अमेरिकी सेना (American Army) के अफगानिस्तान (Afghanistan) से कूच करने के साथ ही तालिबानी लड़ाके खुशी से झूम उठे थे. तालिबान ने 31 अगस्त को अमेरिकी सेना की वापसी के बाद काबुल हवाई अड्डे के चौराहे पर मार्च किया था और जश्न के इस मौके पर हवा में फायरिंग भी तालिबानियों द्वारा की गई थी लेकिन अब उनकी ये खुशी कहीं ना कहीं काफूर होती नजर आ रही है. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
दरअसल कुछ रिपोर्ट्स में सामने आया था कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में कई करोड़ डॉलर्स के हथियारों को अफगानिस्तान में ही छोड़ दिया है और इससे तालिबान को सैन्य तौर पर बहुत फायदा हो सकता है लेकिन अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान को लगता है कि इस मामले में उनके साथ 'धोखाधड़ी' की गई है. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
तालिबान का कहना है कि उनके साथ धोखा हुआ है क्योंकि अमेरिकी सैनिकों ने काबुल से जाने से पहले सैन्य हेलीकॉप्टरों और विमानों को खराब कर दिया है और ये एयरक्राफ्ट्स अब चलाने के हालातों में नहीं हैं. तालिबानी लड़ाकों को उम्मीद थी कि वे इन सैन्य विमानों का इस्तेमाल अपने लिए कर सकेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
एक तालिबानी प्रवक्ता ने कहा, हम मानते हैं कि अमेरिकियों द्वारा छोड़े गए सैन्य हथियार राष्ट्रीय संपत्ति है और चूंकि अब हम देश पर राज कर रहे हैं और हमारी सरकार अफगानिस्तान में हैं, ऐसे में ये हमारे लिए काफी काम आ सकते थे. बता दें कि तालिबान के पास अब 48 विमान रह गए हैं. हालांकि इनमें से कितने विमान अच्छी कंडीशन में हैं, इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
बता दें कि 31 अगस्त की सुबह काबुल एयरपोर्ट के कुछ हिस्सों के हालात काफी अस्त-व्यस्त थे. टर्मिनल के अंदर कपड़े, सामान और दस्तावेजों के ढेर बिखरे पड़े थे. अमेरिकी फोर्स द्वारा इस्तेमाल किए गए CH-46 हेलीकॉप्टर्स भी पार्क किए हुए देखे जा सकते थे. अमेरिकी मिलिट्री ने कहा था कि उन्होंने 27 हमवीज और 73 एयरक्राफ्ट्स को काबुल एयरपोर्ट छोड़ने से पहले निष्क्रिय किया था. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने इस मामले में कहा कि उनकी तकनीकी टीम हवाईअड्डे की ''मरम्मत और सफाई'' कर रही है और उन्होंने लोगों को फिलहाल इस इलाके से दूरी बनाने की सलाह दी है.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान जुमे की नमाज के बाद दुनिया के सामने अपनी सरकार का ऐलान कर सकता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान ने नई सरकार के गठन की तैयारियां की पूरी कर ली है. माना जा रहा है कि राष्ट्रपति पैलेस में एक भव्य समारोह होगा और मुल्ला हिब्तुल्ला अखुंदजदा ही अफगानिस्तान का नया सुप्रीम लीडर होगा. (फोटो क्रेडिट: Getty images)
कुछ एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि तालिबान को अफगानिस्तान की सरकार चलाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अब तक ये संगठन अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों में विद्रोह करने में ही समय बिताता आया है. इसके अलावा हक्कानी नेटवर्क भी अफगानिस्तान में अपनी पैठ मजबूत कर रहा है और पंजशीर में एंटी तालिबान फोर्स भी एक्टिव है. ऐसे में तालिबान के लिए आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं. (फोटो क्रेडिट: Getty images)