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Taliban Afghanistan Turkey: तालिबान की तुर्की को धमकी, अफगानिस्तान से निकालो अपने सैनिक

aajtak.in
  • काबुल,
  • 13 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST
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तालिबान अफगानिस्तान के विभिन्न हिस्सों पर तेजी से कब्जा जमा रहा है. अमेरिका की वापसी के बाद अफगानिस्तान में सैनिकों की तैनाती को लेकर तालिबान ने तुर्की को चेतावनी दी है. अफगानिस्तान में सैन्य बलों की तैनाती करने के तुर्की के फैसले को तालिबान ने 'निंदनीय' बताया है.  

(फोटो-Geety Images)

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एएफपी के मुताबिक विदेशी सैनिकों की रवानगी के बाद काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने पर तुर्की को तालिबान ने यह धमकी दी है. जारी बयान में तालिबान ने कहा, 'तुर्की ने गलत सलाह पर यह फैसला लिया है. यह हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है और हमारे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है.'

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तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने 9 जुलाई को कहा था कि तुर्की और अमेरिका इस बात पर सहमत हैं कि अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी तुर्की बलों पर होगी. तुर्की ने काबुल एयरपोर्ट को सुरक्षा मुहैया कराने का वादा किया है. इसे अमेरिका और तुर्की के बीच अच्छे रिश्तों के तौर पर देखा जा रहा है.

(फोटो-AP)
 

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एर्दोगन ने कहा, "इस मुद्दे पर गुरुवार को तुर्की और अमेरिकी रक्षा मंत्रियों के बीच चर्चा हुई. अमेरिका और नाटो के साथ चर्चा के दौरान हमने तय किया कि मिशन का दायरा क्या होगा, हम क्या स्वीकार करेंगे और क्या स्वीकार नहीं करेंगे?"

(फोटो-AP)

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काबुल एयरपोर्ट को सुरक्षा मुहैया कराने का तुर्की का यह फैसला, जून में नाटो शिखर सम्मेलन से इतर ब्रसेल्स में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ एर्दोगन की बातचीत के बाद सामने आया है.

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हालांकि, तालिबान ने अंकारा के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा है कि तुर्की को भी 2020 के समझौते के अनुरूप अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए. तालिबान और अमेरिका के बीच हुए समझौते के तहत ही विदेशी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी हो रही है. इस संबंध में अमेरिका और तालिबान के बीच फरवरी 2020 में करार हुआ था. 

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बहरहाल, अमेरिका ने हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सुरक्षा मुहैया कराने के तुर्की के फैसले की सराहना की है. अफगानिस्तान में तुर्की के मिशन को मजबूत बनाने के लिए नाटो सहयोगियों और अंकारा के बीच बातचीत जारी है. काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा बंदोबस्त दुरुस्त करने के लिए पिछले महीने एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने तुर्की का दौरा किया था. तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के बीच भी इस सिलसिले में कई बार फोन पर बात हुई.

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अफगानिस्तान में पश्चिमी देशों के लिए काबुल एयरपोर्ट अहम माना जाता है. पश्चिमी देशों के राजनयिकों और सहायता कर्मियों के लिए काबुल हवाई अड्डा निकलने का मुख्य रास्ता है. चिंता की बात यह है कि अमेरिकी सैनिकी की वापसी के बाद हवाईअड्डा तालिबान के हाथों में न आ जाए, इसलिए नाटो जल्द से जल्द इसका हल निकालने की कोशिश में है. 

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तुर्की 2001 से अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. तुर्की ने अपने सैकड़ों सैन्य बलों को अफगानिस्तान में तैनात किया है. बाइडेन ऐलान चुके हैं कि अफगानिस्तान में 31 अगस्त तक अमेरिकी मिशन पूरा हो जाएगा.


(फोटो-Geety Images) 

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