पाकिस्तान में फ्रांस के राजदूत को देश निकाला दिए जाने के मुद्दे पर हिंसक प्रदर्शन में दो लोगों की मौत हो गई है. लाहौर की सड़कों पर चरमपंथी इस्लामी सियासी दल तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के कार्यकर्ताओं ने फ्रांस के साथ संबंध खत्म किए जाने और माल आयात खत्म करने की मांग को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. (फाइल फोटो-Getty Images)
असल में, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रमुख अल्लामा साद हुसैन रिजवी की गिरफ्तारी के एक दिन बाद पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में सोमवार दोपहर हिंसा भड़कने से पुलिसकर्मियों सहित कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून फिर से प्रकाशित किए जाने और राष्ट्रपति मैक्रों के इस्लामिक कट्टरपंथ को लेकर दिए गए बयानों की वजह से पाकिस्तान से फ्रांस के राजदूत को निकालने की मांग हो रही है. (फोटो-AP)
पुलिस ने टीएलपी के चीफ साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन एक ऐसा वीडियो सामने आया है जो हैरान करने वाला है. पाकिस्तानी सेना के जवानों के एक वीडियो ने पुलिस की मिलीभगत की पोल खोल दी है. (फोटो-गेटी इमेज)
असल में, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें पाकिस्तानी सेना के जवान तहरीक-ए-लब्बैक के कार्यकर्ताओं के बीच नारेबाजी करते दिखाई दे रहे हैं. जिप्सी पर खड़ा जवान लाइट मशीनगन के साथ अल जिहाद-अल जिहाद का नारा लगा रहा है. वहीं, भीड़ पाक फौज जिंदाबाद के नारे लगा रही है. कई लोग नारेबाजी करने वाले जवानों का हाथ चूमते नजर आए. (फोटो-वीडियो ग्रैब)
सैन्य बलों के जवानों के जेहादी नारा लगाने का वीडियो सामने आने पर पाकिस्तान में इसकी आलोचना भी हो रही है. पाकिस्तान की शामा जुनेजा ने ट्वीट किया, यह वीडियो हमारे सशस्त्र बलों के जरिये दुनिया को एक स्पष्ट संदेश देता है कि वे कहां खड़े हैं, वे किसके साथ हैं, और पाकिस्तान में किस तरह के सामाजिक ढांचे का समर्थन करेंगे. फिर भी हम ब्रिटेन की #FATF और उच्च जोखिम वाले देशों की सूची में शामिल होने को लेकर आश्चर्य करते हैं.
पत्रकार ताहा सिद्दीकी ने इसे पागलपन करार दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, 'पागलपन! पाकिस्तानी सेना के जवानों ने लब्बैक जिहाद-अल जिहाद चिल्लाया क्योंकि वे मोहम्मद के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए जनता को लूटते हैं. फिर भी सोच रहा था कि तहरीक-ए-लब्बैक जैसे लोगों को पाकिस्तान में कट्टरपंथी कौन बनाता है? (फोटो-Getty Images)
तहरीक-ए-लब्बैक फ्रांस में प्रकाशित एक कार्टून को लेकर विरोध कर रहा है. इस संगठन की मांग थी कि फ्रांसीसी राजदूत को घर भेजा जाए और उस देश से माल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया जाए. इमरान खान की सरकार तहरीक-ए-लब्बैक की इस मांग के आगे झुक गई और इसके लिए संसद में तीन महीने में प्रस्ताव लाने का वादा किया. यह समय सीमा 16 फरवरी समाप्त होने के बाद, सरकार ने समझौते को लागू करने में असमर्थता व्यक्त की और अधिक समय मांगा. तहरीक-ए-लब्बैक इसके लिए 20 अप्रलै तक राजी हो गया. (फोटो-Getty Images)
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, अल्लामा साद हुसैन रिजवी ने बीते रविवार को अपने समर्थकों से वीडियो मैसेज में कहा कि अगर सरकार निर्धारित समय पर वादा पूरा नहीं करती है तो धरना-प्रदर्शन के लिए तैयार रहें. इसके बाद सरकार ने साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार कर लिया.(फोटो-Getty Images)
रिजवी की गिरफ्तारी के चंदों घंटों के भीतर पाकिस्तान के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन के लिए लोग सड़कों पर उतर आए. कई जगह प्रदर्शनकारियों ने रास्ता जाम कर दिया. पुलिस बल पर पत्थर फेंका. सोमवार को आलम यह हो गया कि लाहौर, गुजरांवाला, इस्लामाबाद और पेशावर जैसे सभी मुख्य शहर एक दूसरे और देश के बाकी हिस्सों से कट गए. (फोटो-Getty Images)