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विश्व

Top Ten Longest Range ICBM: ये हैं दुनिया की 10 सबसे लंबी रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलें, सूची में भारत नहीं

ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST
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हम आपको बता रहे हैं दुनिया की सबसे ज्यादा रेंज वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Intercontinental Ballistic Missile - ICBM). इन मिसाइलों के मामले में सबसे ज्यादा ताकतवर देश अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस ही हैं. इस दस बेहतरीन मिसाइलों की सूची में भारत का नाम कहीं नहीं है. सबसे पहले सबसे कम रेंज वाली मिसाइल से लेकर सबसे ज्यादा रेंज वाली मिसाइल तक... (फोटोः यूएस डिफेंस डिपार्टमेंट)

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जेएल-2, चीन (JL-2, China): चीन की यह बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी से लॉन्च की जाती है. इसका जमीनी वर्जन डीएफ-31 (DF-31) है. जिसके बारे में आप आगे इसी स्टोरी में पढ़ेंगे. चीन इस मिसाइल से किसी भी देश या इलाके पर परमाणु हमला कर सकता है. इस मिसाइल की रेंज 7400 से 8000 किलोमीटर है. यानी ये मिसाइल पूरे यूरोप, भारत, रूस और अमेरिका के कुछ हिस्सों तक आराम से पहुंच सकती है. यह जिन क्लास सबमरीन में तैनात है. इस मिसाइल में तीन से चार वॉरहेड लगाए जा सकते हैं. यानी एक ही मिसाइल से तीन या चार जगहों पर हमला किया जा सकता है. चीन के पास ऐसी मिसाइलें दागने वाली चार पनडुब्बियां हैं. हर पनडुब्बी में 12 मिसाइलें तैनात रहती हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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एम 51, फ्रांस (M51, France): फ्रांस की यह बैलिस्टिक मिसाइल भी पनडुब्बी से दागी जाती है. इसे फ्रांस के ले ट्रायमफैंट क्लास सबमरीन में तैनात किया गया है. फ्रांस के पास ऐसी चार पनडुब्बियां हैं. हर पनडुब्बी में 16 मिसाइलें तैनात हैं. यह मिसाइल पूरे पेलोड के साथ 8000 किलोमीटर और कम पेलोड के साथ 10 हजार किलोमीटर की दूरी तक जा सकती है. इसमें छह से 10 वॉरहेड लगाए जा सकते हैं. यानी एक ही मिसाइल से 6 से 10 स्थानों पर घातक हमला. इसकी सटीकता को लेकर थोड़ी दुविधा है क्योंकि ये जिस जीपीएस सिस्टम पर काम करता है, वह दुनिया में ज्यादा है नहीं. (फोटोः एएफपी)

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आर-29आरएमयू 2.1 लेनर, रूस (R-29RMU2.1 Layner, Russia): रूस की यह अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन से छोड़ी जाती है. यह सिनेवा मिसाइल का अपग्रेड वर्जन है. इसे रूस ने अपने डेल्टा चार क्लास सबमरीन में तैनात किया है. पूरे लोड के साथ इसकी रेंज 8300 किलोमीटर और कम लोड के साथ 12 हजार किलोमीटर है. इस मिसाइल की खासियत ये है कि इसमें 12 अलग-अलग तरह के वॉरहेड लगाए जा सकते हैं. यानी 12 जगहों पर अलग-अलग तरह का खतरनाक हमला. यह मिसाइल एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल शील्ड से लैस है. यानी इस पर किसी एंटी मिसाइल सिस्टम का असर नहीं होगा. मतलब इसकी लॉन्चिंग यानी तबाही पक्की. (फोटोः विकिपीडिया) 

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बुलावा, रूस (Bulava, Russia): रूस की बुलावा मिसाइल को सबमरीन से लॉन्च किया जाता है. इसे रूस की नई बोरेई क्लास सबमरीन में तैनात किया गया है. ये तोपोल-एम मिसाइल का नौसैनिक वर्जन है. इसकी रेंज 9500 किलोमीटर है. इस पर छह वॉरहेड लगाए जा सकते हैं. अगर इस पर 10 वॉरहेड लगाए जाते हैं तो रेंज घटकर 4000 किलोमीटर हो जाती है. यह रूस के ग्लोनास सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम से दिशा और टारगेट तय करती है. यह कई तरह के एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा दे सकती है. रूस के पास तीन बोरेई क्लास सबमरीन है. हर सबमरीन पर 16 मिसाइलें तैनात हैं. (फोटोः विकिपीडिया)

