भारत-पाकिस्तान की अदावत दुनियाभर में किसी से छिपी नहीं है. लेकिन टोक्यो ओलंपिक में एक पल ऐसा भी आया जब दोनों देशों के खिलाड़ी एक दूसरे को शुभकामनाएं दे रहे थे. भाला फेंक प्रतियोगिता में मेडल जीतने में नाकाम रहे पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद नदीम ने इसका खुलासा किया है. अरशद नदीम ने पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'द न्यूज' को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि रिकॉर्ड 87.58 मीटर भाला फेंक के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने शुभकामना दी थी कि उन्हें (पाकिस्तानी खिलाड़ी को) भी टोक्यो ओलंपिक में पदक मिले.
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अरशद नदीम ने एक इंटरव्यू में कहा कि नीरज चोपड़ा ने रविवार को समापन समारोह के दौरान उनसे मुलाकात की और निराशा व्यक्त की कि वह (अरशद नदीम) पदक नहीं जीत सके. अरशद नदीम ने टोक्यो में 'द न्यूज' को बताया, "जब हम समापन समारोह के लिए जा रहे थे, नीरज चोपड़ा मेरे पास आए और कहा कि यह दुर्भाग्य था कि मैं फाइनल में अच्छा थ्रो नहीं कर पाया." अरशद नदीम पहले ही नीरज को अपना आदर्श बता चुके हैं.
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विनिंग स्टैंड पर नीरज चोपड़ा के बाद चेक गणराज्य के जैकब वाडलेज और विटेज़स्लाव वेस्ली थे, जिन्होंने क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीता. नदीम 84.62 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ वेस्ली से पीछे रह गए. टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा भारत के पहले ऐतिहासिक एथलेटिक स्वर्ण विजेता बने.
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टोक्यो में भारतीय मीडिया से बात करते हुए 23 वर्षीय गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने कहा कि अच्छा होता अगर पाकिस्तानी एथलीट ने भी पदक जीता होता क्योंकि इससे एशिया नक्शे पर आ जाता. उनका कहना था, "अरशद नदीम का पोडियम पर होना भी अच्छा होता. इससे एशिया का नाम होता."
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नीरज चोपड़ा ने कहा, “मैंने महसूस किया कि ओलंपिक में (टोक्यो में) भारत-पाकिस्तान की बयानबाजी में शामिल होना गलत था क्योंकि सभी देश यहां हैं. यह सब (प्रतिद्वंद्विता) क्रिकेट में चलता है क्योंकि केवल 8-10 देश ही खेल खेलते हैं."
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नीरज चोपड़ा ने खेल में अरशद नदीम की क्षमता की तारीफ की. उन्होंने मीडिया से कहा, "उनका (अरशद नदीम) प्रदर्शन भी बहुत अच्छा था. लेकिन वह पदक नहीं जीत सके. अच्छा होता अगर एक और एशियाई देश के खाते में मेडल आ जाता." नीरज की इस परिपक्वता की पाकिस्तान में भी खूब तारीफ हो रही है. पीटीवी स्पोर्ट्स ने ट्विटर पर नीरज के बयान को शेयर करते हुए लिखा, "खेल में कोई सीमा नहीं होती है. नीरज वाकई चैंपियन बनने के हकदार हैं."
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पाकिस्तान के एक पत्रकार कामरान युसूफ ने लिखा, "पहले अरशद ने नीरज को अपना आदर्श बताया और अब नीरज ने कहा है कि वह पोडियम पर अरशद को देखना चाहते थे. काश हमारे नेताओं की भी ऐसी ही सोच होती." वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, नीरज ने खेल की भावना का प्रदर्शन किया है. उन्होंने बहुत ही अनोखा संदेश दिया है. खेल में कोई सीमाएं नहीं होतीं और ये हमेशा शांति लाने में मदद करता है.
