालिबान के खिलाफ शहीद हुए अफगानिस्तान के पुलिस चीफ जनरल अब्दुल राजिक को जिस सुसाइड बॉम्बर ने मारा था, उसने ताज मीर के ट्रेनिंग सेंटर से ही ट्रेनिंग मिली थी.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताज मीर ने पाकिस्तान के पेशावर में रहकर जनरल अब्दुल को मारने के लिए मुल्ला शिरीन के साथ प्लान बनाया था. ताज मीर उस दौर में बम के साथ प्रयोग करने के चलते एक ब्लास्ट में घायल भी हो गया था जिसके बाद आईएसआई ने ताज मीर को पाकिस्तानी पासपोर्ट मुहैया कराते हुए श्रीलंका भेजने की कोशिश की थी.
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हालांकि वे सफल नहीं हो पाए जिसके बाद ताज मीर का कराची में इलाज चला था. गौरतलब है कि जिहादी संगठनों को ट्रैक करने वाली वेबसाइट लॉन्ग वॉर जर्नल के मुताबिक, साल 2013 तक ताज मीर भी हक्कानी नेटवर्क में सीनियर कमांडर था. इसके अलावा वो दाऊद नाम के शख्स के साथ मिलकर काबुल अटैक नेटवर्क चलाता था.
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इस नेटवर्क ने वारदक, लोगार, नंगरहार, कापिसा, पाकतिका जैसे प्रांतों में कई हाई-प्रोफाइल अटैक कराए थे. अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, हिज्ब-ए-इस्लामी गुलबुद्दीन जैसे संगठनों ने भी कुछ ऐसे ऑपरेशन्स में हिस्सा लिया था जिसे काबुल अटैक नेटवर्क ने डायरेक्ट किया था.
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बता दें कि सिर्फ ताज मीर ही नहीं बल्कि इसके अलावा भी तालिबान के कई मंत्रियों का खतरनाक क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है. तालिबान के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी को अमेरिका ने ग्लोबल आतंकी ठहराते हुए 37 करोड़ का इनाम रखा है. इसके अलावा तालिबान के कुछ मंत्री अमेरिकी की खतरनाक ग्वांतनामो जेल में भी कैदी रह चुके हैं.
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गौरतलब है कि तालिबान के कैबिनेट मंत्री मसलन खैरुल्लाह खैरख्वा (मिनिस्टर ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कल्चर), अब्दुल हक (इंटेलीजेंस चीफ), मुल्ला नुरुल्लाह नूरी (मिनिस्टर ऑफ बॉर्डर एंड ट्राइबल अफेयर्स) इस खतरनाक जेल में सजा काट चुके हैं.
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