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आर-36एम2 वोयेवोदा, रूस (R-36M2 Voyevoda, Russia): सोवियत संघ के समय बनी R-36 मिसाइल को स्कार्प के नाम से भी जानते हैं. इसकी रेंज 11 हजार किलोमीटर है. ये रूस के 'Satan' मिसाइलों की पूर्वज है. यह बेहद तेज गति से उड़ने वाली मिसाइल है. साथ ही इसका वजन भी बहुत ज्यादा है. इसे जमीन में बने साइलो से लॉन्च की जाती है. यह अपने साथ 10 वॉरहेड ले जा सकती है. यानी दस जगहों पर एक साथ हमला. इसकी गति की वजह से इसके परमाणु वॉरहेड्स को एयर डिफेंस सिस्टम पकड़ नहीं पाते. अगर इस मिसाइल को दागा जाए तो यह अमेरिका के किसी भी तीन राज्य को एक बार में पूरी तरह से खत्म कर सकती है. (फोटोः रॉयटर्स)

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डीएफ-31एजी, चीन (DF-31AG, China): चीन की नई ICBM मिसाइल. इसे कई सालों तक चीन छिपाते रहा लेकिन बाद में 2017 में इसे जनता के सामने प्रदर्शित करना पड़ा. इसे दागने के लिए जमीन में बने साइलो का उपयोग करना होता है या फिर रोड मोबाइल वर्जन वाले सेमी-ट्रेलर से. इसकी रेंज 11, 200 किलोमीटर है. यह अमेरिका, यूरोप और रूस के हर हिस्से को टारगेट कर सकती है. यह अपने साथ एक ही वॉरहेड ले जाती है. हालांकि इसपर कई वॉरहेड लगाने की सुविधा भी उपलब्ध है. (फोटोः एएफपी)

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डीएफ-41, चीन (DF-41, China): माना जाता है कि चीन की ये मिसाइल इस समय दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइलों में से एक है. इसे 8 एक्सल लॉन्चर व्हीकल से दागी जाती है. इसकी रेंज 12 हजार किलोमीटर है. यह अपने साथ 10 वॉरहेड ले जा सकती है. यह अमेरिका के किसी भी हिस्से पर हमला कर सकता है. यूरोप और रूस का भी कोई हिस्सा इससे अछूता नहीं है. यह लॉन्च होने के बाद सिर्फ 20 से 25 मिनट में अमेरिका के किसी भी टारगेट को बर्बाद कर सकती है. यह पूरे देश को बर्बाद करने की क्षमता रखती है. इसकी एक्यूरेसी 150 मीटर है. लेकिन इतने खतरनाक मिसाइल के लिए 150 मीटर की सटीकता रेंज बहुत कम है. दुश्मन के लिए यह बेहद घातक स्थिति पैदा कर देती है. (फोटोः एएफपी)

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आरएस-24 यार्स, रूस (RS-24 Yars, Russia): यह रूस की नई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है. इसे मोबाइल लॉन्चर और साइलो से लॉन्च किया जाता है. रूस ने 63 मोबाइल और 10 साइलो बेस्ड लॉन्चिंग स्टेशन बनाए हैं. इसकी रेंज 12 हजार किलोमीटर है. यह अपने साथ छह वॉरहेड ले जा सकता है. यानी एकसाथ ही छह स्थानों पर घातक हमला. हालांकि कुछ लोग यह भी कहते हैं कि यह 10 वॉरहेड ले जा सकता है. यार्स मिसाइल किसी भी तरह के एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा दे सकता है. क्योंकि इसकी गति काफी तेज मानी जाती है. (फोटोः एएफपी)

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ट्राईडेंट 2, अमेरिका (Trident II, USA): अमेरिका की ट्राईडेंट 2 या ट्राईडेंट डी5 एक सबमरीन लॉन्च्ड ICBM है. अमेरिका ने इसे ओहायो क्लास सबमरीन में तैनात किया है. इसकी रेंज फुल लोड के साथ 7800 और कम लोड के साथ 12 हजार किलोमीटर है. यह बाकी बैलिस्टिक मिसाइलों से रेंज में कम जरूर हो सकती है. लेकिन इसकी सटीकता, ज्यादा पेलोड और गति इसे बेहद घातक बनाती हैं. यह अपने साथ 14 वॉरहेड ले जा सकती है. इसके वॉरहेड्स दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देने के लिए बनाए गए हैं. इसकी सटीकता का रेंज 90 मीटर है. (फोटोः रॉयटर्स)

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एलजीएम-30जी मिनटमैन 3, अमेरिका (LGM-30G Minuteman III, USA): अमेरिका की मिनटमैन 3 मिसाइल को साइलो से लॉन्च किया जाता है. अमेरिका के पास ऐसी 450 मिसाइलें हैं. इसकी रेंज 13 हजार किलोमीटर है. अमेरिका ने इस मिसाइल के साइलो पूरे देश में चारों तरफ बना रखे हैं. यह अधिकतम 1100 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. मिसाइल की स्पीड ही इसे सबसे ज्यादा खतरनाक बनाती है. यह मैक 23 यानी 28,200 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलती है. यह करीब 60 फीट लंबी है. इसका व्यास 5.6 फीट का है. तीन स्टेज के सॉलिड फ्यूल रॉकेट इंजन से उड़ती है ये मिसाइल. यह एकसाथ एक से तीन वॉरहेड ले जा सकती है. (फोटोः गेटी)

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