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ओलंपिक में एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बनने का इतिहास रचने के गौरवपूर्ण पलों को याद करते हुए नीरज चोपड़ा ने बताया कि प्रतिष्ठित पदक जीतने के बाद अरशद नदीम ने भी उन्हें बधाई दी. नीरज चोपड़ा ने बताया, 'जब हम बस में एक साथ बैठे तो उन्होंने (अरशद नदीम) मुझे बधाई दी. वह मुझे एशियाई खेलों की उस तस्वीर के बारे में बता रहे थे जो वायरल हो गई थी और नदीम ने बताया कि पाकिस्तान में लोग हमारी तुलना अब्दुल खालिक और मिल्खा सिंह से करते हैं.'
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अरशद नदीम रैंकिंग प्रतियोगिता की अंक तालिका में चौथे स्थान पर थे, लेकिन जल्द ही प्रतिद्वंद्वी एथलीटों ने उन्हें पीछे छोड़ दिया. अंतिम दौर में अरशद नदीम ने अपने शुरुआती प्रयास में 82.91 मीटर और दूसरे प्रयास में 81.98 मीटर भाला फेंका. लेकिन अंतिम थ्रो में उन्हें फाउल करार दे दिया गया और वह पांचवें स्थान पर चले गए. वहीं नीरज चोपड़ा के तीन में से दो प्रयासों को फाउल बताया गया था, लेकिन उनके रिकॉर्ड 87.58 मीटर थ्रो ने उन्हें स्वर्ण पदक दिला दिया.
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नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम 2018 में एशियाई खेलों में जीत के बाद पोडियम साझा कर चुके हैं. उस दौरान नीरज चोपड़ा ने 88.06 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था जबकि पाकिस्तान के ट्रैक और फील्ड एथलीट ने 80.75 मीटर भाला फेंकने के साथ कांस्य पदक जीता था.
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टोक्यो ओलंपिक में भारत को मिली जीत को लेकर पाकिस्तान में भी तारीफ हुई. भारत को 41 साल बाद हॉकी में कांस्य पद मिला तो पाकिस्तान में तारीफ हुई. पाकिस्तानी अखबार डॉन ने लिखा कि 50 से 70 के दशक तक हॉकी में भारत और पाकिस्तान की तूती बोलती थी लेकिन धीरे-धीरे दोनों देश हाशिए पर आ गए. भारत ने लंबे समय बाद वापसी कर बता दिया है कि संकल्प हो तो वापसी मुश्किल नहीं है. दूसरी तरफ पाकिस्तान हॉकी में पिछले दो ओलंपिक से क्वॉलिफाई तक नहीं कर पा रहा. डॉन ने लिखा कि पाकिस्तान को खेल में भारी निवेश करने की जरूरत है.
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नीरज चोपड़ा ने 16 जुलाई को अपने एक ट्वीट में लिखा था, 'टोक्यो ओलंपिक 2020 की तैयारी में मेरी सारी जरूरतें पूरी कर दी गई हैं. मैं अभी यूरोप में ट्रेनिंग कर रहा हूं. मुश्किल वीजा नियमों के बावजूद मुझे सरकार और भारतीय दूतावास की तरफ से भरपूर मदद मिली. मैं इसके लिए शुक्रगुजार हूं.'
नीरज चोपड़ा के ट्वीट के साथ पाकिस्तानी पत्रकार शिराज ने अरशद के पिता के बयान को साझा किया है. अरशद के पिता ने मोहम्मद अशरफ ने कहा कि उनके बेटे पहले क्रिकेट में जाना चाहते थे लेकिन उन्होंने ही भाला फेंकने के लिए प्रेरित किया था. अशरफ राजमिस्त्री हैं और इसी की कमाई से वे अपने बेटे को ट्रेनिंग करवाते थे. अरशद गलियों और घरों में ही ट्रेनिंग करते थे. अरशद के पिता ने कहा है कि उनके बेटे को सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं मिली.
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