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भूकंप से 2200 साल पुराना किला, 100 बरस पुरानी मस्जिद समेत कई इमारतें ध्वस्त, तस्वीरों में देखें तुर्की-सीरिया की तबाही

बिदिशा साहा/दीप्ति यादव
  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST
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तुर्की के गांजियाटेप प्रांत में सोमवार तड़के 4.17 मिनट पर भूकंप का पहला जोरदार झटका आया. इसके बाद लगातार कई आफ्टरशॉक ने सभी को दहला दिया. भूकंप के इस झटके को बीती एक सदी की सबसे भयावह आपदा बताई गई. इमारतें देखते ही देखते ढह गईं और घर मलबे में तब्दील हो गए. इस विनाश में तुर्की का 2200 साल पुराना किला भी जमींदोज हो गया. इसे तुर्की का सबसे संरक्षित किला माना जाता रहा है. इसका इतिहास रोमन साम्राज्य के दौर से जुड़ा हुआ है, जिसका इस्तेमाल वॉचटावर के तौर पर किया जाता था.

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भूकंप में तुर्की की ऐतिहासिक मस्जिद भी तबाह हो गई. तुर्की के मालाटया शहर में स्थित यह ऐतिहासिक येनी कैमी (Yeni Camii) मस्जिद खंडहर में तब्दील हो गई. यह मस्जिद 100 साल से अधिक पुरानी थी लेकिन भूकंप से यह तहस-नहस हो गई है. इससे 100 सालों का इतिहास जुड़ा हुआ है, जो अब मलबे में दब गया. 

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सीरिया का अलेप्पो शहर दुनिया के प्राचीन शहरों में से एक है. यहां बहुत सारी ऐतिहासिक इमारते हैं, जो यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में भी शामिल हैं. लेकिन भूकंप में सीरिया का लोकप्रिय अलेप्पो सिटेडल (Aleppo Citadel) भी विनाश की भेंट चढ़ गया. तस्वीरों में देखा जा सकता है कि इस किले की दीवारें ढह गई हैं. 

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तुर्की भूकंप में देश की कई ऐतिहासिक धरोहरें नष्ट हुई हैं, जिनमें एक बेहद लोकप्रिय मस्जिद भी शामिल है, जिसे Maras Ulu CAMII कहा जाता है. इस भूकंप ने देश की कई ऐतिहासिक धरोहरों को नष्ट कर दिया है. सांस्कृतिक रूप से संपन्न तुर्की का सौंदर्य भूकंप ने सिलसिलेवार कई झटकों में छीन लिया. 

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तुर्की भूकंप में देश की कई प्रमुख इमारतें धराशायीं हुई हैं, जिनमें ऐतिहासिक मस्जिदें, किले, महल, चर्च और लाइटहाउस शामिल हैं. भूकंप से इमाम इस्मायल मस्जिद के भी नष्ट होने की खबर है. लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. शहर के कई बड़े शॉपिंग कॉम्पलेक्स, अंतरराष्ट्रीय संगठनों की इमारतें और मल्टीनेशनल कंपनियों की इमारतें शामिल हैं. 

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तुर्की और सीरिया में सोमवार को भूकंप के कई झटकों और आफ्टरशॉक से भारी तबाही मची. बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि के साथ ऐतिहासिक धरोहरों को भी नुकसान पहुंचा. भूकंप से अब तक 6200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. भारत सहित 70 देश तुर्की की मदद को आगे आए हैं. भारत ने तुर्की के साथ-साथ सीरिया की मदद के लिए भी हाथ बढ़ाया है. 

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